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पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का पांच दिवसीय आंदोलन शुरू, CM पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का सोमवार से पांच दिवसीय विधानसभा घेराव कार्यक्रम शुरू हो गया है. इस दौरान विभिन्न जिलों से आए पारा शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.

five day movement of para teachers started in ranchi
एकत्रित पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का पांच दिवसीय आंदोलन
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Published : Mar 15, 2021, 5:04 PM IST

रांचीः पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का सोमवार से पांच दिवसीय विधानसभा घेराव कार्यक्रम शुरू हो गया है. करीब 65 हजार शिक्षक आंदोलन में चरणबद्ध तरीके से शामिल होंगे, जिसमें पहले दिन गिरिडीह, रामगढ़, देवघर, लोहरदगा और पूर्वी सिंहभूम के पारा शिक्षक शामिल हुए हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- पारा शिक्षकों की सरकार को चेतावनी, मांगे नहीं मानने पर विधानसभा सत्र के दौरान होगा जोरदार आंदोलन


सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
पहले दिन पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सैकड़ों शिक्षक ने विधानसभा के समक्ष पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान संघर्ष मोर्चा के सदस्य संजय कुमार दुबे ने मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव की सभाओं में मुख्यमंत्री यह कहा करते थे कि सरकार बनते ही पारा शिक्षकों की मांग पूरी होगी, लेकिन आज 14 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार का रवैया उदासीन है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
पारा शिक्षक संघ की सदस्य सुजीता साहू ने कहा कि मौजूदा हेमंत सरकार ने चुनाव से पहले कहा था कि सरकार बनने के 3 महीने बाद स्थायीकरण किया जाएगा, लेकिन आज 14 महीना बीत जाने के बाद भी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. यह मानते हैं कि 1 साल महामारी की चपेट में बीत गया, लेकिन अन्य काम भी तो इसी समय में हो रहे हैं, तो फिर पारा शिक्षकों के नियमितीकरण करने के नियमवाली जो बनी है, इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस पांच दिवसीय धरना प्रदर्शन के दौरान मांग पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के समय में जिस तरीके से पारा शिक्षकों ने उग्र आंदोलन किया था, उसी तर्ज पर एक बार फिर से उग्र आंदोलन किया जाएगा.

रांचीः पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का सोमवार से पांच दिवसीय विधानसभा घेराव कार्यक्रम शुरू हो गया है. करीब 65 हजार शिक्षक आंदोलन में चरणबद्ध तरीके से शामिल होंगे, जिसमें पहले दिन गिरिडीह, रामगढ़, देवघर, लोहरदगा और पूर्वी सिंहभूम के पारा शिक्षक शामिल हुए हैं.

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सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
पहले दिन पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सैकड़ों शिक्षक ने विधानसभा के समक्ष पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान संघर्ष मोर्चा के सदस्य संजय कुमार दुबे ने मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चुनाव की सभाओं में मुख्यमंत्री यह कहा करते थे कि सरकार बनते ही पारा शिक्षकों की मांग पूरी होगी, लेकिन आज 14 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार का रवैया उदासीन है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी
पारा शिक्षक संघ की सदस्य सुजीता साहू ने कहा कि मौजूदा हेमंत सरकार ने चुनाव से पहले कहा था कि सरकार बनने के 3 महीने बाद स्थायीकरण किया जाएगा, लेकिन आज 14 महीना बीत जाने के बाद भी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. यह मानते हैं कि 1 साल महामारी की चपेट में बीत गया, लेकिन अन्य काम भी तो इसी समय में हो रहे हैं, तो फिर पारा शिक्षकों के नियमितीकरण करने के नियमवाली जो बनी है, इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस पांच दिवसीय धरना प्रदर्शन के दौरान मांग पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के समय में जिस तरीके से पारा शिक्षकों ने उग्र आंदोलन किया था, उसी तर्ज पर एक बार फिर से उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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