रांचीः राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बीच कोरोना काल में कोविड प्रोत्साहन राशि मामले में गड़बड़ी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इधर एक और पूर्व मंत्री ने इसमें एंट्री मार दी है. पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा कि बात पैसा लेने या नहीं लेने की नहीं है बल्कि नीयत की है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में संचिका का नीचे से बनना जहां कई सवाल खड़ा करता है वहीं जब विभागीय मंत्री बन्ना गुप्ता तक वह गई, उनकी नीयत ठीक होती तो वह उसे रिजेक्ट कर देते पर उन्होंने ऐसा नहीं किया.
ये भी पढ़ें- कोविड प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी मामले में स्वास्थ्य विभाग की सफाई, कहा- संकल्प के अनुसार मिली भुगतान की स्वीकृति
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा कि पूर्व मंत्री सरयू राय की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच जरूरी है. क्या स्वास्थ्य विभाग पूरी ईमानदारी से सरयू राय के आरोपों की जांच करा सकता है. इस सवाल के जवाब में सीपी सिंह ने कहा कि जब वह मंत्री थे, तब जब कभी ऐसा वक्त आता था कि अपने विभाग की जांच करनी पड़े तो वह थर्ड पार्टी जांच की अनुशंसा करते थे. यहां भी ऐसा किया जा सकता है या फिर मुख्यमंत्री एसीबी जांच का भी आदेश दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी मांग तो एक सेवानिवृत्त जज से जांच कराने की है ताकि सरयू राय के आरोपों की सही ढंग से जांच हो सके.
सीपी सिंह बोले-स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग में 59-60 लोग कैसे यह जानने का लोगों को अधिकारः पूर्व मंत्री और भाजपा नेता सीपी सिंह ने कहा कि पता नहीं बन्ना गुप्ता का विभाग कितना बड़ा है पर जब वह खुद मंत्री थे तब नगर विकास विभाग,आवास विभाग और परिवहन विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बावजूद मंत्री कोषांग में 60 लोग नहीं थे. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग में राइफलधारी गार्ड, अंगरक्षक, क्लर्क, सचिव और कौन कौन था यह जानने की इच्छा उनकी भी है और राज्य की जनता की भी,ऐसे में यह सार्वजनिक होना चाहिए.