रांची: अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्मों(Documentary Films) के माध्यम से मुद्दों की बात करने वाले डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर बीजू टोप्पो(Documentary Film Maker Biju Toppo) इन दिनों बीमार चल रहे हैं. 15 दिनों तक रिम्स(RIMS) में इलाज के बाद उन्हें वेल्लोर(Vellore) रेफर किया गया है.
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टीवी और किडनी की जुझ रहे हैं टप्पो
राष्ट्रपति(President) के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार(National Award) से सम्मानित बीजू टोप्पो(Biju Toppo) मानव विज्ञान और राष्ट्रीय फिल्म मेकिंग के क्षेत्र में मशहूर नाम है. आदिवासियों के मुद्दों से जुड़ी फिल्म निर्माण में इनकी अलग पहचान है. इन दिनों बीजू टोपे का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. वे लगातार 15 दिनों तक राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल(RIMS Hospital) में इलाज करा रहे थे. बीजू टप्पू के सहयोगी रूपेश साहू ने जानकारी देते हुए कहा कि उनका प्रारंभिक इलाज पिछले दिनों तुपुदाना स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल(Ramakrishna Mission Hospital)में चल रहा था. लेकिन अचानक हालत गंभीर होने से रिम्स के नेफ्रो विभाग में उन्हें भर्ती करवाया गया था. यहां भी लगातार उनकी सेहत बिगड़ रही थी. इसे देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए वेल्लोर भेजा गया है. उनके समर्थक इस खबर को सुनने के बाद उनके जल्दी ठीक होने की दुआएं मांग रहे हैं.
दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से है सम्मानित
बीजू टोप्पो का नाम कई उल्लेखनीय फिल्मों में कोरियोग्राफी, फिल्म मेकिंग और दूसरे गतिविधियों से जुड़ा है. उन्होंने नाची से बंची, लोहा गरम है, शिकार, गाड़ी लोहरदगा मेल, झरिया, कोरा राजी जैसी फिल्मों के जरिए विश्व पटल पर अपना नाम कमाया है. 59वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है.