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नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय, डीजीपी एमवी राव ने सुझाये बचने के उपाय

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Published : Dec 24, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Dec 26, 2020, 8:01 PM IST

झारखंड में बेरोजगारों पर साइबर अपराधियों की पैनी नजर है. साइबर फ्रॉड अपने टारगेट को सरकारी विभागों के नाम से जॉइनिंग लेटर तक भेज रहे हैं. डीजीपी एमवी राव के अनुसार बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता है. ऐसे में लोग साइबर अपराधियों के झांसे में ना आएं. साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि उन्होंने डीजीपी के मोबाइल पर भी मैसेज कर पार्ट टाइम नौकरी करने का ऑफर दिया है.

fraud gang active in name of giving jobs
डीजीपी की पीसी

रांची: करोना काल में अगर किसी की नौकरी जा चुकी है और उन्हें नए जॉब की तलाश है तो उन्हें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बेरोजगारों पर साइबर अपराधियों की पैनी नजर है. साइबर फ्रॉड अपने टारगेट को सरकारी विभागों के नाम से जॉइनिंग लेटर तक भेज रहे हैं. इसके अलावा वह लगातार बल्क मैसेज कर घर बैठे कमाने का ऑफर देकर भी ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं.

जानकारी देते डीजीपी



डीजीपी ने किया अगाह
लॉकडाउन और करोना से उत्पन्न परिस्थितियों के बाद पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह पूरे झारखंड में सक्रिय हो गया है. झारखंड के शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में दीवारों पर पार्ट टाइम नौकरी या घर बैठे 15 से 20 हजार तक घर बैठे कमाए जैसे पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं. वहीं मोबाइल फोन पर ही ऐसे मैसेज भेज कर आम लोगों को ठगने की कोशिश साइबर अपराधियों के ओर से की जा रही है. ऐसे में झारखंड पुलिस के मुखिया डीजीपी एमवी राव ने आम लोगों से अपील की है कि वह ऐसे गिरोह से सावधान रहें. डीजीपी ने अपने ट्विटर के माध्यम से भी लोगों से अपील की है.

fraud gang active in name of giving jobs
GFX ETV BHARAT



कैसे कर रहे हैं ठगी
पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिली है. उसके अनुसार पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर अपराधी आम लोगों का निजी डाटा चुरा लेते हैं, जिसके बाद साइबर अपराधी लोगों के बैंक खाते, एटीएम से जुड़ी जानकारियां, पेमेंट भेजने के नाम पर मांगते हैं इसके बाद खाते से पैसे की निकासी कर ली जाती है.

fraud gang active in name of giving jobs
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रोजगार देने के नाम पर भेजता है वेबसाइट का लिंक
रोजगार देने के नाम पर वेबसाइट का लिंक भेजा जाता है और निजी जानकारियां मांगी जाती है. साइबर अपराधियों ने सरकारी वेबसाइट का भी डुप्लीकेट बना लिया है और उसके माध्यम से भी लोगों को नौकरी देने का झांसा देकर उनसे जानकारी हासिल कर रहे हैं. नौकरी देने के लिए साइबर अपराधी अपने खाते में बेरोजगारों से 15 से 20 हजार ट्रांसफर करने को कहते हैं.

इसे भी पढे़ं: दलबदल मामले में जारी नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बाबूलाल मरांडी, दायर की कैविएट याचिका

लोकल अखबारों में दिया जा रहा विज्ञापन
साइबर अपराधियों ने लोगों को नौकरी देने के लिए कुछ लड़कियों को अपने यहां बहाल किया है. लड़कियां मीठी-मीठी बातें कर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा लेती हैं. गूगल पर फर्जी नौकरियों का विज्ञापन जारी किया जाता है. जब बेरोजगार गूगल के माध्यम से नौकरी सर्च करते हैं तब वे साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं.
हाल के दिनों में बेरोजगारों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर भी फोन किए जा रहे हैं. उसमें उनसे जमीन से संबंधित कागजात और टोकन मनी मांग कर ठगी की जाती है. साइबर अपराधी बल्क मैसेजेस के जरिए भी नौकरी से जुड़े लिंक भेज रहे हैं. लिंक पर क्लिक करने के बाद वह स्क्रीन शेयर कर लोगों के खातों से पैसे उड़ा लेते हैं.



