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पटना ब्लास्ट मामला: रांची के इम्तियाज, नोमान, मुजीबुल्लाह और दरभंगा के हैदर को फांसी, एनआईए कोर्ट ने सुनायी सजा - nai court

पटना ब्लास्ट मामले में रांची के पांच आतंकियों को सजा मिली है. रांची के मोजिबुल्लाह, इम्तियाज और नोमान को फांसी की सजा दी गई है.

Patna serial blasts
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Published : Nov 1, 2021, 7:07 PM IST

रांची/पटना: 27 अक्टूबर 2013 को पटना में सीरियल ब्लास्ट करने और साजिश रचने वालों को एनआईए कोर्ट ने सजा सुना दी है. नौ दोषियों में से चार को फांसी, दो को उम्र कैद, दो को दस-दस साल और एक को सात साल की सजा हुई है. हैदर अली, नोमान अंसारी. मो. मुजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज को फांसी की सजा हुई है. उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को उम्रकैद की सजा मिली है. अहमद हुसैन और मो. फिरोज असलम को दस साल की सजा दी गई है. वहीं इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा हुई है.

ये भी पढ़ें- पटना सीरियल ब्लास्ट में सजायाफ्ता नोमान और तौफीक पलामू से हुए थे गिरफ्तार, नाम बदल कर रह रहे थे

सजा पाने वाले नौ आतंकियों में सबसे ज्यादा पांच आतंकी रांची के रहने वाले हैं. उनके नाम हैं- इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम, नोमान अंसारी, इफ्तिखार आलम, फिरोज आलम उर्फ फिरोज असलम और मोजिबुल्लाह अंसारी. वहीं हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ करिया उर्फ ब्लैक ब्यूटी मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला है. शेष तीन में उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन रायपुर और अहमद हुसैन यूपी का रहने वाला है.

फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों में इम्तियाज और नोमान रांची के सीठियों का निवासी है. जबकि मुजीबुल्लाह ओरमांझी के चकला का रहने वाला है. वहीं हैदर मूल रूप से दरभंगा का निवासी है. लेकिन यह रांची में डोरंडा स्थित युनूस चौक के पास किराए के मकान में रहता था. इसका उपनाम ब्लैक ब्यूटी था. इसको बम बनाने में महारथ हासिल था.

इम्तियाज ने एनआइए को बताया था कि तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के कहने पर पटना में नरेंद्र मोदी की सभा को टारगेट किया गया था. पूरा प्लान तैयार करने बाद 26 अक्टूबर 2013 सभी रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड पटना के लिए प्रियांशु बस से रवाना हुए थे.

ये भी पढ़ें- गांधी मैदान धमाका केस: चार दोषियों को फांसी, दो को आजीवन कारावास

सीठियो स्थित इम्तियाज के घर से विस्फोटक और कई महत्वपूर्ण कागजात मिले थे. इस कांड की तफ्तीश के दौरान रांची में सक्रिय इंडियन मुजाहीद्दीन मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. पुलिस मुजीबुल्लाह के ओरमांझी स्थित चकला पहुंची तो पता चला कि वह हिंदपीढ़ी के किसी लॉज में रहता है. मुजीबुल्लाह के चाचा की निशानदेही पर रांची पुलिस की टीम 4 नवंबर 2013 को हिंदपीढ़ी के ईरम लॉज पहुंची थी. तब पता चला कि मुजीबुल्लाह का कमरा 24 अक्तूबर 2013 यानी गांधी मैदान में धमाके के तीन दिन पहले से बंद है.

पुलिस की निगरानी में ईरम लॉज में मुजीबुल्लाह के कमरे का ताला तोड़ा गया था. उस कमरे से पुलिस ने तीन कार्टून में 9 सीरिज में 27 टाइमर बम, 25 जिलेटिन, 14 डेटोनेटर बम बरामद किया था. इन बमों में भी लोटस की घड़ी लगी थी. सभी बम एल्बो से जुड़े थे. पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर 2013 को नरेंद्र मोदी की सभा, पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 में धमाके के बाद पुलिस ने मौके से रांची सीठियो के इम्तियाज अंसारी, नुमान, तौफीक को गिरफ्तार किया था. वहीं तौकीर की धमाके में जख्मी होने से मौत हो गई थी. हैदर उर्फ ब्लैक ब्यूटी की गिरफ्तारी 15 दिन बाद हुई थी.

