रांची: समग्र शिक्षा के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का बैंक खाता खोलना अनिवार्य है. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इसके लिए निर्देश भी कई बार जारी किए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का बैंक अकाउंट नहीं खुल (All Children Bank Account Not Opened Yet) पाया है.
अब तक 32 हजार बच्चों का ही खुल पाया है बैंक खाताः झारखंड शिक्षा परियोजना के आंकड़ों पर नजर दौड़ायें तो राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 50 लाख, पांच हजार, 638 है. जिसमें 24 नवंबर तक 32 लाख, 33 हजार, 436 बच्चों का ही बैंक खाता खुला है. विभाग द्वारा इस वर्ष 17 अक्टूबर से 24 नवंबर तक जिला स्तर पर लगाए गए विशेष कैंप में भी जो सफलता की उम्मीद की जा रही थी कि वह नहीं मिल पाया है.
कोडरमा में एक भी बच्चा का खाता विशेष कैंप में नहीं खुलाः आंकड़ों के मुताबिक कोडरमा जैसे जिले में एक भी बच्चा का खाता विशेष कैंप में नहीं खुल पाया है. इस तरह से राज्य भर में विशेष कैंप के दौरान (Special Camps Organize Across The State) मात्र 6895 बच्चों का बैंक अकाउंट खुला है. जबकि 48605 आवेदन बैंक का खाता खोलने के लिए प्राप्त हुए हैं. आज भी राज्य भर में 17 लाख, 72 हजार, 202 बच्चों का बैंक अकाउंट नहीं खुला है.
बैंक और बच्चों के अभिभावकों की उदासीनता बनी बड़ी वजहः झारखंड में सरकारी स्कूलों के बच्चों को बैंक खाता खोलने में आ रही परेशानी को स्वीकार करते हुए राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी का कहना है कि इसके पीछे बैंक और बच्चों के अभिभावक जिम्मेदार हैं. विभाग द्वारा कोशिश की जा रही है कि सभी बच्चों का बैंक खाता खुल जाए. जिससे सरकारी सहायता उनके खाते में सीधे चली जाए, लेकिन इतना प्रयास के बावजूद बैंक खाता नहीं खुल पा रहा है. हालांकि इसको लेकर कई जिलों को पत्र लिखा गया है.
एक से पांच वर्ग के बच्चों का बैंक खाता खोलने का है निर्देशः गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक से पांच वर्ग के बच्चों का बचत बैंक खाता निशुल्क और जीरो बैलेंस पर खोलने का निर्देश है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत राशि निकासी और खर्च करने की प्रक्रिया में केंद्र सरकार द्वारा बदलाव किया गया है.