रांची: झारखंड में बालू के अवैध कारोबार का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है. बालू घाटों से अवैध खनन कर माफिया मनमाने दामों में बालू बेच रहे हैं. प्रशासन की नाक के नीचे ये सारा खेल चल रहा है. पुलिस और बालू माफिया की मिलीभगत से चल रहे इस धंधे में कई सफेदपोश भी शामिल हैं जिनकी पहुंच सत्ता के गलियारों तक है. इसके कारण सरकार की सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह जाती हैं.
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नाम न छापने की शर्त पर बताई पूरी कहानी
बालू कारोबार से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विभाग ने अब तक टेंडर नहीं किया है जिसके कारण खनन जारी है. बालू खनन के लिए प्रशासन को पैसे दिए जाते हैं. एक थाने में 5 हजार रुपए एडवांस में देने पड़ते हैं. पैसे देने पर ही गाड़ी को आगे जाने दिया जाता है. सरकार अगर टेंडर कर देती तो राजस्व भी मिलता और कारोबारी भी शांति से काम करते.
सीएम की घोषणा हवा हवाई
बजट सत्र के दौरान बालू उठाव को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ था. बालू घाटों से हो रहे अवैध खनन रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन ऐप के जरिए बालू की बुकिंग कर लोगों को घर बैठे 785 रुपए में 100 सीएफटी और परिवहन शुल्क के साथ बालू उपलब्ध कराने की घोषणा की थी.
इसके बाद जेएसएमडीसी ने SAND TAXI ऐप भी तैयार किया है. jsmdcsandtaxi.com के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन बालू खरीदने की व्यवस्था की गई है लेकिन सरकार की यह व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है.
जनता परेशान, माफिया मालामाल
झारखंड में सालाना 300 करोड़ का राजस्व देने वाले इस सेक्टर में माफिया पूरी तरह सक्रिय हैं. अब तक राज्य भर में मात्र 32 बालू घाट वैध रूप से चल रहे हैं जबकि राज्य में अनधिकृत रूप से इनकी संख्या 400 से ज्यादा है. अनधिकृत रूप से हो रहे बालू खनन में दलाल और माफिया की मिलीभगत का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में 10 से 12 हजार में एक हाईवा मिलने वाली बालू अभी 16 से 17 हजार तक में बिक रही है.
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बालू पर राजनीति हावी
बालू के अवैध खनन को लेकर सड़क से सदन तक आवाज उठाने में जुटी बीजेपी ने सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. विधायक सीपी सिंह ने सरकार के आश्वासन को हवा हवाई बताते हुए कहा है कि हेमंत सरकार ने जो भी वादे किए हैं वो पूरे नहीं हुए हैं.
बालू को लेकर पहले भी हेमंत सरकार बदनाम रही है. इस बार भी वही हाल है. इधर, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा है बालू का खेल बीजेपी राज में किस कदर होता रहा है वह उन्हें याद करना चाहिए. बीजेपी के एक विधायक बालू के खेल में किस कदर शामिल रहे हैं वो शायद भाजपा भूल गई है.
बालू के दामों में हुई वृद्धि को लेकर चैंबर ऑफ कामर्स ने नाराजगी जताई है. चैंबर ऑफ कामर्स के सचिव राहुल मारू ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि व्यवस्था तो शुरू होती है लेकिन यह चल नहीं पाती है. इसके कारण ऐप का भी यही हश्र हुआ और लोग ऊंची कीमतों पर बालू खरीदने को मजबूर हैं.