रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के लिए शुक्रवार का दिन अहम होगा. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. फिलहाल लालू प्रसाद के समर्थकों और परिजनों की नजर हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है. हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की जमानत याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. लालू प्रसाद की ओर से अदालत में याचिका दायर कर कहा गया है कि उन्होंने 42 महीने की अवधि जेल में पूरी कर ली है, उन्हें जो सजा दी गई है उसकी आधी सजा उन्होंने काट ली है, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में पूर्व में बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई की गई थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखे थे. अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने जमानत का विरोध किया था. अदालत ने यह माना था कि अभी आधी अवधि कस्टडी का पूरा नहीं हुआ है और लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन 9 अप्रैल को दी गई सजा की आधी सजा पूरी हो जाएगी.
सीबीआई के स्टैंड पर निर्भर करता है जमानत
कल सुनवाई के दौरान सीबीआई का क्या रुख रहता है. सीबीआई जवाब के लिए इस समय की मांग करती है या फिर पूर्व में दिए गए जवाब पर ही संतुष्ट रहना चाहती है. अदालत में जो पहले बहस के दौरान बातें सामने आई थी अगर उसी आधार पर बात होती है तो लालू प्रसाद को कल जमानत मिल सकती है. उनके लिए कल का दिन बहुत ही अहम हो सकता है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि लालू प्रसाद को चारा घोटाला के 4 मामले देवघर के, 1 चाईबासा, 2 दुमका और 1 मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है. जिसमें 3 मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है. यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वे जेल से रिहा हो जाएंगे. फिलहाल लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने के कारण एम्स ले जाया गया है,वहीं इलाज करा रहे हैं. देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें साढ़े 3 साल की सजा दी गई थी. जिसमें उन्हें पहले ही बेल दे दिया गया है. चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के दो मामले में उन्हें निचली अदालत से 5 साल की सजा दी गई थी. उस मामले में भी उन्हें जमानत दे दी गई है. अब अंतिम मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामला का है. इसमें सीबीआई की निचली अदालत से 7 साल की सजा दी गई है. इसी मामले में जमानत याचिका दायर की गई है. मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी.