रांचीः हेमंत सोरेन सरकार अपना पहला आम बजट पुराने विधानसभा में ही पेश करेगी. यह सत्र 28 फरवरी से 28 मार्च तक चलेगा और 3 मार्च को आम बजट पेश होगा. अब सवाल है कि जब विधानसभा का नया भवन बनकर तैयार हो चुका है, ऐसे में पुराने विधानसभा में बजट पेश करने की वजह आखिर क्या है.
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इसकी पड़ताल करने पर यह बात सामने आई कि अभी तक भवन निर्माण विभाग ने नए विधानसभा भवन को टेकओवर नहीं किया है. इसकी जानकारी खुद आरके कंस्ट्रक्शन के पदाधिकारियों ने ईटीवी भारत को दी. इस बाबत जब वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से पूछा गया तो उन्होंने भी कहा कि नए विधानसभा में बजट सत्र का संचालन मुश्किल है. विधानसभा के पदाधिकारियों से भी इस बाबत पूछा गया तो कहा गया कि सुचारू रूप से नए विधानसभा में बजट सत्र का संचालन कराना मुश्किल होगा. क्योंकि विधायक अपने लिखित सवालों की कॉपी एक पेटी में डालते हैं. जिसे रिकॉर्ड पर लाने के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. अचानक लाए गए ध्यानाकर्षण के वक्त परेशानी और बढ़ सकती है. लिहाजा, पूरा सिस्टम शिफ्ट होने के बाद ही नये विधानसभा में सुचारू रूप से कार्यवाही हो सकती है.
नये विधानसभा भवन का विवादों से है नाता
नए विधानसभा भवन का निर्माण आरके कंस्ट्रक्शन ने किया है. इसके निर्माण में 465 करोड़ की लागत आई है. लागत को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ चुके हैं. इस बीच 4 दिसंबर 2019 को भवन में आग लग गयी थी. तब यह बात सामने आई थी फायर सेफ्टा संबंधी कार्य पूरा हुए बगैर 12 सितंबर 2019 को भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों करवाया गया था क्योंकि दिसंबर माह में अगलगी के दिन तक फायर सेफ्टी का कनेक्शन पानी की टंकी से नहीं हुआ था. हालाकि इसकी जांच चल रही है. उस वक्त चुनाव के माहौल के बीच हेमंत सोरेन ने भी कई मंच ने विधानसभा भवन में हुई अगलगी की घटना पर सवाल खड़े किए थे.
रघुवर का वादा रह जाएगा अधूरा
दरअसल, नये विधानसभा भवन का निर्माण आरके कंस्ट्रक्शन ने किया है. इसके लिए 39.7 एकड़ जमान अधिग्रहित की गई थी और 12 सितंबर 2019 को प्रधानमंत्री ने इस भवन का उद्घाटन भी कर दिया था. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि चुनाव बाद बनने वाली नई सरकार इसी भवन से सत्र की शुरुआत करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पंचम विधानसभा के गठन की प्रक्रिया पुराने भवन में ही हुई.