रांची: झारखंड में आठवीं से ऊपर की कक्षाओं के लिए सरकारी स्कूलों को नियमित रूप से खोल दिया गया है. इसको लेकर बकायदा सरकार की तरफ से गाइडलाइन भी जारी किया गया है. स्कूल प्रबंधकों को सख्त निर्देश है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाए. इसके बावजूद स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. शुरू में जहां 10 से 15 प्रतिशत विद्यार्थी ही स्कूल आ रहे थे वहीं, अब 40-45 प्रतिशत विद्यार्थी स्कूल पहुंच रहे हैं.
सरकारी स्कूलों में नियमित कक्षाएं संचालित की जा रहीं हैं. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है कि ताकि स्कूल में विद्यार्थियों को कोई दिक्कत नहीं हो. शिक्षा विभाग की तरफ से जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर(एसओपी) के मुताबिक स्कूलों में कोविड के तहत फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनेटाइजर और अभिभावकों की तरफ से लिखित सहमति लाना अनिवार्य है. एक बेंच पर दो ही बच्चे बैठ रहे हैं. विद्यार्थियों को स्कूल में प्रवेश के लिए गोल घेरा बनाया गया ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. हर जगह हैंड सैनिटाइजर रखा गया है.
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40-45% बच्चे आ रहे स्कूल
आठवीं में हर दिन विभिन्न स्कूलों में 35 से 40% विद्यार्थी पहुंच रहे हैं जबकि 9वीं से लेकर 11वीं तक विद्यार्थियों की संख्या 45 से 50 फीसदी है. हालांकि, मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के मद्देनजर तैयारियों को लेकर आ रहे 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की संख्या करीब 70% है. सामान्य दिनों में 90% से ऊपर विद्यार्थी स्कूल आते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से बच्चे स्कूल आने से डर रहे हैं. कई पैरेंट्स भी कोरोना के चलते बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं. ओवरऑल 40 से 45% विद्यार्थी स्कूल पहुंच रहे हैं.
हर दिन सैनिटाइज किया जा रहा स्कूल
हर दिन स्कूल बंद होने से पहले कक्षाओं को सेनेटाइज किया जा रहा है. साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पठन-पाठन में रुकावट न हो, इसके मद्देनजर स्कूलों को खोला गया है. विद्यार्थियों की संख्या फिलहाल कम है, लेकिन धीरे-धीरे रुझान बढ़ रहा है.
नए सेशन में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी. स्कूलों में सावधानी बरती जा रही है. शिक्षक भी इस बात को मानते हैं कि स्कूलों में फिलहाल विद्यार्थियों की संख्या कम है. शिक्षक लगातार परामर्श दे रहे हैं. पठन-पाठन में कोई परेशानी नहीं है. आपात स्थिति होने पर चिकित्सकों के साथ परामर्श के लिए भी प्रबंधन ने तैयारी कर रखी है. दूसरी ओर विद्यार्थी भी स्कूल प्रबंधकों की ओर से कोविड-19 महामारी को लेकर की गई व्यवस्था से संतुष्ट हैं.