रांची: सूबे के कई प्लस 2 विद्यालय से पासआउट इंटरमीडिएट वोकेशनल के छात्रों का भविष्य खतरे में है. दरअसल इंटरमीडिएट वोकेशनल की परीक्षा और रिजल्ट कोरोना के कारण विलंब से जारी होने से विद्यार्थियों को अब दाखिला नहीं मिल पा रहा है.
पिछले 1 महीने से छात्र कालेजों में दाखिला लेने के लिए भटक रहे हैं. मारवाड़ी प्लस टू विद्यालय से 70 विद्यार्थी पास हुए थे. इनमें से अधिकतर विद्यार्थियों का कॉलेजों में नामांकन इसलिए नहीं हो सका, क्योंकि कालेज प्रबंधन का कहना है कि उनके यहां सीटें उपलब्ध नहीं है. यह हाल सिर्फ मारवाड़ी प्लस टू विद्यालय का नहीं है, बल्कि राज्य के ऐसे 50 हजार विद्यार्थी हैं. जिनका नामांकन स्नातक पाठ्यक्रम में नहीं हो रहा है.
कुछ कॉलेज वोकेशनल के नाम पर छात्रों का दाखिला ही नहीं ले रहे हैं. ऐसे में ये छात्र रांची विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति से भी मिले, लेकिन छात्रों की मांगे पूरी नहीं हो सकी. नामांकन के लिए छात्र अब तक 1 दर्जन से अधिक कालेजों का चक्कर लगा चुके हैं. इसके बावजूद उन्हें नामांकन के लिए अभी भटकना पड़ रहा है. अब छात्रों को यह डर सता रहा है कि उनका यह साल कहीं खराब ना हो जाए.
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कोरोना महामारी के कारण व्यवसायिक शिक्षा के विद्यार्थियों की परीक्षा काफी विलंब से हुई और रिजल्ट भी दिसंबर में निकला. परीक्षा विलंब से होने के कारण अब किसी भी कॉलेज में नामांकन नहीं लिया जा रहा है. कई कॉलेजों में नामांकन के लिए गए, लेकिन कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि सीटें फुल हैं.
इस वजह उनका नामांकन नहीं लिया जाएगा. ऐसे में उनका भविष्य अब खतरे में है. ऐसे विद्यार्थियों का कहना है कि परीक्षा और रिजल्ट दोनों ही विलंब से जारी होने के कारण आज किसी भी कॉलेज में नामांकन नहीं हो रहा है. सभी कॉलेजों के दरवाजा बंद हो चुके हैं. इसमें हम विद्यार्थियों की कोई गलती नहीं है. ऐसे में हमारा भविष्य अब खतरे में है.