डीजीपी ने लोगों से की अपील
झारखंड के डीजीपी एमवी राव के अनुसार बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता है. ऐसे में लोग साइबर अपराधियों के झांसे में ना आएं. साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि उन्होंने डीजीपी के मोबाइल पर भी मैसेज कर पार्ट टाइम नौकरी करने का ऑफर दिया है. डीजीपी ने अपना मोबाइल दिखाते हुए यह बताया कि देखिए किस तरह साइबर अपराधी बेरोजगारों को अपना शिकार बना रहे हैं. झारखंड के डीजीपी ने लोगों से अपील की है कि वह साइबर अपराधियों के झांसे में ना फंसे.



कैसे बचें साइबर अपराधियों के इस चाल से
जब भी सरकारी नौकरी के विज्ञापन निकलते हैं, तो उसके लिए बकायदा सरकार की तरफ से हर अखबार में विज्ञापन दिया जाता है. इसके अलावा सरकार के अधिकारी और मंत्री भी घोषणा करते हैं. ऐसे में अगर कोई सरकारी विज्ञापन आप देखते हैं. पहले उसकी पूर्ण रूप से पड़ताल करें. किसी भी सरकारी नौकरी को ज्वाइन करवाने के लिए पैसे की डिमांड नहीं की जाती है. अगर कोई आप से नौकरी दिलवाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है तो सतर्क हो जाएं. नौकरी से जुड़े कोई लिंक अगर आपके मोबाइल या मेल आईडी पर आता है तो उसे क्लिक ना करें. अगर आप किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देकर जॉइनिंग का इंतजार कर रहे हैं और अगर उससे संबंधित मेल आपके पास आता है तो पहले आप संबंधित कंपनी में एक बार जरूर बात कर लें, कि मेल वहीं से भेजा गया है या नहीं उसके बाद ही अपने डॉक्यूमेंट मेल करें. अगर आपको मेल आईडी पर किसी तरह का लिंक आया हो या फिर मोबाइल पर मैसेज आया हो और आपको लगता है कि आपके साथ ठगी की कोशिश की जा रही है तो आप तुरंत हंड्रेड डायल पर पुलिस को सूचना दें, इसके अलावा साइबर सेल में भी सूचना दे सकते हैं.



साइबर अपराधियों को पुलिस कर रही ट्रेस
दूसरी तरफ झारखंड पुलिस भी फर्जी नौकरी का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह को ट्रेस करने में लगी हुई है. हाल के दिनों में झारखंड के अलग-अलग जिलों से 10 से अधिक ऐसे मामले आए हैं जिसमें बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर साइबर अपराधियों ने ठगी की घटना को अंजाम दिया है. झारखंड के डीजीपी खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और उन्होंने लोगों से भी यह निवेदन किया है कि वे ऐसे गिरोह से बचें.

रांची: करोना काल में अगर किसी की नौकरी जा चुकी है और उन्हें नए जॉब की तलाश है तो उन्हें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बेरोजगारों पर साइबर अपराधियों की पैनी नजर है. साइबर फ्रॉड अपने टारगेट को सरकारी विभागों के नाम से जॉइनिंग लेटर तक भेज रहे हैं. इसके अलावा वह लगातार बल्क मैसेज कर घर बैठे कमाने का ऑफर देकर भी ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं.

जानकारी देते डीजीपी



डीजीपी ने किया अगाह
लॉकडाउन और करोना से उत्पन्न परिस्थितियों के बाद पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह पूरे झारखंड में सक्रिय हो गया है. झारखंड के शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में दीवारों पर पार्ट टाइम नौकरी या घर बैठे 15 से 20 हजार तक घर बैठे कमाए जैसे पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं. वहीं मोबाइल फोन पर ही ऐसे मैसेज भेज कर आम लोगों को ठगने की कोशिश साइबर अपराधियों के ओर से की जा रही है. ऐसे में झारखंड पुलिस के मुखिया डीजीपी एमवी राव ने आम लोगों से अपील की है कि वह ऐसे गिरोह से सावधान रहें. डीजीपी ने अपने ट्विटर के माध्यम से भी लोगों से अपील की है.

fraud gang active in name of giving jobs
GFX ETV BHARAT



कैसे कर रहे हैं ठगी
पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिली है. उसके अनुसार पार्ट टाइम नौकरी दिलाने का झांसा देकर साइबर अपराधी आम लोगों का निजी डाटा चुरा लेते हैं, जिसके बाद साइबर अपराधी लोगों के बैंक खाते, एटीएम से जुड़ी जानकारियां, पेमेंट भेजने के नाम पर मांगते हैं इसके बाद खाते से पैसे की निकासी कर ली जाती है.

fraud gang active in name of giving jobs
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रोजगार देने के नाम पर भेजता है वेबसाइट का लिंक
रोजगार देने के नाम पर वेबसाइट का लिंक भेजा जाता है और निजी जानकारियां मांगी जाती है. साइबर अपराधियों ने सरकारी वेबसाइट का भी डुप्लीकेट बना लिया है और उसके माध्यम से भी लोगों को नौकरी देने का झांसा देकर उनसे जानकारी हासिल कर रहे हैं. नौकरी देने के लिए साइबर अपराधी अपने खाते में बेरोजगारों से 15 से 20 हजार ट्रांसफर करने को कहते हैं.

