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Fire in Dhanbad: धनबाद अग्निकांड पर अग्निशमन विभाग खामोश, एडीजी ने कहा बात करने का समय नहीं

धनबाद अग्निकांड पर अग्निशमन विभाग खामोश है वह हर तरह के सवालों से बचना चहता है. इस मामले में जब एडीजी सुमन गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने सीधे शब्दों में कह दिया कि उनके पास बात करने का वक्त नहीं है.

Fire department silent on Dhanbad fire case
दमकल की गाड़ियां
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Published : Feb 1, 2023, 1:35 PM IST

Updated : Feb 1, 2023, 1:59 PM IST

जानकारी देते संवाददाता प्रशांत कुमार

रांची: एक सप्ताह के भीतर देश की कोयला राजधानी धनबाद में हुई दो भीषण आग लगने की घटनाओं ने सब को झकझोर कर रख दिया है. दोनों अगलगी की घटनाओं मासूम बच्चों सहित कई बुजुर्ग जिंदा जल गए. इन घटनाओं को लेकर पूरे देश में दुख का माहौल है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि फायर सेफ्टी को लेकर झारखंड में क्या कुछ तैयारियां हैं, जिन अपार्टमेंट्स को फायर ब्रिगेड की तरफ से एनओसी दिया गया है क्या उस में अनियमितता बरती गई है, क्या एनओसी देने में कोई बड़ा घोटाला हुआ है, क्या इस संबंध में कोई जांच हो रही है, यह सब बताने वाला कोई नहीं है. पूरे मामले में अग्निशमन मुख्यालय में सवालों का जवाब देने वाला कोई नहीं है.

ये भी पढ़ें: Fire in Dhanbad: आशीर्वाद टावर में दीये से लगी आग, प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी, मौत का मंजर देख कांप गई रूह

एडीजी ने कहा समय नहीं है: कभी धनबाद की सीनियर एसपी रह चुकी आईपीएस अधिकारी सुमन गुप्ता वर्तमान में एडीजी अग्निशमन है. बुधवार को जब उनसे धनबाद अग्निकांड को लेकर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उनके पास समय नहीं है. अग्निशमन विभाग के डोरंडा स्थित मुख्यालय में कई मीडिया कर्मियों से फोन पर ही उनकी तीखी बहस भी हुई. हालांकि लाख प्रयास के बावजूद एडीजी सुमन गुप्ता बातचीत को तैयार नहीं हुई.

अग्निशमन मुख्यालय में मची हुई थी अफरा-तफरी: रांची के डोरंडा स्थित अग्निशमन मुख्यालय में बुधवार को अफरा-तफरी की स्थिति मची हुई थी. एडीजी अग्निशमन और डीआईजी अग्निशमन दोनों ही कार्यालय में मौजूद थे. वहीं दूसरी तरफ अग्निशमन विभाग के बाकी अफसर झारखंड में फायर सेफ्टी को लेकर क्या-क्या इंतजाम है, कौन-कौन से वाहन उनके पास हैं इसके अलावा अग्निशमन विभाग के पास कितने तरह के फायर सेफ्टी के उपकरण हैं, उनका लिस्ट तैयार करने में व्यस्त थे. हैरानी की बात तो यह है कि यह सभी लिस्ट पहले ही अपडेट होनी चाहिए थी, लेकिन धनबाद में हुए दो भीषण अग्निकांड के बाद अग्निशमन मुख्यालय भी नींद से जागा है. नींद से जागने के बाद सबसे पहले विभाग कागजों को ठीक कर रहा है. क्योंकि इतने बड़े अग्निकांड के बाद यह तय है कि इस मामले में बड़े-बड़े सवाल उठेंगे जिनका जवाब देना बेहद कठिन होगा.

एनओसी पर उठेंए सवाल: दरअसल झारखंड की राजधानी रांची सहित कई जिलों में अंधाधुंध बहुमंजिला भवनों का निर्माण हुआ है, बहुमंजिला भवन के लिए अग्निशमन विभाग से भी एनओसी लेनी पड़ती है. फायर सेफ्टी के प्रॉपर इक्विपमेंट्स के साथ-साथ कई तरह के जांच के बाद ही विभाग के द्वारा एनओसी दिया जाता है, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नहीं होता है. राजधानी में कई ऐसे स्थानों पर अपार्टमेंट बन चुके हैं कि अगर वहां आग लग जाए तो दमकल के छोटे वाहन भी नहीं पहुंच पाएंगे. ऐसे में धनबाद अग्निकांड के बाद एनओसी पर सवाल उठना तय है कुछ लोग इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की भी तैयारी में है.

