रांचीः राजधानी के मेघा रानी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक दिनेश प्रसाद साहू के साथ 1.40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है. मामले को लेकर दिनेश प्रसाद ने रांची के गोंदा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है.
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निर्माण सामग्री लेने के बाद नहीं दी राशि
मेघा रानी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक दिनेश प्रसाद ने थाना को दिए गए आवेदन में कहा कि उनकी कंपनी नगर निगम को कंस्ट्रक्शन मटेरियल और मशीन की सप्लाई करती है. इसी दौरान 2017 में ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और अन्य लोगों से जान पहचान हुई.
गोंदा थाना के पीछे ज्योति बिल्डटेक कंपनी का काम चल रहा था. कंपनी के डायरेक्टर के कहने पर उन्होंने मटेरियल और मशीन समेत अन्य चीजों की सप्लाई की. 5.57 करोड़ रुपए का बिल हुआ, जिसमें से कंपनी के डायरेक्टर और अन्य लोगों ने उन्हें 1.40 करोड़ का भुगतान नहीं किया. हालांकि कई बार राशि की मांग भी की गई, लेकिन कंपनी ने राशि ही नहीं दी. मामले में ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर चरणजीत सिंह, ईश्वरजीत सिंह, प्रोजेक्ट इंचार्ज इंद्रजीत सिंह उर्फ लक्की और चार्टेड मार्केनटाइल एमबी (लखनऊ) के ब्रांच मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है.
गाड़ी निकलवाई, लेकिन किस्त देने से किया इंकार
दिनेश का आरोप है कि आरोपी चरणजीत सिंह और अन्य ने उन्हें बैंक से अपने नाम पर दो गाड़ी निकालने का प्रस्ताव दिया और कहा कि किस्त की राशि वे हर माह चुका देंगे. इसके बाद अक्टूबर 2017 में उन्होंने एचडीएफसी बैंक से दो गाड़ी फाइनांस करवाकर चरणजीत और इंद्रजीत को सौंप दी.
इसी बीच चार्टेड मार्केनटाइल एमबी लखनऊ के ब्रांच मैनेजर ने गारंटर बनकर उन्हें लिखित रूप से कहा कि अगर ज्योति बिल्डटेक कंपनी राशि का भुगतान नहीं करती है तो उन्हें देना होगा. किस्त की राशि भुगतान नहीं करने पर दिसंबर 2019 में जब वे कंस्ट्रक्शन साइड पर आरोपियों से बात करने गए, तब आरोपियों ने उनके साथ हाथापाई भी की.
पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकी
दिनेश प्रसाद का आरोप है कि पैसे की मांग करने पर आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों ने अपहरण करने की भी धमकी दी है. गोंदा थानेदार अवधेश कुमार का कहना है कि दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा.