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महापर्व छठ को लेकर गुलजार हुआ फल बाजार, फलों के दाम ने लोगों को पहुंचाई राहत

महापर्व छठ की तैयारियां जोरों पर है. शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ ही महापर्व की शुरुआत हो जाएगी. इस बीच छठवृतियों के लिए बड़ी राहत की खबर है कि इस बार फलों का दाम अपने न्यूनतम स्तर पर हैं. छठ में प्रयोग होने वाले सभी फल इस बार बाजार में महंगे नहीं हैं. Fruit and vegetable market regarding Chhath festival.

Fruit and vegetable market regarding Chhath
Fruit and vegetable market regarding Chhath
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 16, 2023, 2:12 PM IST

Updated : Nov 16, 2023, 2:26 PM IST

फल बाजार की जानकारी देते संवाददाता प्रशांत सिंह

रांची: लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर फलों का बाजार गुलजार हो चुका है, राजधानी रांची के विभिन्न फल मंडियों में छठ पूजा में प्रयोग होने वाले सभी तरह के फल उपलब्ध हो चुके है. महापर्व छठ में फलों का बेहद महत्व होता है यही वजह है कि रांची के हरमू, डेली मार्केट और चुटिया स्थित तीनो फल की मंडियों में फलों की भरमार है. फल विक्रेताओं के अनुसार इस बार सभी फलों की आवक बेहद ज्यादा है इसलिए फल महंगे नही बिकेंगे.

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2023 : कौन कहता है छठ सिर्फ हिन्दुओं का पर्व है, मुस्लिम महिलाओं की आस्था और समर्पण देख आप भी हो जाएंगे मुग्ध

हर तरह के फल बाजार में उपलब्ध: छठ महापर्व में नारियल, गागल नींबू, सेब, केला संतरा, शरीफा, अमरूद और पानी फल जैसे फलों की सबसे ज्यादा मांग होती है. वहीं पिछले कुछ वर्षों से नाशपाती, रामफल, विदेशी नाशपाती और अनानास जैसे फलों की मांग भी बहुत ज्यादा है. हालांकि सबसे ज्यादा सेब और केला की डिमांड रहती है. रांची के सभी फल मंडी में इस बार यह सभी फल पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. फल विक्रेताओं के अनुसार अगर फल की मंडी में फलों की आवक ज्यादा है तो उनके दाम ज्यादा बढ़ती है. इस बार केला और सेब की अवाक बहुत ज्यादा है. बाजार में सेब की कीमत 400 से 600 रुपये पेटी है तो केले की कांदी 200 से 600 रुपए के बीच है.

आंध्र और तमिलनाडु से आया नारियल: छठ महापर्व में नारियल महत्वपूर्ण फलों में से एक है, इस बार छठ पर्व पर बिक्री के लिए आंध्रप्रदेश और तमिनलाडु से नारियल मंगवाया गया है. छठ को देखते हुए पिछले आठ दिनों में प्रतिदिन 25 ट्रक नारियल रांची की मंडियों तक पहुंचे हैं. वही बिहार और मध्यप्रदेश से केले के 30 से 35 ट्रक मंडी तक पहुच चुके हैं.

फलों की कोई कमी नहीं: छठ में फलों की कमी न हो, इसके मद्देनजर पहले से ही फलों को स्टोर करना शुरू कर दिया गया था. सेब के थोक कारोबारी हाजी फिरोज ने बताया कि अधिकतर सेब की आवक कश्मीर और हिमाचल से हो रही है. भाव पर नजर डाले तो थोक में 50 से 80 रुपए प्रति किलो सेब बिक रहा है. इसी प्रकार अनार की आवक पुणे और गुजरात से हो रही है, जिसकी बिक्री 80 से 120 रुपए प्रति किलो की जा रही है. छठ पर्व में अन्य फलों की तरह संतरे की भी अच्छी बिक्री होती है. इसको देखते हुए संतरा नागपुर से मंगवाए गये है.रांची के बाजार में 40 से 50 रुपए प्रति किलो बेहतरीन संतरा उपलब्ध है.

नासिक से अंगूर, छतीसगढ़ से आ रहे अमरूद: छठ महापर्व में अंगूर महाराष्ट्र से मंगाए गए हैं. वहीं अमरूद की आवक छत्तीसगढ़ से हो रही है. रांची के तीनों फल मंडियो में अंगूर 120 से 140 रुपए प्रति किलो है. तो वहीं अमरूद 50 से 100 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रहा है. जबकि शरीफा 100 से 150 रुपए किलो बिक रहा है.

छोटे फल सबसे ज्यादा महंगे हैं: महापर्व छठ के अवसर पर कई तरह के छोटे फल और सब्जियों का प्रयोग किया जाता है. जिनमें एक रंगा, छेमी (मटर) और बेर जैसे फल-सब्जी शमील हैं. थोक मंडी में ही मटर की कीमत 250 से 300 रुपये किलो है. ऐसे में इस बार अगर कहा जाए तो सबसे ज्यादा महंगा मटर ही है.

