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अस्पताल प्रबंधन और निजी लैब से एफजेसीसीआई का आग्रह, राज्य सरकार के निर्धारित दर पर ही करें कोविड की जांच और इलाज

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Published : Sep 16, 2020, 8:52 PM IST

फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने अपने सभी अस्पताल से जुडे सदस्यों को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अस्पताल प्रबंधन और डाॅक्टर्स, नर्स, कर्मचारियों के सेवाभाव के कारण ही झारखंड देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक सुरक्षित है, लेकिन कुछ अस्पतालों में इस आपदा को अवसर में बदलने के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

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एफजेसीसीआई का आग्रह

रांची: झारखंड के निजी अस्पताल और लैब में कोविड-19 के इलाज के लिए सरकार के ओर से निर्धारित दर पर इलाज और जांच सुनिश्चित करने को लेकर बुधवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) ने अपने सभी अस्पताल से जुडे सदस्यों को पत्र भेजा है, जिसमें कहा कि अस्पताल प्रबंधन और अस्पताल में सेवा दे रहे डाॅक्टर्स, नर्स, कर्मचारियों के निःस्वार्थ सेवाभाव के कारण ही आज हमारा राज्य देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक सुरक्षित रहा है, लेकिन कुछ अस्पतालों में इस आपदा को अवसर में बदलने के कारण संक्रमित और उनके परिजनों को इलाज और जांच कराने में भारी कठिनाई हो रही है.


चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि संक्रमितों के इलाज दर में एकरूपता लाने के लिए देश के कई राज्यों की तरह झारखंड में भी एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत निजी चिकित्सालयों में इलाज की दरें निर्धारित की गई हैं, जिससे संक्रमित मरीज और उनके परिजनों को काफी सुविधा मिलने की संभावनाएं हैं, हालांकि इलाज के बाद अस्पताल प्रबंधन के ओर से भिन्न-भिन्न प्रकार से शुल्क जोडकर, इलाज की दरें बढा दिए जाने की दुखद खबरें आ रही है, कुछ अस्पतालों के इस काम के कारण मानव सेवा के कार्य में निःस्वार्थ भाव से जुडे प्रतिष्ठित अस्पतालों को भी समाज में संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है. ऐसे में उन्होंने अस्पतालों प्रबंधकों से आग्रह किया है कि अस्पताल में राज्य सरकार की ओर से निर्धारित दर के आधार पर ही कोविड की जांच और इलाज सुनिश्चित करें, साथ ही इलाज के नाम पर मनमाना शुल्क की मांग करने वाले अस्पताल के प्रबंधकों से सामंजस्य बनाकर एक ठोस निर्णय लेने की अपील की है, ताकि इस आपदा रूपी संकट का पूर्ण समाधान किया जा सके.


इसे भी पढे़ं:- झारखंड में प्रभारी डीजीपी की नियुक्ति पर संसद में सवाल, निशिकांत दुबे ने उठाया विधि व्यवस्था का मुद्दा

चैंबर ने कोविड की जांच के लिए निजी लैब में जांच की दर को 2,400 रुपए से कम करते हुए 1,500 रुपए करने पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद दिया है और कहा कि झारखंड को संक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में निजी अस्पताल और लैब में जांच की दरों में कमी का फैसला स्वागतयोग्य है, सरकार के इस व्यवहारिक निर्णय से लोग स्वयं ही जांच के लिए आगे आएंगे.

रांची: झारखंड के निजी अस्पताल और लैब में कोविड-19 के इलाज के लिए सरकार के ओर से निर्धारित दर पर इलाज और जांच सुनिश्चित करने को लेकर बुधवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) ने अपने सभी अस्पताल से जुडे सदस्यों को पत्र भेजा है, जिसमें कहा कि अस्पताल प्रबंधन और अस्पताल में सेवा दे रहे डाॅक्टर्स, नर्स, कर्मचारियों के निःस्वार्थ सेवाभाव के कारण ही आज हमारा राज्य देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक सुरक्षित रहा है, लेकिन कुछ अस्पतालों में इस आपदा को अवसर में बदलने के कारण संक्रमित और उनके परिजनों को इलाज और जांच कराने में भारी कठिनाई हो रही है.


चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि संक्रमितों के इलाज दर में एकरूपता लाने के लिए देश के कई राज्यों की तरह झारखंड में भी एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत निजी चिकित्सालयों में इलाज की दरें निर्धारित की गई हैं, जिससे संक्रमित मरीज और उनके परिजनों को काफी सुविधा मिलने की संभावनाएं हैं, हालांकि इलाज के बाद अस्पताल प्रबंधन के ओर से भिन्न-भिन्न प्रकार से शुल्क जोडकर, इलाज की दरें बढा दिए जाने की दुखद खबरें आ रही है, कुछ अस्पतालों के इस काम के कारण मानव सेवा के कार्य में निःस्वार्थ भाव से जुडे प्रतिष्ठित अस्पतालों को भी समाज में संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है. ऐसे में उन्होंने अस्पतालों प्रबंधकों से आग्रह किया है कि अस्पताल में राज्य सरकार की ओर से निर्धारित दर के आधार पर ही कोविड की जांच और इलाज सुनिश्चित करें, साथ ही इलाज के नाम पर मनमाना शुल्क की मांग करने वाले अस्पताल के प्रबंधकों से सामंजस्य बनाकर एक ठोस निर्णय लेने की अपील की है, ताकि इस आपदा रूपी संकट का पूर्ण समाधान किया जा सके.


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चैंबर ने कोविड की जांच के लिए निजी लैब में जांच की दर को 2,400 रुपए से कम करते हुए 1,500 रुपए करने पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद दिया है और कहा कि झारखंड को संक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में निजी अस्पताल और लैब में जांच की दरों में कमी का फैसला स्वागतयोग्य है, सरकार के इस व्यवहारिक निर्णय से लोग स्वयं ही जांच के लिए आगे आएंगे.

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