रांची: झारखंड सरकार ने अपने सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह अपना हेडक्वार्टर छोड़ने से पहले सक्षम अथॉरिटी से परमिशन लें. इतना ही नहीं उन्हें अपनी यात्रा की जगह का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा. कोविड-19 के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति को देखते हुए अनलॉक 3 के दौरान सरकारी कार्यालयों के संचालन को लेकर शुक्रवार को जारी की गई गाइडलाइन में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है. इस बाबत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव समेत जिलों के उपायुक्तों तक इससे जुड़ा निर्देश भेजा है.
निर्देश में यह स्पष्ट लिखा है कि पदाधिकारी और कर्मी द्वारा अगर सरकारी कार्य अवश्य राज्य से बाहर की यात्रा करते हैं तो उनके झारखंड वापस लौटने पर क्वॉरेंटाइन लीव स्वीकृत की जाएगी. उस अवधि में वह होम क्वॉरंटाइन में रहेंगे. वहीं, निजी काम से अगर राज्य से बाहर जाते हैं तो भी उन्हें झारखंड वापस लौटने पर 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन का पालन करना होगा और उनका अवकाश स्वीकृत किया जाएगा. इतना ही नहीं उन्हें इस बात की सूचना देनी होगी कि वह कहां जा रहे हैं. उसके अलावा आवश्यक निवारक उपाय भी अपनाना होगा. साथ ही संक्रमित स्थलों की यात्रा से उन्हें परहेज करना होगा. वहीं, यदि पदाधिकारी या कर्मी के मकान में रहने वाला कोई सदस्य कोविड-19 पॉजिटिव पाया जाता है तो उन्हें नियमानुसार क्वॉरेंटाइन लीव स्वीकृत की जाएगी.
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सगे संबंधी आएं तो करानी होगी जांच
इसके अलावा अगर किसी कर्मी का आवासीय क्षेत्र क्वॉरेंटाइन जोन के अंदर आता है तो भी उन्हें क्वॉरेंटाइन लीव दी जाएगी. इतना ही नहीं अगर किसी पदाधिकारी और कर्मी के संबंधी दूसरे राज्यों से आते हैं तो उन्हें भी 14 दिन का क्वॉरेंटाइन कराना होगा. साथ ही उनकी कोविड-19 की जांच कराकर विभाग को इनफॉर्म करना होगा. होम क्वॉरेंटाइन के दौरान पदाधिकारी अपने घर से बाहर नहीं निकलेगा और बाहर किसी व्यक्ति से भी नहीं मिलेगा. संभव होगा तो घर में भी रहने वाले लोगों से दूरी रखी जाएगी. बता दें कि झारखंड सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अनलॉक 3 में किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी. साथ ही 31 अगस्त तक झारखंड सरकार उसी फॉर्मूले पर चलेगी, जिस पर अब तक चलती आ रही है.