राजधानी पर निर्भरता हुई कम: राजधानी में थोक फल विक्रेता थोड़े निराश हैं, थोक विक्रेताओं के अनुसार पहले रांची के मंडी से ही पूरे झारखंड में फलों की सप्लाई होती थी. ऐसे में मुनाफा काफी अधिक होता था. लेकिन अब लोहरदगा और गुमला जैसे शहर में भी फलों की मंडी खुल चुकी है. ऐसे में अब राजधानी में सिर्फ राजधानी के ही खुदरा फल विक्रेता ही फल खरीदते है.

फल बाजार की जानकारी देते संवाददाता प्रशांत सिंह

रांची: लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर फलों का बाजार गुलजार हो चुका है, राजधानी रांची के विभिन्न फल मंडियों में छठ पूजा में प्रयोग होने वाले सभी तरह के फल उपलब्ध हो चुके है. महापर्व छठ में फलों का बेहद महत्व होता है यही वजह है कि रांची के हरमू, डेली मार्केट और चुटिया स्थित तीनो फल की मंडियों में फलों की भरमार है. फल विक्रेताओं के अनुसार इस बार सभी फलों की आवक बेहद ज्यादा है इसलिए फल महंगे नही बिकेंगे.

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हर तरह के फल बाजार में उपलब्ध: छठ महापर्व में नारियल, गागल नींबू, सेब, केला संतरा, शरीफा, अमरूद और पानी फल जैसे फलों की सबसे ज्यादा मांग होती है. वहीं पिछले कुछ वर्षों से नाशपाती, रामफल, विदेशी नाशपाती और अनानास जैसे फलों की मांग भी बहुत ज्यादा है. हालांकि सबसे ज्यादा सेब और केला की डिमांड रहती है. रांची के सभी फल मंडी में इस बार यह सभी फल पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. फल विक्रेताओं के अनुसार अगर फल की मंडी में फलों की आवक ज्यादा है तो उनके दाम ज्यादा बढ़ती है. इस बार केला और सेब की अवाक बहुत ज्यादा है. बाजार में सेब की कीमत 400 से 600 रुपये पेटी है तो केले की कांदी 200 से 600 रुपए के बीच है.

आंध्र और तमिलनाडु से आया नारियल: छठ महापर्व में नारियल महत्वपूर्ण फलों में से एक है, इस बार छठ पर्व पर बिक्री के लिए आंध्रप्रदेश और तमिनलाडु से नारियल मंगवाया गया है. छठ को देखते हुए पिछले आठ दिनों में प्रतिदिन 25 ट्रक नारियल रांची की मंडियों तक पहुंचे हैं. वही बिहार और मध्यप्रदेश से केले के 30 से 35 ट्रक मंडी तक पहुच चुके हैं.

फलों की कोई कमी नहीं: छठ में फलों की कमी न हो, इसके मद्देनजर पहले से ही फलों को स्टोर करना शुरू कर दिया गया था. सेब के थोक कारोबारी हाजी फिरोज ने बताया कि अधिकतर सेब की आवक कश्मीर और हिमाचल से हो रही है. भाव पर नजर डाले तो थोक में 50 से 80 रुपए प्रति किलो सेब बिक रहा है. इसी प्रकार अनार की आवक पुणे और गुजरात से हो रही है, जिसकी बिक्री 80 से 120 रुपए प्रति किलो की जा रही है. छठ पर्व में अन्य फलों की तरह संतरे की भी अच्छी बिक्री होती है. इसको देखते हुए संतरा नागपुर से मंगवाए गये है.रांची के बाजार में 40 से 50 रुपए प्रति किलो बेहतरीन संतरा उपलब्ध है.

नासिक से अंगूर, छतीसगढ़ से आ रहे अमरूद: छठ महापर्व में अंगूर महाराष्ट्र से मंगाए गए हैं. वहीं अमरूद की आवक छत्तीसगढ़ से हो रही है. रांची के तीनों फल मंडियो में अंगूर 120 से 140 रुपए प्रति किलो है. तो वहीं अमरूद 50 से 100 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रहा है. जबकि शरीफा 100 से 150 रुपए किलो बिक रहा है.

छोटे फल सबसे ज्यादा महंगे हैं: महापर्व छठ के अवसर पर कई तरह के छोटे फल और सब्जियों का प्रयोग किया जाता है. जिनमें एक रंगा, छेमी (मटर) और बेर जैसे फल-सब्जी शमील हैं. थोक मंडी में ही मटर की कीमत 250 से 300 रुपये किलो है. ऐसे में इस बार अगर कहा जाए तो सबसे ज्यादा महंगा मटर ही है.

राजधानी पर निर्भरता हुई कम: राजधानी में थोक फल विक्रेता थोड़े निराश हैं, थोक विक्रेताओं के अनुसार पहले रांची के मंडी से ही पूरे झारखंड में फलों की सप्लाई होती थी. ऐसे में मुनाफा काफी अधिक होता था. लेकिन अब लोहरदगा और गुमला जैसे शहर में भी फलों की मंडी खुल चुकी है. ऐसे में अब राजधानी में सिर्फ राजधानी के ही खुदरा फल विक्रेता ही फल खरीदते है.

Last Updated : Nov 16, 2023, 2:26 PM IST
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