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सरहुल महोत्सव में वित्त मंत्री ने बजाया ढोल मृदंग, कहा-भाईचारे के साथ मनाना चाहिए पर्व

झारखंड में सोमवार को सरहुल पर्व मनाया गया. जगह-जगह मनाए गए सरहुल महोत्सव में आम ओ खास शामिल हुए. इसमें वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव भी शामिल हुए.

FM Rameshwar oraon played dhol mridang in Sarhul festival in jharkhand
सरहुल महोत्सव में वित्त मंत्री ने बजाया ढोल मृदंग
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Published : Apr 4, 2022, 9:27 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 9:43 PM IST

रांचीः झारखंड में सोमवार को प्रकृति पर्व सरहुल की धूम रही. सरना स्थलों पर परंपरागत परिधान में युवक-युवतियां थिरकते नजर आए तो मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायक तक सरहुल पूजा में शामिल हुए. इस दौरान माननीय साल वृक्ष की पूजा और सामूहिक नृत्य के कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कड़ी में पूर्व आईपीएस अधिकारी तथा राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का भी नाम है. वे भी सरहुल में शामिल हुए और परंपरागत तरीके से ढोल, मृदंग बजाया.

ये भी पढ़ें- सरहुल महोत्सव 2022: मांदर की थाप पर झूमे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कहा- त्योहार आदिवासी सभ्यता की पहचान

बता दें कि सरहुल नए वर्ष के आगमन का त्योहार है. यह चैत्र के तीसरे दिन, चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरहुल का शाब्दिक अर्थ है साल की पूजा. यही वजह है कि इस दिन जनजातीय समाज की युवतियां अपनी बालों में साल के फूल लगाते हैं और सामूहिक नृत्य संगीत में हिस्सा लेती हैं. इस बीच सोमवार को सरहुल पर्व में राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव शामिल हुए.

बाद में वित्त मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ आदिवासियों का त्योहार नहीं है. बल्कि उन सभी का त्योहार है जो इस प्रकृति की गोद में रहते हैं. इसलिए सभी जाति धर्म और समुदाय के लोगों को पूरे उत्साह से आपसी प्रेम और भाईचारे से इस त्योहार को मनाना चाहिए.

रांचीः झारखंड में सोमवार को प्रकृति पर्व सरहुल की धूम रही. सरना स्थलों पर परंपरागत परिधान में युवक-युवतियां थिरकते नजर आए तो मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायक तक सरहुल पूजा में शामिल हुए. इस दौरान माननीय साल वृक्ष की पूजा और सामूहिक नृत्य के कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कड़ी में पूर्व आईपीएस अधिकारी तथा राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का भी नाम है. वे भी सरहुल में शामिल हुए और परंपरागत तरीके से ढोल, मृदंग बजाया.

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बता दें कि सरहुल नए वर्ष के आगमन का त्योहार है. यह चैत्र के तीसरे दिन, चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरहुल का शाब्दिक अर्थ है साल की पूजा. यही वजह है कि इस दिन जनजातीय समाज की युवतियां अपनी बालों में साल के फूल लगाते हैं और सामूहिक नृत्य संगीत में हिस्सा लेती हैं. इस बीच सोमवार को सरहुल पर्व में राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव शामिल हुए.

बाद में वित्त मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ आदिवासियों का त्योहार नहीं है. बल्कि उन सभी का त्योहार है जो इस प्रकृति की गोद में रहते हैं. इसलिए सभी जाति धर्म और समुदाय के लोगों को पूरे उत्साह से आपसी प्रेम और भाईचारे से इस त्योहार को मनाना चाहिए.

Last Updated : Apr 4, 2022, 9:43 PM IST
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