रांची/पटना: 27 अक्टूबर 2013 को पटना में सीरियल ब्लास्ट करने और साजिश रचने वालों को एनआईए कोर्ट ने सजा सुना दी है. नौ दोषियों में से चार को फांसी, दो को उम्र कैद, दो को दस-दस साल और एक को सात साल की सजा हुई है. हैदर अली, नोमान अंसारी. मो. मुजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज को फांसी की सजा हुई है. उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को उम्रकैद की सजा मिली है. अहमद हुसैन और मो. फिरोज असलम को दस साल की सजा दी गई है. वहीं इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा हुई है.

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सजा पाने वाले नौ आतंकियों में सबसे ज्यादा पांच आतंकी रांची के रहने वाले हैं. उनके नाम हैं- इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम, नोमान अंसारी, इफ्तिखार आलम, फिरोज आलम उर्फ फिरोज असलम और मोजिबुल्लाह अंसारी. वहीं हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ करिया उर्फ ब्लैक ब्यूटी मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला है. शेष तीन में उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन रायपुर और अहमद हुसैन यूपी का रहने वाला है.

फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों में इम्तियाज और नोमान रांची के सीठियों का निवासी है. जबकि मुजीबुल्लाह ओरमांझी के चकला का रहने वाला है. वहीं हैदर मूल रूप से दरभंगा का निवासी है. लेकिन यह रांची में डोरंडा स्थित युनूस चौक के पास किराए के मकान में रहता था. इसका उपनाम ब्लैक ब्यूटी था. इसको बम बनाने में महारथ हासिल था.

इम्तियाज ने एनआइए को बताया था कि तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के कहने पर पटना में नरेंद्र मोदी की सभा को टारगेट किया गया था. पूरा प्लान तैयार करने बाद 26 अक्टूबर 2013 सभी रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड पटना के लिए प्रियांशु बस से रवाना हुए थे.

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सीठियो स्थित इम्तियाज के घर से विस्फोटक और कई महत्वपूर्ण कागजात मिले थे. इस कांड की तफ्तीश के दौरान रांची में सक्रिय इंडियन मुजाहीद्दीन मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. पुलिस मुजीबुल्लाह के ओरमांझी स्थित चकला पहुंची तो पता चला कि वह हिंदपीढ़ी के किसी लॉज में रहता है. मुजीबुल्लाह के चाचा की निशानदेही पर रांची पुलिस की टीम 4 नवंबर 2013 को हिंदपीढ़ी के ईरम लॉज पहुंची थी. तब पता चला कि मुजीबुल्लाह का कमरा 24 अक्तूबर 2013 यानी गांधी मैदान में धमाके के तीन दिन पहले से बंद है.

पुलिस की निगरानी में ईरम लॉज में मुजीबुल्लाह के कमरे का ताला तोड़ा गया था. उस कमरे से पुलिस ने तीन कार्टून में 9 सीरिज में 27 टाइमर बम, 25 जिलेटिन, 14 डेटोनेटर बम बरामद किया था. इन बमों में भी लोटस की घड़ी लगी थी. सभी बम एल्बो से जुड़े थे. पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर 2013 को नरेंद्र मोदी की सभा, पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 10 में धमाके के बाद पुलिस ने मौके से रांची सीठियो के इम्तियाज अंसारी, नुमान, तौफीक को गिरफ्तार किया था. वहीं तौकीर की धमाके में जख्मी होने से मौत हो गई थी. हैदर उर्फ ब्लैक ब्यूटी की गिरफ्तारी 15 दिन बाद हुई थी.

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