रांचीः मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने झारखंड में मादक पदार्थों के उत्पादन, विक्रय और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़े उपाय करने पर बल दिया है. उन्होंने इसके लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्योर बनाने का निर्देश दिया है. इसमें स्पष्ट होगा कि किस स्तर के किस अधिकारी की क्या भूमिका और जिम्मेदारी होगी.
राज्य स्तरीय कमिटी की पहली बैठक
नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर मैकेनिज्म की झारखंड में आयोजित यह राज्य स्तरीय कमिटी की पहली बैठक थी. हर तीन माह पर राज्य और जिला स्तर पर यह बैठक होगी. मुख्य सचिव ने इस कमेटी का विस्तार करते हुए इसे और प्रभावी बनाने की जरूरत पर बल देते हुए इसे थाना स्तर तक ले जाने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की रोकथाम में आधा दर्जन से अधिक विभागों की भूमिका को देखते हुए समन्वय महत्वपूर्ण है. पुलिस की इसमें अहम भूमिका होगी. अन्य विभाग उसे समय पर सूचना मुहैया कराने की पहल करेंगे. ऐसा नहीं करने पर वन भूमि और सरकारी भूमि या कहीं अन्य स्थल पर पोस्ता की फसल पाए जाने पर संबंधित अधिकारी दोषी होंगे. मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को कोडीन युक्त कफ सीरप और नींद की दवा का नशे के लिए हो रहे उपयोग पर कारगर निगरानी रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें विफल होने पर निगरानी और रोकथाम के लिए चिह्नित अधिकारी ही जवाबदेह होंगे.
मुख्य सचिव ने महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को नशे की गिरफ्त में आए लोगों के पुनर्वास और मादक पदार्थों के सेवन को हतोत्साहित करने के लिए प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया है.
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मादक पदार्थों पर अंकुश लगाना जरूरी
मुख्य सचिव ने राज्य में मादक पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए उसके जड़ पर प्रहार करने की जरूरत बताई है. उन्होंने पोस्ते की खेती पर सेटेलाइट और ड्रोन से नजर रखने और फसल के तैयार होने के पहले उसे नष्ट करने का निर्देश दिया है. बैठक में बताया गया कि पोस्ते की खेती में बाहर के राज्यों का भी रैकेट काम कर रहा है और इसमें अन्य फसलों के मुकाबले कई गुना अधिक फायदा होने के कारण लोग इस ओर आकर्षित होते हैं. मुख्य सचिव ने अफीम और अन्य घातक मादक पदार्थ बनाने में इस्तेमाल होने वाले पोस्ते की खेती पर चोट करने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए उस क्षेत्र विशेष में लोगों को अन्य फसलों की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जाये. वहीं आम नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार-प्रसार माध्यमों का भी सहारा लिया जाए.
मादक पदार्थों की कारगर रोकथाम
वहीं मादक पदार्थों की कारगर रोकथाम के लिए इससे जुड़े लोगों को नारकोटिक्स ब्यूरो प्रशिक्षित करेगा. साथ ही मादक पदार्थों की मौके पर फॉरेंसिक जांच के लिए उपकरण भी दिए जाएंगे. साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी के मार्गों को चिह्नित कर निगरानी रखी जाएगी. मुख्य सचिव ने मादक पदार्थों के खिलाफ सरकारी तंत्र के साथ आम नागरिकों को भी जोड़ने पर बल दिया है. उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी व्यवस्था करें कि आम लोग पोस्ते की खेती से लेकर उसके कारोबारियों तक की सूचना दें. ऐसे लोगों के नाम गुप्त रखें और उन्हें गुप्त रूप से पुरस्कृत भी करें. वहीं मुख्य सचिव ने नशे के धंधे में लिप्त लोगों को सजा दिलाने में तत्परता दिखाने पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि सजा दिलाने के साथ उसकी सूचना भी विभिन्न प्रसार माध्यमों से प्रसारित की जाए।ताकि इससे जुड़े लोगों में डर पैदा हो.