रांची: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से 25 फरवरी तक रांची में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) अभियान चलाया जा रहा है. 10 फरवरी 2023 से जिले में फाइलेरिया रोग से अति प्रभावित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेड़ो और बुढ़मू के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों और सार्वजनिक भवनों में बूथ के माध्यम से डीईसी और एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई. इसके बाद 11 फरवरी से 25 फरवरी तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएंगे.
वेक्टर जनित रोग है फाइलेरिया: फाइलेरिया एक वेक्टर जनित रोग है. यह बीमारी संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है. फाइलेरिया के कारण पांव विकृत हो जाता है. संक्रमित व्यक्ति सामाजिक दुर्भावना का शिकार हो जाते हैं. हाथी पांव और हाइड्रोसिल जैसी बीमारी का असर संक्रमित व्यक्तियों की कार्य क्षमता पर भी पड़ता है. इस बीमारी की रोकथाम के लिए ही डीईसी और एल्बेंडाजोल की खुराक लोगों के लिए सुरक्षित है.
रांची जिले में बनाये गए हैं 470 बूथ: एमडीए के लिए जिले में कुल 334084 लोगों को डीईसी और एलबेंडाजोल की गोली खिलायी जाएगी. इसके लिए कुल 470 बूथ बनाए गए हैं. साथ ही इस कार्य में 940 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को लगाया गया है. रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा कि यह दवा खाली पेट नहीं खानी है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी. जिसमें दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलायी जाएगी. इस वर्ष एक-दो वर्ष के बच्चों को केवल एल्बेंडाजोल की आधी (1/2) गोली पीसकर खिलायी जाएगी. एमडीए कार्यक्रम विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर चलाया जा रहा है. फाइलेरिया का व्यापक प्रचार बैनर, होर्डिंग्स, पोस्टर, ब्राउचर और माइकिंग के द्वारा भी प्रचार किया जा रहा है.
रांची में तीन लाख से अधिक लोगों को खिलायी जाएगी दवाः रांची में एमडीए अभियान के अंतर्गत कुल 379641 लोगों में से 334084 को दवा खिलाएगी जाएगी. इसके लिए जिले में 470 बूथ बनाए गए हैं. 940 दवा प्रशासक, 82 सुपरवाइजर और छह त्वरित कार्रवाई दल (RRT) बनाये गए हैं.