रांचीः फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने शनिवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल से पत्राचार किया है. इस दौरान पर्यटकों की सुविधा के साथ ही व्यवसायिक और आर्थिक दृष्टिकोण से रेल मंत्रालय की ओर से बहुप्रतीक्षित स्वीकृत महत्वपूर्ण पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन का निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने की मांग की गई.
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तीर्थ यात्रियों को होती है परेशानी
पत्र में कहा गया कि पारसनाथ से मधुबन प्रत्येक वर्ष देश विदेश से हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं, यात्रियों को पारसनाथ स्टेशन पर उतर कर मधुबन तक का सफर सड़क मार्ग से ही तय करना पड़ता है, जिससे कठिनाई होती है. चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि व्यावसायिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी प्रस्तावित नई रेल लाइन महत्वपूर्ण है. उत्तर बिहार से कई तरह के खाद्यान्न मकई और चावल, जो दक्षिण भारत जाते हैं. प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण से इसकी दूरी कम हो जाएगी.
सुगम यातायात की सुविधा
नाॅर्थ इंडिया गुवाहाटी, मणिपुर, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश से आने वाले यात्रियों के साथ ही दक्षिण भारत से आने वाले तीर्थ यात्रियों को सरल यातायात सुविधा मिलेगी. जिससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी. पासरनाथ रेलवे स्टेशन, इसरी से जिला मुख्यालय गिरिडीह के जुड़ने से मजदूर, व्यापारी, फल-सब्जी विक्रेता और हर नागरिक प्रभावित होंगे. सबसे महत्वपूर्ण यह कि मेन लाइन, ग्रैंड कोड लाइन से जुड़ जाएगी. जिससे उत्तर पूर्व के यात्रियों को भी सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी.
बजटीय राशि आवंटित कराने का आग्रह
चैंबर महासचिव राहुल मारू और सदस्य अरूण जोशी ने संयुक्त रूप से कहा कि दुनिया भर में जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रसिद्ध और आस्था का केंद्र सम्मेद शिखरजी, मधुबन तक ट्रेन से तीर्थ यात्रियों को पहुंचाने की केंद्र सरकार की योजना है. इसके अनुरूप पारसनाथ से मधुबन और मधुबन से गिरिडीह रेलवे स्टेशन तक 49 किमी लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना स्वीकृत है. सभी सर्वेक्षण कार्य भी पूर्ण किए जा चुके हैं, लेकिन पर्याप्त बजटीय राशि आवंटित न होने के कारण इस दिशा में अब तक अग्रतर कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है, जिससे पर्यटकों के साथ ही विशेषकर जैन धर्मावलंबियों के बीच उदासीनता है. यह आग्रह किया गया कि धार्मिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बहुप्रतीक्षित पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह नई रेल लाइन प्रोजेक्ट का कार्य जल्द शुरू करने के लिए पर्याप्त बजटीय राशि उपलब्ध कराई जाए.