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रांची: झारखंड के किसान बारिश की बूंदों के लिए तरस रहे हैं. बादल तो उमड़ते हैं लेकिन कहीं-कहीं हल्की फुहार देकर ओझल हो जाते हैं. आलम यह है कि 25 जुलाई तक राज्य में 434.7 मिमी के बजाए महज 236.3 मिमी बारिश ही रिकॉर्ड हो पाई है. लिहाजा, अभी तक सामान्य औसत से 46 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इस वजह से किसान परेशान हैं. खेतों में बिचड़े तैयार कर अच्छी बारिश की राह ताक रहे हैं ताकि रोपनी कर सकें. लेकिन अगले तीन दिनों तक किसानों को राहत मिलती नहीं दिख रही है. अभी तक सिर्फ तीन जिलों में सामान्य, 16 जिलों में सामान्य से थोड़ा कम और पांच जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. जाहिर है स्थिति गंभीर है.
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28 जुलाई से अच्छी बारिश की उम्मीद: मौसम केंद्र, रांची के मुताबिक 28 जुलाई से अच्छी बारिश की संभावना बनती दिख रही है. मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इस सिस्टम के तहत झारखंड को ठीक-ठाक बारिश मिल सकती है. फिलहाल 25 से 27 जुलाई तक पिछले सप्ताह की तुलना में कम बारिश के आसार हैं. लेकिन 28 जुलाई से स्थिति बदल सकती है. पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश बोकारो में 36 मिमी रिकॉर्ड हुई है. इस दौरान मानसून की गतिविधि कमजोर दिखी है. फिलहाल मॉनसून झारखंड के दक्षिणी हिस्से से ओड़िशा के नीचे की तरफ गुजर रहा है. लेकिन एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनता दिख रह है जो पश्चिम मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना है. इसकी वजह से इस क्षेत्र में 25 जुलाई से लो-प्रेशर बनने की संभावना है जो आने वाले समय में और तीव्र हो सकता है. अगले 27 जुलाई तक कुछ जगहों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश देखने को मिल सकती है.
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मौसम केंद्र की चेतावनी: मौसम केंद्र के मुताबिक 26 से 28 जुलाई के बीच कहीं कहीं मेघ गर्जन और वज्रपात की संभावना है. इस दौरान दक्षिणी और मध्य इलाकों के अलावा अन्य इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है. ऐसे समय में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. पिछले स्पेल में थोड़ी अच्छी बारिश हुई थी लेकिन अचानक इसमें कमी आ गई है. लेकिन 28 जुलाई से मॉनसून की गतिविधि में तेजी आने की संभावना है.
पिछले साल मॉनसून की दगाबाजी की वजह से राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखाड़ घोषित किए गये थे. इस साल भी कमोबेश वही स्थिति नजर आ रही है. अब सारी उम्मीद 28 जुलाई पर टिकी हुई है. उस दिन बन रहे लो-प्रेशर की वजह से राज्य में अच्छी बारिश के आसार हैं. अगर ऐसा होता है तो धान रोपाई के काम में तेजी आ सकती है. हालांकि यह बस अनुमान भर है. फिलहाल, किसानों के पास इंतजार करने के सिवा कुछ नहीं बचा है.