रांची: बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कोरोना संक्रमण की जांच की गति बढ़ाने कि मांग की है. इस बाबत मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर उन्होंने कहा है कि अगर जांच की रफ्तार यही रही तो आने वाले समय में स्थितियां विकट हो सकती हैं. उन्होंने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि सबसे पहले जांच सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर होनी चाहिए, क्योंकि इसको लेकर केवल खानापूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस बाबत लापरवाही जनता की 2 माह की कठिन तपस्या को मिट्टी में मिला सकती है.
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मरांडी का आरोप केवल हो रही है बयानबाजी
मरांडी ने आशंका व्यक्त की है कि स्थिति संभाली नहीं गई तो कोरोना ग्रस्त मरीजों को अस्पताल में भी जगह नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि कई बार मुख्यमंत्री और यहां तक की स्वास्थ्य मंत्री का बयान आया है कि जांच की गति बढ़ाई जाएगी लेकिन अभी तक इस पर कोई काम नहीं हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में गंभीर कोशिश होनी चाहिए लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां अपेक्षित जांच नहीं हो रही है. वहीं दूसरी तरफ कॉन्ट्रैक्ट रेसिंग भी बंद कर दिया गया है.
बड़ी मात्रा में पेंडिंग हैं जांच
मरांडी ने कहा कि प्रवासी मजदूर कहां से आ रहे हैं और कहां क्वॉरेंटाइन कराया जा रहा है इसका सही आंकड़ा भी सरकार के पास नहीं है. केवल ट्रेन और विमान से आने वाले ही प्रवासी मजदूर नहीं है, बल्कि दूसरे संसाधनों के अलावा पैदल भी काफी संख्या में अपने घरों को लौटे हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, जानकारी के अनुसार 14,000 से अधिक जांच फिलहाल पेंडिंग बताई जा रही हैं. ऐसी लचर व्यवस्था में सरकार को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीतना संभव नहीं हो पाएगा.