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मिड डे मील के अनाज और पैसे वितरण में गोलमाल की आशंका, शिक्षा विभाग ने पदाधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट - मिड डे मील के पैसे वितरण में गोलमाल की आशंका

केंद्र सरकार की ओर से विद्यार्थियों तक मध्यान भोजन के चावल और राशि देने का निर्देश दिया दिया गया था और इस निर्देश के तहत राज्य मध्यान भोजन प्राधिकरण की ओर से सितंबर तक का चावल और राशि जिलों को आबंटित भी कर दिया गया था. लेकिन कोरोना के दौरान एक भी बार ना तो मिड डे मील का पैसा आया है और ना ही मिड डे मील का अनाज ही आया.

मिड डे मील के अनाज और पैसे वितरण में गोलमाल की आशंका
मिड डे मील के अनाज और पैसे वितरण में गोलमाल की आशंका
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Published : Dec 4, 2020, 8:19 PM IST

रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ झारखंड के स्कूल भी 17 मार्च से बंद है. इस बीच केंद्र सरकार की ओर से विद्यार्थियों तक मध्यान भोजन के चावल और राशि देने का निर्देश दिया दिया गया था और इस निर्देश के तहत राज्य मध्यान भोजन प्राधिकरण की ओर से सितंबर तक का चावल और राशि जिलों को आवंटित भी कर दिया गया था. इसके बावजूद संबंधित पदाधिकारियों, शिक्षकों की ओर से विद्यार्थियों तक मध्यान भोजन की राशि और चावल मुहैया नहीं कराई गई है. इस मामले में बड़ा गोलमाल होने की आशंका जाहिर की गई है.

देखें पूरी खबर

शिक्षा निदेशकों को फटकार

विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जल्द से जल्द मध्यान भोजन के चावल राशि विद्यार्थियों तक पहुंचाने का निर्देश जारी किया गया है. इसके साथ ही कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर गाज गिराने की बात भी कही गई है. इससे संबंधित रिपोर्ट भी विभाग की ओर से मांगी गई है. लेकिन विभाग को अब तक जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से इस पूरे मामले की रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है. इसे देखते हुए एक बार फिर शिक्षा विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को और शिक्षा निदेशकों को फटकार लगाई गई है. जानकारी यह भी मिल रही है कि मिड डे मील का करोड़ों रुपए कुछ पदाधिकारियों की मिलीभगत से शिक्षकों ने गबन कर लिया है.

ये भी पढ़े- लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का आदेश

क्या है अभिभावकों का कहना

कुछ अभिभावकों का कहना है कि उनके घर कोरोना के दौरान एक भी बार ना तो मिड डे मील का पैसा आया है और ना ही मिड डे मील का अनाज ही आया. इस मामले में करोड़ों रुपए की हेरफेर होने की संभावना है.

सही तरीके से हो मिड डे मील का संचालन

इस मामले को लेकर जब दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के उप शिक्षा निदेशक अरविंद विजय बिलुंग से बातचीत की गई. उन्होंने कहा मामला गंभीर है. मिड डे मील का संचालन सही तरीके से हो इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए. ताकि लोगों को किसी भी तरीके की असुविधा न हो

रांची: कोरोना महामारी के मद्देनजर देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ झारखंड के स्कूल भी 17 मार्च से बंद है. इस बीच केंद्र सरकार की ओर से विद्यार्थियों तक मध्यान भोजन के चावल और राशि देने का निर्देश दिया दिया गया था और इस निर्देश के तहत राज्य मध्यान भोजन प्राधिकरण की ओर से सितंबर तक का चावल और राशि जिलों को आवंटित भी कर दिया गया था. इसके बावजूद संबंधित पदाधिकारियों, शिक्षकों की ओर से विद्यार्थियों तक मध्यान भोजन की राशि और चावल मुहैया नहीं कराई गई है. इस मामले में बड़ा गोलमाल होने की आशंका जाहिर की गई है.

देखें पूरी खबर

शिक्षा निदेशकों को फटकार

विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जल्द से जल्द मध्यान भोजन के चावल राशि विद्यार्थियों तक पहुंचाने का निर्देश जारी किया गया है. इसके साथ ही कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर गाज गिराने की बात भी कही गई है. इससे संबंधित रिपोर्ट भी विभाग की ओर से मांगी गई है. लेकिन विभाग को अब तक जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से इस पूरे मामले की रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है. इसे देखते हुए एक बार फिर शिक्षा विभाग की ओर से तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को और शिक्षा निदेशकों को फटकार लगाई गई है. जानकारी यह भी मिल रही है कि मिड डे मील का करोड़ों रुपए कुछ पदाधिकारियों की मिलीभगत से शिक्षकों ने गबन कर लिया है.

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क्या है अभिभावकों का कहना

कुछ अभिभावकों का कहना है कि उनके घर कोरोना के दौरान एक भी बार ना तो मिड डे मील का पैसा आया है और ना ही मिड डे मील का अनाज ही आया. इस मामले में करोड़ों रुपए की हेरफेर होने की संभावना है.

सही तरीके से हो मिड डे मील का संचालन

इस मामले को लेकर जब दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के उप शिक्षा निदेशक अरविंद विजय बिलुंग से बातचीत की गई. उन्होंने कहा मामला गंभीर है. मिड डे मील का संचालन सही तरीके से हो इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए. ताकि लोगों को किसी भी तरीके की असुविधा न हो

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