रांची: राज्य सरकार ने नियोजन नीति में जिलास्तरीय पदों पर दस वर्ष के लिए स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के प्रावधान को वापस ले लिया है. कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस पर झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने गुरुवार को कहा कि जल्द ही नई नियोजन नीति तैयार की जाएगी. विपक्ष के विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि सभी का अपना-अपना मत होता है. पिछली सरकार ने स्थानीय नीति बनाई थी, हम विपक्ष में थे तो तथ्यों के आधार पर विरोध किया था.
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड की जनता ने नियोजन नीति के खिलाफ और अन्य नीति के खिलाफ गठबंधन के दलों को वोट दिया और सरकार बनाई. ऐसे में सरकार को विचार करना है कि यह नीति सही है या नहीं. उन्होंने कहा कि जल्द नई नियोजन नीति तैयार होगी. पेट्रोल-डीजल के मूल्य पर सेस लगाए जाने से संबंधित सवाल पर उरांव ने कहा कि, उन्होंने भी अर्थशास्त्र पढ़ा है, सेस एक तरह का टैक्स ही हुआ. जब टैक्स लगाया जाता है तो उसका असर सब पर पड़ता है. इसका असर मूल्यवृद्धि पर जरूर होगा लेकिन यह कितना होगा, यह भविष्य बताएगा. उन्होंने कहा कि महंगाई का ख्याल केंद्र सरकार को नहीं है. महंगाई से जनता, किसान, मजदूर, उपभोक्ता कुचले जाएं, इससे सरकार को कोई मतलब नहीं है.
पंचायत चुनाव पर जल्द शुरू होगी कवायद
साथ ही राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के बाद पंचायत चुनाव को लेकर रास्ता साफ होने को लेकर उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार का इरादा साफ है. इसलिए सारी चीजें हो रहीं हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर जल्द कवायद शुरू की जाएगी, हालांकि सारी चीजों को देखते हुए ही सरकार निर्णय लेगी.