रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी की जीत को एतिहासिक जीत बताते हुए कहा है कि इस उपचुनाव परिणाम के साथ ही 2024 के लिए एनडीए की विजय यात्रा शुरू हो गई है. बता दें कि रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए से आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने जीत हासिल की है. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर करीब 35 वर्षों के बाद जीत हासिल की थी, जो ममता देवी के जेल जाने के बाद उनके हाथ से निकल गई और अब इस सीट पर एनडीए ने कब्जा कर लिया है.
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विधानसभा परिसर में भाजपा विधायक दल के नेता और राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ी थी, लेकिन वोट का प्रतिशत कम नहीं हुआ था. बस वे मामूली वोटों से पराजित हो गए थे. उन्होंने कहा शायद उस समय हेमंत सोरेन से वहां की जनता का मोहभंग नहीं हुआ था और उन्हें उम्मीद थी कि हेमंत सरकार कुछ अच्छा काम करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. अब जनता स्थिति समझ चुकी है, परिस्थितियां ठीक विपरीत निकली और इस बार के रामगढ़ उपचुनाव में यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य की जनता का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मोहभंग हो चुका है. यही वजह है कि एनडीए प्रत्याशी की शानदार जीत हुई है.
भ्रष्टाचार में लिप्त रही है यह सरकार-बाबूलाल: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा यह सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त रही है, जिसकी बानगी यह है कि पिछले दिनों किस तरह से एक सचिव जेल गईं, उसके बाद एक इंजीनियर जेल गया है. अब झारखंड की जनता समझ चुकी है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में जो सरकार है, वह सिर्फ लूटने में लगी है और लूटने में वह कोई कसर नहीं छोड़ रही है, तो जनता ने भी अब इस सरकार को सबक सिखाने का ठान लिया है.
5 लाख रोजगार देने के वादे पर हेमंत सरकार पर साधा निशाना: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रामगढ़ में जिस प्रकार से जनता ने जोरदार जनसमर्थन एनडीए गठबंधन को दिया है, यह एक संकेत है 2024 के शुरुआत की. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में ना ही स्थानीय नीति है और ना ही नियोजन नीति. सरकार बार-बार कह रही थी कि इस साल 5 लाख लोगों को रोजगार देगी, लेकिन कुछ देना तो छोड़ दीजिए, वह नियोजन नीति तक ठीक से नहीं बना पाई और जो बनाए थे, उसे शुरू के दिन से ही हम लोगों ने कहा कि ये गलत है, यह टिकेगा नहीं और वही हश्र हुआ. नौजवान भी अब समझ चुके हैं कि यह सरकार केवल राजनीति करती है और राजनीतिक रोटियां सेकती है. अब इनके भूल भुलैया में राज्य के नौजवान नहीं आने वाले हैं.