ETV Bharat / state

राजस्व संग्रहण की स्थिति हो रही है सामान्य, योजनाओं के लिए खर्च होने वाली राशि का बढ़ाया गया प्रतिशत: वित्त मंत्री - Tax collection

झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि लॉकडाउन में राजस्व संग्रहण में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है, लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी हो रही है. रामेश्वर उरांव ने बताया कि 15 जुलाई के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी होने के बाद राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में योजनाओं के लिए खर्च होने वाली राशि को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है.

finance-minister-reaction-on-revenue-collection-in-ranchi
रामेश्वर उरांव
author img

By

Published : Dec 11, 2020, 8:14 PM IST

रांची: झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में साढ़े तीन से चार महीने तक देशव्यापी लॉकडाउन में राजस्व संग्रहण में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है, लेकिन 15 जुलाई के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने बताया कि राजस्व संग्रहण में आई कमी को प्रोफेशनल टैक्स का दायरा बढ़ाकर और अन्य क्षेत्रों के माध्यम से इस गैप को पूरा करने की कोशिश की जा रही है.


वित्त मंत्री ने कहा कि अब राजस्व संग्रहण की स्थिति लगभग सामान्य हो रही है, पिछले साल की तरह ही उत्पाद और अन्य टैक्स का संग्रहण अब शुरू हो गया है, इसके अलावा राज्य में प्रोफेशनल टैक्स के रूप में 2500 रुपये सालाना सभी प्रोफेशनल्स से वसूले जाने का प्रावधान किया गया था, कोरोना संक्रमण काल में इस दायरे को बढ़ाया गया है और इस दायरे में कई अन्य प्रोफेशनल्स को लाने से राजस्व में वार्षिक लगभग 30 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, इसके अलावा झारखंड में वन क्षेत्र से भी बड़ी मात्रा में राजस्व संग्रहण संभव है, इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं.

जनकल्याण की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की कोशिश
रामेश्वर उरांव ने बताया कि 15 जुलाई के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी होने के बाद राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में योजनाओं के लिए खर्च होने वाली राशि को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है और आने वाले समय में स्थिति में सुधार होगी, तो शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार की यह कोशिश होगी कि चालू वित्तीय वर्ष में शत-प्रतिशत राशि खर्च हो सके और अधिक से अधिक जनकल्याण की योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके.

इसे भी पढे़ं: IIT-ISM ने की बड़ी कार्रवाई, 214 विद्यार्थियों को कर दिया टर्मिनेट

केंद्र सरकार के एक विकल्प पर झारखंड सरकार ने जताई सहमति
जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि के संबंध में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से पहले कोरोना काल में राजस्व संग्रहण में कमी का हवाला देते हुए राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई थी, कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि के बराबर राशि सरकार आरबीआई से कर्ज ले लें, लेकिन इसका राज्य सरकारों की ओर से विरोध किया गया, तो केंद्र सरकार की ओर से दो विकल्प रखे गए, जिसके तहत पहले विकल्प में यह कहा गया कि राज्य सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए आरबीआई से ऋण ले लें, केंद्र सरकार इसके मूलधन और ब्याज का वहन करेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने इस विकल्प को मानते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया था और संभवतः 1500 से 1600 करोड़ रुपये की राशि इस मद में झारखंड सरकार को जल्द मिल जाएगी या मिल गई होगी. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर कुछ राशि झारखंड को मिल चुकी है और उस राशि से जनकल्याणी योजनाओं को सरजमीं पर उतारने का काम भी जल्द ही शुरू हो जाएगा.

रांची: झारखंड के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में साढ़े तीन से चार महीने तक देशव्यापी लॉकडाउन में राजस्व संग्रहण में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है, लेकिन 15 जुलाई के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने बताया कि राजस्व संग्रहण में आई कमी को प्रोफेशनल टैक्स का दायरा बढ़ाकर और अन्य क्षेत्रों के माध्यम से इस गैप को पूरा करने की कोशिश की जा रही है.


वित्त मंत्री ने कहा कि अब राजस्व संग्रहण की स्थिति लगभग सामान्य हो रही है, पिछले साल की तरह ही उत्पाद और अन्य टैक्स का संग्रहण अब शुरू हो गया है, इसके अलावा राज्य में प्रोफेशनल टैक्स के रूप में 2500 रुपये सालाना सभी प्रोफेशनल्स से वसूले जाने का प्रावधान किया गया था, कोरोना संक्रमण काल में इस दायरे को बढ़ाया गया है और इस दायरे में कई अन्य प्रोफेशनल्स को लाने से राजस्व में वार्षिक लगभग 30 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, इसके अलावा झारखंड में वन क्षेत्र से भी बड़ी मात्रा में राजस्व संग्रहण संभव है, इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं.

जनकल्याण की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने की कोशिश
रामेश्वर उरांव ने बताया कि 15 जुलाई के बाद राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी होने के बाद राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में योजनाओं के लिए खर्च होने वाली राशि को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है और आने वाले समय में स्थिति में सुधार होगी, तो शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार की यह कोशिश होगी कि चालू वित्तीय वर्ष में शत-प्रतिशत राशि खर्च हो सके और अधिक से अधिक जनकल्याण की योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा सके.

इसे भी पढे़ं: IIT-ISM ने की बड़ी कार्रवाई, 214 विद्यार्थियों को कर दिया टर्मिनेट

केंद्र सरकार के एक विकल्प पर झारखंड सरकार ने जताई सहमति
जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि के संबंध में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से पहले कोरोना काल में राजस्व संग्रहण में कमी का हवाला देते हुए राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई थी, कि जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि के बराबर राशि सरकार आरबीआई से कर्ज ले लें, लेकिन इसका राज्य सरकारों की ओर से विरोध किया गया, तो केंद्र सरकार की ओर से दो विकल्प रखे गए, जिसके तहत पहले विकल्प में यह कहा गया कि राज्य सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए आरबीआई से ऋण ले लें, केंद्र सरकार इसके मूलधन और ब्याज का वहन करेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने इस विकल्प को मानते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया था और संभवतः 1500 से 1600 करोड़ रुपये की राशि इस मद में झारखंड सरकार को जल्द मिल जाएगी या मिल गई होगी. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर कुछ राशि झारखंड को मिल चुकी है और उस राशि से जनकल्याणी योजनाओं को सरजमीं पर उतारने का काम भी जल्द ही शुरू हो जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.