इसे भी पढे़ं: दलबदल मामले में जारी नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बाबूलाल मरांडी, दायर की कैविएट याचिका

लोकल अखबारों में दिया जा रहा विज्ञापन
साइबर अपराधियों ने लोगों को नौकरी देने के लिए कुछ लड़कियों को अपने यहां बहाल किया है. लड़कियां मीठी-मीठी बातें कर बेरोजगारों को अपने जाल में फंसा लेती हैं. गूगल पर फर्जी नौकरियों का विज्ञापन जारी किया जाता है. जब बेरोजगार गूगल के माध्यम से नौकरी सर्च करते हैं तब वे साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं.
हाल के दिनों में बेरोजगारों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर भी फोन किए जा रहे हैं. उसमें उनसे जमीन से संबंधित कागजात और टोकन मनी मांग कर ठगी की जाती है. साइबर अपराधी बल्क मैसेजेस के जरिए भी नौकरी से जुड़े लिंक भेज रहे हैं. लिंक पर क्लिक करने के बाद वह स्क्रीन शेयर कर लोगों के खातों से पैसे उड़ा लेते हैं.



डीजीपी ने लोगों से की अपील
झारखंड के डीजीपी एमवी राव के अनुसार बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता है. ऐसे में लोग साइबर अपराधियों के झांसे में ना आएं. साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि उन्होंने डीजीपी के मोबाइल पर भी मैसेज कर पार्ट टाइम नौकरी करने का ऑफर दिया है. डीजीपी ने अपना मोबाइल दिखाते हुए यह बताया कि देखिए किस तरह साइबर अपराधी बेरोजगारों को अपना शिकार बना रहे हैं. झारखंड के डीजीपी ने लोगों से अपील की है कि वह साइबर अपराधियों के झांसे में ना फंसे.



कैसे बचें साइबर अपराधियों के इस चाल से
जब भी सरकारी नौकरी के विज्ञापन निकलते हैं, तो उसके लिए बकायदा सरकार की तरफ से हर अखबार में विज्ञापन दिया जाता है. इसके अलावा सरकार के अधिकारी और मंत्री भी घोषणा करते हैं. ऐसे में अगर कोई सरकारी विज्ञापन आप देखते हैं. पहले उसकी पूर्ण रूप से पड़ताल करें. किसी भी सरकारी नौकरी को ज्वाइन करवाने के लिए पैसे की डिमांड नहीं की जाती है. अगर कोई आप से नौकरी दिलवाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है तो सतर्क हो जाएं. नौकरी से जुड़े कोई लिंक अगर आपके मोबाइल या मेल आईडी पर आता है तो उसे क्लिक ना करें. अगर आप किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देकर जॉइनिंग का इंतजार कर रहे हैं और अगर उससे संबंधित मेल आपके पास आता है तो पहले आप संबंधित कंपनी में एक बार जरूर बात कर लें, कि मेल वहीं से भेजा गया है या नहीं उसके बाद ही अपने डॉक्यूमेंट मेल करें. अगर आपको मेल आईडी पर किसी तरह का लिंक आया हो या फिर मोबाइल पर मैसेज आया हो और आपको लगता है कि आपके साथ ठगी की कोशिश की जा रही है तो आप तुरंत हंड्रेड डायल पर पुलिस को सूचना दें, इसके अलावा साइबर सेल में भी सूचना दे सकते हैं.



साइबर अपराधियों को पुलिस कर रही ट्रेस
दूसरी तरफ झारखंड पुलिस भी फर्जी नौकरी का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह को ट्रेस करने में लगी हुई है. हाल के दिनों में झारखंड के अलग-अलग जिलों से 10 से अधिक ऐसे मामले आए हैं जिसमें बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर साइबर अपराधियों ने ठगी की घटना को अंजाम दिया है. झारखंड के डीजीपी खुद पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और उन्होंने लोगों से भी यह निवेदन किया है कि वे ऐसे गिरोह से बचें.

Last Updated : Dec 26, 2020, 8:01 PM IST
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