रांची: मगध आम्रपाली कोल परियोजना से रंगदारी लेने में सक्रिय मोस्ट वांटेड प्रदीप गंझू पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. पीएलएफआई से पूर्व में जुड़े रहे प्रदीप गंझू ने सुजीत सिन्हा और अमन साव गिरोह के लिए काम करना शुरू किया था. दिसंबर 2020 में बालूमाथ के तेतरियाखाड़ स्थित कोल साइडिंग पर पांच ट्रकों में आगजनी और फायरिंग में चार लोगों को जख्मी करने की घटना को प्रदीप गंझू ने ही अंजाम दिया था.
गुप्त ठिकाने पर पुलिस कर रही पूछताछ
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, प्रदीप गंझू को दो तीन दिन पहले लातेहार में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद गुप्त ठिकाने पर रख कर उससे पूछताछ की जा रही है. हालांकि पुलिस के किसी वरीय अधिकारी ने अब तक प्रदीप की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है.
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पोस्टरबाजी कर पैदा किया था दहशत
प्रदीप गंझू ने कोयला क्षेत्र में वसूली को लेकर व्यवसायियों के बीच दहशत पैदा कर दिया था. चतरा के पिपरवार, टंडवा, लातेहार के बालूमाथ और रांची के कोयला कारोबारी, लोडर, कोयला खनन में लगी कंपनी सैनिक समेत अन्य कोयला क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को पोस्टर लगा कर काम रोकने की धमकी दी गई थी, साथ ही कहा गया था कि बगैर सुजीत सिन्हा गिरोह को मैनेज किए कोई काम न करें. रंगदारी नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई थी. पोस्टरबाजी के बाद से ही प्रदीप गंझू पुलिस के निशाने पर था.