रांची: नगर निगम के पूर्व पार्षदों ने डैम के गंदे पानी को बिना साफ किए टैंकर के जरिए लोगों के घरों तक पहुंचाने का आरोप निगम पर लगाया है. गौरतलब हो कि राजधानी रांची के कई इलाकों में पेजजल की किल्लत दूर करने के लिए टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति की जाती है. कांके डैम का पानी टैंकर में भरकर उन इलाकों में भेजा जाता है, जहां पानी की कमी होती है. ऐसे में नगर निगम और पेयजल एवं आपूर्ति विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल आपूर्ति के दावे को निगम के ही पूर्व पार्षदों ने झूठा बताया है.
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पूर्व पार्षद अरुण कुमार झा ने कहा कि अमूमन तीन या चार चरण में डैम का पानी साफ करने के बाद उसे पाइपलाइन से लोगों के घरों तक पहुंचाया जाता है. लेकिन जो पानी टैंकर से पहुंचाया जाता है, वह बिना सभी चरणों में सफाई किये टैंकर में भरा जाता है. उन्होंने कहा कि यह राजधानी वासियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और रांची नगर निगम से इसकी शिकायत की है.
'सफाई किये बिना टैंकर में पानी भरना नहीं है संभव': पार्षद के द्वारा कांके डैम से पानी की टंकियों में बिना पूरी सफाई के पानी भरकर लोगों तक पहुंचाने के आरोप पर कांके डैम के कर्मी से बात की गई. जहां इस आरोप को कर्मी ने खारिज कर दिया. वहां मौजूद डैम के फिल्टरेशन प्लांट के कर्मचारी नागेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि ऐसा संभव ही नहीं है कि सफाई की पूरी प्रक्रिया अपनाए बिना पानी के टैंकरों में पानी भरा जा सके. उन्होंने कहा कि डैम से आया पानी प्लांट में आने के बाद तीन चरणों में सफाई के बाद ही बाहर निकलता है. ऐसे में जो पानी पाइपलाइन द्वारा आपूर्ति की जाती है, वहीं पानी टैंकर से आपूर्ति की जाती है.
मुख्यमंत्री को क्यों लिखी गई चिठ्ठी?: दरअसल, मुख्यमंत्री हेमत सोरेन राज्य के नगर विकास मंत्री भी हैं. ऐसे में शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की जवाबदेही भी नगर विकास विभाग के जिम्मे है. इसलिए पूर्व निगम पार्षदों ने मुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिख कर गंदे पानी की टैंकर से आपूर्ति पर रोक लगाने और मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.