रांची: राज्यसभा में शुक्रवार (23 जुलाई ) को झारखंड में फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) योजना का मुद्दा उठाया गया. सासंद महेश पोद्दार ने रांची जिले के गेतलसूद स्थित मेगा फूड पार्क (Mega Food Park) से संबंधित प्रश्न को राज्यसभा में उठाया. उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास को वक्त की मांग बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इसके लिए बड़े-बड़े वादे और दावे कर रही है. लेकिन जब तक राज्य की प्रशासनिक मशीनरी और कार्यसंस्कृति में बदलाव नहीं आता है तो इसकी कल्पना बेमानी है.
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महेश पोद्दार के प्रश्न का केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब
राज्य सभा में महेश पोद्दार के प्रश्न का जवाब देते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि 30 मार्च 2009 को स्वीकृत गेतलसूद की मेगा फूड पार्क परियोजना को 24 सितंबर 2019 को रद्द करना पड़ा. मंत्रालय को इस परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुईं थीं. अनुमोदन के बावजूद एसपीवी केन्द्रीय प्रसंस्करण केंद्र (Central Processing Center) और प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र (Primary Processing Center) पर अनुमोदित सुविधाओं को पूर्ण नहीं कर पाया और परियोजना की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई. इस परियोजना को एमएफपीआई से 50 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था.
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
बता दें कि भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) उद्योग मंत्रालय ने झारखंड गेतलसूद में मेगा फूड पार्क की स्वीकृति दी थी. मेसर्स झारखंड मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड को एसपीवी बनाया गया था. मंत्रालय को इस परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं. महेश पोद्दार ने कहा है कि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को निःसंदेह बढ़ावा दिया जाना चाहिए लेकिन इस दिशा में किसी भी पहल से पूर्व राज्य सरकार को गेतलसूद मेगा फूड पार्क के अनुभवों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए.