रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुधवार को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने नीतीश कुमार से साहिबगंज जहाज हादसे की सीबीआई जांच कराने की मांग की है और हादसे के पीछे किसी गड़बड़ी का अंदेशा जताया है.
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इसलिए नीतीश कुमार को जांच के लिए पत्र लिखाः बता दें कि दोनों राज्य सरकार मिलकर झारखंड के साहिबगंज और बिहार के मनिहारी के बीच फेरी जहाज का संचालन करती हैं. जिसके लिए रोटेशन सिस्टम से बंदोबस्ती होती है. इस बार वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए मनिहारी-साहिबगंज अंतरराज्यीय फेरी घाट की बंदोबस्ती प्रक्रिया को बिहार के कटिहार जिला प्रशासन ने पूरी की है. इसके लिए इसी मार्च महीने में कन्हाई यादव ने 8.52 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जो अंतिम बोली साबित हुई थी. इसीलिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जांच कराने की मांग को लेकर पत्र लिखा.
ये है पत्र का मजमूनः बिहार के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि साहिबगंज जहाज हादसे को पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ दो ही शव निकाल सका है. उसके पास घटना के संबंध में कोई जानकारी भी नहीं है कि कितने ट्रक डूबे हैं आदि. इसको लेकर अलग-अलग सूचनाएं मिल रहीं हैं. जहाज परिचालन में निविदा की शर्तों का भी उल्लंघन किया जा रहा था, जैसे शाम के बाद जहाज नहीं चलाना है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा था. साथ ही हादसा 24-25 की रात का है, लेकिन 26 को एफआईआर दर्ज कराई गई और प्रत्यक्षदर्शियों की जगह एक मृतक के पिता के बयान पर रिपोर्ट दर्ज की गई. इन सब को लेकर कई शंकाएं उत्पन्न हो रहीं हैं. इसलिए सीबीआई जांच कराएं.
ये है पूरी घटनाः 24 मार्च को साहिबगंज से बिहार के कटिहार जिले के मनिहारी घाट पर जाने के दौरान LCT मालवाहक जहाज हादसे का शिकार हो गया था. इसे लेकर झारखंड की राजनीति गर्म हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाते हुए बीते दिन कहा था कि मुख्यमंत्री के गुर्गे साहिबगंज में जहाज चलवा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि नियमों को ताख पर रखकर साहिबगंज से मनिहारी के बीच जहाज का परिचालन हो रहा है. हर दिन बड़ी संख्या में राज्य के संसाधनों को दूसरे राज्य में भेजा जा रहा है.
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दो साल पहले जो टेंडर साहिबगंज घाट के लिए हुआ था उसमें मुख्यमंत्री के गुर्गों ने नीलामी ले ली थी. उन्होंने आरोप लगाया कि साहिबगंज से न सिर्फ टेंडर से ज्यादा जहाजों का परिचालन हो रहा है बल्कि नियम की अवहेलना कर 24 घंटे जहाज चलाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा बालू, गिट्टी, कोयला और अन्य प्राकृतिक संसाधन दूसरे राज्य भेजे जा सके. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रात के समय में कैसे जहाज चलाया जा रहा था इसकी जांच जरूरी है.
साहिबगंज के डीसी को सस्पेंड कर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग: भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अपर समाहर्ता रैंक के चार सदस्यीय टीम से पूरे मामले की जांच कराने को कहा है. वहीं दूसरी ओर वहां के डीसी खुद मामले की लीपापोती में लगे हैं, ऐसे में कनीय अधिकारी कैसे मामले की जांच कर पाएंगे यह बड़ा सवाल है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए और साहिबगंज के डीसी को सस्पेंड करना चाहिए.