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झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन, पेश किया जाएगा उत्पाद विधेयक - रांची न्यूज

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है(Fourth day of winter session of Jharkhand Assembly ). आज सत्र का चौथा दिन है. आज राजकीय विधेयक सदन में पेश किए जाएंगे. इसके साथ ही अन्य विधायी कार्य निपटाए जाएंगे. इससे पहले तीसरे दिन हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चलती रही. अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया.

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Published : Dec 22, 2022, 6:44 AM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है(Fourth day of winter session of Jharkhand Assembly ). आज प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य सदन में होंगे. 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा. इसके अलावे सरकार सदन में उत्पाद विधेयक लाएगी. इससे पहले तीसरे दिन सदन में हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पास हुआ.

ये भी पढ़ेंः द्वितीय अनुपूरक बजट पारित, 100 यूनिट मुफ्त बिजली मद में 2737 करोड़ होंगे खर्च, ग्रीन कार्ड धारी को मिलेगा बकाया चावल

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्रके तीसरे दिन 8,533.89 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. जब वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव वाद-विवाद पर सरकार की ओर से जवाब देने के लिए खड़े हुए तो मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार अपने वित्तीय प्रबंधन से अतिरिक्त राशि की व्यवस्था करेगी. इसका राजकोष पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.


वित्त मंत्री ने अनुपूरक बजट लाने की वजह भी बताई. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीबों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. इसके लिए 2,737 करोड़ का उपबंध किया गया है. इसके अलावा साबित्री बाई फुले योजना, आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में हुए इजाफे, बिजली आपूर्ति के बकाये भुगतान के लिए राशि की जरूरत है. उन्होंने विभागवार राशि का ब्यौरा दिया. वित्त मंत्री ने कहा कि प्री-मैट्रिक छात्रवृति के लिए 250 करोड़ और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के लिए 205 करोड़ का उपबंध किया गया है.

अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद के दौरान बजट की जरूरत पर चर्चा से ज्यादा अन्य राजनीतिक मुद्दों पर जमकर खींचतान हुई. भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने हाई कोर्ट में नियोजन नीति रद्द होने का मामला उठाया. उन्होंने पूछा कि अब सरकार किस नीति को तहत नियोजन देगी. उन्होंने कहा कि 23 मार्च को सदन में खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि खतियान आधारित स्थानीय नीति कोर्ट में रद्द हो जाएगी लेकिन, जैसे ही ईडी का नोटिस आया तो उन्हें 1932 याद आ गया. सरकार की मंशा ठीक होती तो उस विधेयक पर चर्चा होती. सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया.

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही दिनभर चलती रही. हंगामा के बाबजूद सदन में सभी विधायी कार्य निपटाने में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो सफल रहे. इन सबके बीच भोजनावकाश के बाद सदन में अनुपूरक बजट पास किया गया. स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही पिछली दो दिनों की अपेक्षा आज अच्छे ढंग से चलाने पर खुशी जताई है. मीडिया कर्मियों से बात करते हुए स्पीकर ने कहा कि उम्मीद करते हैं कि सदन की कार्यवाही ऐसे ही आगे भी चलती रहेगी. इधर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पास होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह विधायी प्रावधान है और वार्षिक बजट के अलावा यदि कोई वित्तीय आवश्यकता होती है तो सरकार सप्लीमेंट्री बजट सदन में लाती है. इसी के तहत यह लाया गया है. विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर रामेश्वर उरांव ने जवाब देते हुए कहा कि यह हर सरकार में परंपरा रही है इसलिए इस पर सवाल उठाना उचित नहीं है.

रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है(Fourth day of winter session of Jharkhand Assembly ). आज प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य सदन में होंगे. 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा. इसके अलावे सरकार सदन में उत्पाद विधेयक लाएगी. इससे पहले तीसरे दिन सदन में हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पास हुआ.

ये भी पढ़ेंः द्वितीय अनुपूरक बजट पारित, 100 यूनिट मुफ्त बिजली मद में 2737 करोड़ होंगे खर्च, ग्रीन कार्ड धारी को मिलेगा बकाया चावल

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्रके तीसरे दिन 8,533.89 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. जब वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव वाद-विवाद पर सरकार की ओर से जवाब देने के लिए खड़े हुए तो मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार अपने वित्तीय प्रबंधन से अतिरिक्त राशि की व्यवस्था करेगी. इसका राजकोष पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.


वित्त मंत्री ने अनुपूरक बजट लाने की वजह भी बताई. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीबों को 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. इसके लिए 2,737 करोड़ का उपबंध किया गया है. इसके अलावा साबित्री बाई फुले योजना, आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में हुए इजाफे, बिजली आपूर्ति के बकाये भुगतान के लिए राशि की जरूरत है. उन्होंने विभागवार राशि का ब्यौरा दिया. वित्त मंत्री ने कहा कि प्री-मैट्रिक छात्रवृति के लिए 250 करोड़ और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के लिए 205 करोड़ का उपबंध किया गया है.

अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद के दौरान बजट की जरूरत पर चर्चा से ज्यादा अन्य राजनीतिक मुद्दों पर जमकर खींचतान हुई. भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने हाई कोर्ट में नियोजन नीति रद्द होने का मामला उठाया. उन्होंने पूछा कि अब सरकार किस नीति को तहत नियोजन देगी. उन्होंने कहा कि 23 मार्च को सदन में खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि खतियान आधारित स्थानीय नीति कोर्ट में रद्द हो जाएगी लेकिन, जैसे ही ईडी का नोटिस आया तो उन्हें 1932 याद आ गया. सरकार की मंशा ठीक होती तो उस विधेयक पर चर्चा होती. सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया.

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही दिनभर चलती रही. हंगामा के बाबजूद सदन में सभी विधायी कार्य निपटाने में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो सफल रहे. इन सबके बीच भोजनावकाश के बाद सदन में अनुपूरक बजट पास किया गया. स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही पिछली दो दिनों की अपेक्षा आज अच्छे ढंग से चलाने पर खुशी जताई है. मीडिया कर्मियों से बात करते हुए स्पीकर ने कहा कि उम्मीद करते हैं कि सदन की कार्यवाही ऐसे ही आगे भी चलती रहेगी. इधर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पास होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह विधायी प्रावधान है और वार्षिक बजट के अलावा यदि कोई वित्तीय आवश्यकता होती है तो सरकार सप्लीमेंट्री बजट सदन में लाती है. इसी के तहत यह लाया गया है. विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर रामेश्वर उरांव ने जवाब देते हुए कहा कि यह हर सरकार में परंपरा रही है इसलिए इस पर सवाल उठाना उचित नहीं है.

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