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झारखंड में स्कूल खुलने पर संशय बरकरार, जानिए क्या कुछ है तैयारी

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Published : Oct 31, 2020, 12:04 AM IST

कोरोना काल में बंद स्कूल अब दोबारा खोले जाने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किया है. हालांकि अनलॉक पांच के तहत केंद्र ने स्कूलों को फिर से खोलने पर निर्णय राज्य सरकार पर ही छोड़ा है. ऐसे में फिलहाल झारखंड में स्कूल खोलने पर संशय बरकरार है.

government has not decided on opening of school in jharkhand
स्कूल खुलने पर संशय

रांचीः झारखंड में स्कूल कब खुलेंगे, छात्रों अभिभावकों और शिक्षकों के लिए यह एक बड़ा सवाल है. स्कूल प्रबंधकों को भी अब तक राज्य शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर कोई विशेष गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है. इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किया है. हालांकि अनलॉक पांच के तहत केंद्र ने स्कूलों को फिर से खोलने पर निर्णय राज्य सरकार पर ही छोड़ा है. ऐसे में फिलहाल झारखंड में स्कूल खोले जाने को लेकर संशय बरकरार है.

झारखंड में स्कूल खुलने पर संशय.
राज्य शिक्षा विभाग आपदा प्रबंधन विभाग की हरी झंडी का इंतजारप्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों से भी दो बार राय ली जा चुकी है. 70 से 80% अभिभावक फिलहाल अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं. 20% अभिभावक सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए स्कूल खोले जाने को लेकर सहमत हैं. जबकि 70 से 80% अभिभावक वैक्सीन आने के बाद ही स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं. वहीं राज्य सरकार ने सीनियर विद्यार्थियों के पठन-पाठन सुनिश्चित करने को लेकर अभिभावकों से अनुमति लेने के बाद स्कूल खोले जाने को लेकर विमर्श कर रही है.

फिलहाल इस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सका है. अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों के लिए फिजिकल तौर पर स्कूल जाकर क्लास करवाने के बजाय ऑनलाइन क्लासेज दिलाना चाहते हैं और सरकारी गाइडलाइन के तहत वैसे अभिभावकों और विद्यार्थियों पर स्कूल भेजने का दबाव भी नहीं बनाया जा सकता है. छात्र-छात्राएं अपने अभिभावक की लिखित सहमति पत्र के साथ ही स्कूल जा सकेंगे. अटेंडेंस के अनिवार्यता झारखंड के अधिकतर निजी स्कूलों ने समाप्त कर दिया है. वहीं सरकारी स्कूलों में भी अटेंडेंस को लेकर कोई बाध्यता नहीं है. लेकिन सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस को दुरुस्त करने के लिए फिलहाल और भी योजनाएं बनाने की जरूरत है.

केंद्रीय शिक्षा विभाग ने तैयार किया है SOP
अगर शिक्षा विभाग की बात करें तो केंद्रीय शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर एक SOP तैयार की गई है. एसओपी का पहला हिस्सा स्वास्थ सफाई और सुरक्षा के बारे में है. दूसरे हिस्से में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए पढ़ने पढ़ाने पर जोर दिया गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने तमाम राज्य सरकारों से अपील किया है कि वह अपने स्तर से स्कूल खोल सकते हैं. बशर्ते केंद्रीय गाइडलाइन का पालन उन्हें करना पड़ेगा. इधर राज्य शिक्षा विभाग ने भी स्कूल खोले जाने को लेकर कुछ निर्णय जरूर लिए हैं. लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद ही स्कूल खोले जाने को लेकर सहमति बन सकती है. हालांकि झारखंड में ऐसे कई स्कूल है जो फिलहाल स्कूल खोले जाने की स्थिति में है ही नहीं, इनमें ज्यादातर सरकारी स्कूल है. जहां स्कूलों को साफ-सफाई और सेनेटाइज करने की समुचित व्यवस्था नहीं है. हाथ धोने और डिसइंफेक्शन का इंतजाम भी करना ऐसे सरकारी स्कूलों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. बच्चों के बैठने का प्लान बनाने से लेकर सुरक्षित ट्रांसपोर्ट और क्लास के बीच समय के खास अंतर का प्लान भी करना होगा. प्रवेश और निकास के बिंदुओं पर भी सुरक्षा के इंतजाम करने की व्यवस्था रखनी होगी.

अभिभावक और विद्यार्थी स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं
फिलहाल राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के तहत यह कहा गया है कि झारखंड में छात्रों के पास स्कूल जाने या ऑनलाइन क्लास करने का विकल्प है. विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए फोर्स नहीं किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन राज्यों को स्कूल खोलने में करना होगा. अनलॉक 5.0 की गाइडलाइन जारी हो चुका है. जिसमें 15 अक्टूबर से स्कूल को खोलने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है. हालांकि मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि छात्रों को उनके अभिभावक की लिखित अनुमति के आधार पर ही स्कूलों में प्रवेश दिया जा सकता है. जबकि झारखंड में ना तो विभाग फिलहाल स्कूल खोलने को लेकर तैयार हैं और ना ही स्कूल प्रबंधक ही स्कूलों में फिलहाल स्कूल खोले जाने की कुछ तैयारी कर रहे हैं. वहीं अभिभावक और विद्यार्थी भी फिलहाल स्कूल जाना नहीं चाहते हैं.

अधिकतर अभिभावकों की एक ही राय
विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के अभिभावकों की लगभग एक ही राय है माता-पिता को चिंता है कि अगर उनके नौनिहाल स्कूल जाएंगे तो उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल वैक्सिन नहीं है. ऐसे में जूनियर बच्चे मास्क लगाना नहीं चाहते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी बच्चों की ओर से रखा नहीं जा सकता है. ऐसे में बच्चों के लिए फिलहाल स्कूल खोला जाना खतरनाक हो सकता है. ऐसे और भी कई माता-पिता है जो बच्चों के भविष्य को देखते हुए फिलहाल ऑनलाइन क्लासेस पर फोकस रहना चाहते हैं. गुणवत्तायुक्त ऑनलाइन क्लासेस हो इस दिशा में स्कूल प्रबंधकों को ठोस कदम उठाने का सलाह देते हैं. राजधानी के ऐसे कई बड़े स्कूलों के प्रिंसिपल्स भी कहते हैं कि फिलहाल स्कूल खोले जाने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से दिशा निर्देश मिलते ही स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर स्कूल खोलने पर विचार जरूर करेगी.

इसे भी पढ़ें- लालू प्रसाद की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जमानत के खिलाफ सीबीआई सुप्रीम कोर्ट की ओर


लगभग 7 महीने से बंद हैं स्कूल
कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लगे लॉकडाउन के बाद स्कूलों को बंद करने के आदेश दे दिए थे. मार्च के बाद से ही स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे हैं. हालांकि कोरोना मामलों की संख्या अभी भी लगातार बढ़ रही है. इसके बावजूद सुरक्षा संबंधी मानकों का पालन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑनलक 5.0 में स्कूलों को 15 अक्टूबर से खोलने की अनुमति दे दी थी. हालांकि इस दिशा में झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग में कोई कदम नहीं उठाया है और ना ही फिलहाल स्कूल खोले जाने को लेकर कोई ठोस निर्णय लिया जा सका है. हालांकि राज्य शिक्षा विभाग की ओर से कई लंबित परीक्षाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए आयोजित किया जा रहा है. फिलहाल झारखंड में स्कूल खोले जाने की कोई आसार नहीं दिख रहा है.

रांचीः झारखंड में स्कूल कब खुलेंगे, छात्रों अभिभावकों और शिक्षकों के लिए यह एक बड़ा सवाल है. स्कूल प्रबंधकों को भी अब तक राज्य शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर कोई विशेष गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है. इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूल खोले जाने को लेकर निर्देश जारी किया है. हालांकि अनलॉक पांच के तहत केंद्र ने स्कूलों को फिर से खोलने पर निर्णय राज्य सरकार पर ही छोड़ा है. ऐसे में फिलहाल झारखंड में स्कूल खोले जाने को लेकर संशय बरकरार है.

झारखंड में स्कूल खुलने पर संशय.
राज्य शिक्षा विभाग आपदा प्रबंधन विभाग की हरी झंडी का इंतजारप्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों से भी दो बार राय ली जा चुकी है. 70 से 80% अभिभावक फिलहाल अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं. 20% अभिभावक सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए स्कूल खोले जाने को लेकर सहमत हैं. जबकि 70 से 80% अभिभावक वैक्सीन आने के बाद ही स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं. वहीं राज्य सरकार ने सीनियर विद्यार्थियों के पठन-पाठन सुनिश्चित करने को लेकर अभिभावकों से अनुमति लेने के बाद स्कूल खोले जाने को लेकर विमर्श कर रही है.

फिलहाल इस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सका है. अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों के लिए फिजिकल तौर पर स्कूल जाकर क्लास करवाने के बजाय ऑनलाइन क्लासेज दिलाना चाहते हैं और सरकारी गाइडलाइन के तहत वैसे अभिभावकों और विद्यार्थियों पर स्कूल भेजने का दबाव भी नहीं बनाया जा सकता है. छात्र-छात्राएं अपने अभिभावक की लिखित सहमति पत्र के साथ ही स्कूल जा सकेंगे. अटेंडेंस के अनिवार्यता झारखंड के अधिकतर निजी स्कूलों ने समाप्त कर दिया है. वहीं सरकारी स्कूलों में भी अटेंडेंस को लेकर कोई बाध्यता नहीं है. लेकिन सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस को दुरुस्त करने के लिए फिलहाल और भी योजनाएं बनाने की जरूरत है.

केंद्रीय शिक्षा विभाग ने तैयार किया है SOP
अगर शिक्षा विभाग की बात करें तो केंद्रीय शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर एक SOP तैयार की गई है. एसओपी का पहला हिस्सा स्वास्थ सफाई और सुरक्षा के बारे में है. दूसरे हिस्से में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए पढ़ने पढ़ाने पर जोर दिया गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने तमाम राज्य सरकारों से अपील किया है कि वह अपने स्तर से स्कूल खोल सकते हैं. बशर्ते केंद्रीय गाइडलाइन का पालन उन्हें करना पड़ेगा. इधर राज्य शिक्षा विभाग ने भी स्कूल खोले जाने को लेकर कुछ निर्णय जरूर लिए हैं. लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद ही स्कूल खोले जाने को लेकर सहमति बन सकती है. हालांकि झारखंड में ऐसे कई स्कूल है जो फिलहाल स्कूल खोले जाने की स्थिति में है ही नहीं, इनमें ज्यादातर सरकारी स्कूल है. जहां स्कूलों को साफ-सफाई और सेनेटाइज करने की समुचित व्यवस्था नहीं है. हाथ धोने और डिसइंफेक्शन का इंतजाम भी करना ऐसे सरकारी स्कूलों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. बच्चों के बैठने का प्लान बनाने से लेकर सुरक्षित ट्रांसपोर्ट और क्लास के बीच समय के खास अंतर का प्लान भी करना होगा. प्रवेश और निकास के बिंदुओं पर भी सुरक्षा के इंतजाम करने की व्यवस्था रखनी होगी.

अभिभावक और विद्यार्थी स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं
फिलहाल राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के तहत यह कहा गया है कि झारखंड में छात्रों के पास स्कूल जाने या ऑनलाइन क्लास करने का विकल्प है. विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए फोर्स नहीं किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन राज्यों को स्कूल खोलने में करना होगा. अनलॉक 5.0 की गाइडलाइन जारी हो चुका है. जिसमें 15 अक्टूबर से स्कूल को खोलने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है. हालांकि मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि छात्रों को उनके अभिभावक की लिखित अनुमति के आधार पर ही स्कूलों में प्रवेश दिया जा सकता है. जबकि झारखंड में ना तो विभाग फिलहाल स्कूल खोलने को लेकर तैयार हैं और ना ही स्कूल प्रबंधक ही स्कूलों में फिलहाल स्कूल खोले जाने की कुछ तैयारी कर रहे हैं. वहीं अभिभावक और विद्यार्थी भी फिलहाल स्कूल जाना नहीं चाहते हैं.

अधिकतर अभिभावकों की एक ही राय
विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के अभिभावकों की लगभग एक ही राय है माता-पिता को चिंता है कि अगर उनके नौनिहाल स्कूल जाएंगे तो उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल वैक्सिन नहीं है. ऐसे में जूनियर बच्चे मास्क लगाना नहीं चाहते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी बच्चों की ओर से रखा नहीं जा सकता है. ऐसे में बच्चों के लिए फिलहाल स्कूल खोला जाना खतरनाक हो सकता है. ऐसे और भी कई माता-पिता है जो बच्चों के भविष्य को देखते हुए फिलहाल ऑनलाइन क्लासेस पर फोकस रहना चाहते हैं. गुणवत्तायुक्त ऑनलाइन क्लासेस हो इस दिशा में स्कूल प्रबंधकों को ठोस कदम उठाने का सलाह देते हैं. राजधानी के ऐसे कई बड़े स्कूलों के प्रिंसिपल्स भी कहते हैं कि फिलहाल स्कूल खोले जाने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से दिशा निर्देश मिलते ही स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर स्कूल खोलने पर विचार जरूर करेगी.

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लगभग 7 महीने से बंद हैं स्कूल
कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लगे लॉकडाउन के बाद स्कूलों को बंद करने के आदेश दे दिए थे. मार्च के बाद से ही स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे हैं. हालांकि कोरोना मामलों की संख्या अभी भी लगातार बढ़ रही है. इसके बावजूद सुरक्षा संबंधी मानकों का पालन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑनलक 5.0 में स्कूलों को 15 अक्टूबर से खोलने की अनुमति दे दी थी. हालांकि इस दिशा में झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग में कोई कदम नहीं उठाया है और ना ही फिलहाल स्कूल खोले जाने को लेकर कोई ठोस निर्णय लिया जा सका है. हालांकि राज्य शिक्षा विभाग की ओर से कई लंबित परीक्षाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए आयोजित किया जा रहा है. फिलहाल झारखंड में स्कूल खोले जाने की कोई आसार नहीं दिख रहा है.

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