जानकारी देते संवाददाता प्रशांत कुमार

रांची: एक सप्ताह के भीतर देश की कोयला राजधानी धनबाद में हुई दो भीषण आग लगने की घटनाओं ने सब को झकझोर कर रख दिया है. दोनों अगलगी की घटनाओं मासूम बच्चों सहित कई बुजुर्ग जिंदा जल गए. इन घटनाओं को लेकर पूरे देश में दुख का माहौल है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि फायर सेफ्टी को लेकर झारखंड में क्या कुछ तैयारियां हैं, जिन अपार्टमेंट्स को फायर ब्रिगेड की तरफ से एनओसी दिया गया है क्या उस में अनियमितता बरती गई है, क्या एनओसी देने में कोई बड़ा घोटाला हुआ है, क्या इस संबंध में कोई जांच हो रही है, यह सब बताने वाला कोई नहीं है. पूरे मामले में अग्निशमन मुख्यालय में सवालों का जवाब देने वाला कोई नहीं है.

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एडीजी ने कहा समय नहीं है: कभी धनबाद की सीनियर एसपी रह चुकी आईपीएस अधिकारी सुमन गुप्ता वर्तमान में एडीजी अग्निशमन है. बुधवार को जब उनसे धनबाद अग्निकांड को लेकर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उनके पास समय नहीं है. अग्निशमन विभाग के डोरंडा स्थित मुख्यालय में कई मीडिया कर्मियों से फोन पर ही उनकी तीखी बहस भी हुई. हालांकि लाख प्रयास के बावजूद एडीजी सुमन गुप्ता बातचीत को तैयार नहीं हुई.

अग्निशमन मुख्यालय में मची हुई थी अफरा-तफरी: रांची के डोरंडा स्थित अग्निशमन मुख्यालय में बुधवार को अफरा-तफरी की स्थिति मची हुई थी. एडीजी अग्निशमन और डीआईजी अग्निशमन दोनों ही कार्यालय में मौजूद थे. वहीं दूसरी तरफ अग्निशमन विभाग के बाकी अफसर झारखंड में फायर सेफ्टी को लेकर क्या-क्या इंतजाम है, कौन-कौन से वाहन उनके पास हैं इसके अलावा अग्निशमन विभाग के पास कितने तरह के फायर सेफ्टी के उपकरण हैं, उनका लिस्ट तैयार करने में व्यस्त थे. हैरानी की बात तो यह है कि यह सभी लिस्ट पहले ही अपडेट होनी चाहिए थी, लेकिन धनबाद में हुए दो भीषण अग्निकांड के बाद अग्निशमन मुख्यालय भी नींद से जागा है. नींद से जागने के बाद सबसे पहले विभाग कागजों को ठीक कर रहा है. क्योंकि इतने बड़े अग्निकांड के बाद यह तय है कि इस मामले में बड़े-बड़े सवाल उठेंगे जिनका जवाब देना बेहद कठिन होगा.

एनओसी पर उठेंए सवाल: दरअसल झारखंड की राजधानी रांची सहित कई जिलों में अंधाधुंध बहुमंजिला भवनों का निर्माण हुआ है, बहुमंजिला भवन के लिए अग्निशमन विभाग से भी एनओसी लेनी पड़ती है. फायर सेफ्टी के प्रॉपर इक्विपमेंट्स के साथ-साथ कई तरह के जांच के बाद ही विभाग के द्वारा एनओसी दिया जाता है, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नहीं होता है. राजधानी में कई ऐसे स्थानों पर अपार्टमेंट बन चुके हैं कि अगर वहां आग लग जाए तो दमकल के छोटे वाहन भी नहीं पहुंच पाएंगे. ऐसे में धनबाद अग्निकांड के बाद एनओसी पर सवाल उठना तय है कुछ लोग इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की भी तैयारी में है.

Last Updated : Feb 1, 2023, 1:59 PM IST
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