रांची: उग्रवादी संगठन टीपीसी के खिलाफ एनआईए ने एक बार फिर से शिकंजा कसा है. पलामू से जुड़े कांड संख्या आरसी 23/18 में टीपीसी के सुप्रीमो गोपाल सिंह भोक्ता उर्फ बृजेश गंजू, जोनल कमांडर मुकेश गंझू, आक्रमण जी, परमजीत और नागेश्वर गंझू को मोस्ट वांटेड घोषित किया गया है. चतरा, पलामू और लातेहार में आतंक का पर्याय बन चुका 10 लाख के इनामी नक्सली जोनल कमांडर परमजीत उर्फ सोनू दास का शव पुलिस ने मंगलवार को लावालौंग थाना क्षेत्र के टिकला गांव के पास जंगल से बरामद किया है.
क्या है मामला
झारखंड के पलामू जिले के पाकी में 23 नवंबर 2017 को उग्रवादी संगठन टीपीसी के श्याम भोक्ता को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद श्याम के पास से पुलिस ने 5 लाख नगद, एक पिस्टल, कारतूस और टीपीसी उग्रवादियों से जुड़े सामान को जप्त किया था. इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 9 जुलाई 2018 को एनआईए ने केस को टेकओवर कर जांच की शुरुआत की थी. जांच के दौरान एनआईए को यह जानकारी हासिल हुई की श्याम सिंह भोक्ता के पास से जो 5 लाख बरामद किए गए थे. वह टेरर फंडिंग में इस्तेमाल के लिए थे, जिसके बाद एनआईए ने केस में टीपीसी के सुप्रीमो बृजेश गंजू, आक्रमण, नागेश्वर गंझू और परमजीत को आरोपी बनाया. एनआईए ने पूर्व में भी अलग-अलग मामलों में बृजेश गंजू सहित पांचों को वांटेड घोषित कर चुका है. नागालैंड के आर्म्स गिरोह तस्करों से हथियार के डील मामले में भी एनआईए ने टीपीसी संगठन पर शिकंजा कसा हुआ है. हाल में ही इस मामले में एनआईए ने टीपीसी के भी भीखन गंझू को भी मोस्ट वांटेड घोषित किया था.
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टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए
मगध आम्रपाली परियोजना से टीपीसी के टेरर फंडिंग मामले की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए जांच के घेरे में टीपीसी उग्रवादियों के अलावा ट्रांसपोर्ट और सीसीएल के कर्मी भी हैं. एनआईए की अब तक की कार्रवाई में टेरर फंडिंग में कई बड़े उग्रवादियों पर चार्जशीट हो चुकी है.