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झारखंड में किसानों को मिलेगी कर्जमाफी की सौगात, कृषि मंत्री बोले-सरकार जल्द करेगी ऐलान - झारखंड में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा

झारखंड में किसानों के कर्जमाफी की जल्द घोषणा की जाएगी.ऋण माफी का यह पैकेज 2 हजार करोड़ रुपये का होगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि विभाग द्वारा किसानों की ऋण माफी को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है.

कृषि मंत्री
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Published : Sep 30, 2020, 6:09 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 6:47 PM IST

रांचीः झारखंड सरकार जल्द ही किसानों को ऋण माफी की सौगात देने वाली है. इसको लेकर कांग्रेस आलाकमान सहित झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से हरी झंडी मिल गई है. किसानों की ऋण माफी का यह पैकेज 2 हजार करोड़ रुपये का होगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने जो झारखंड के किसानों से ऋण माफी का वादा किया था उसे पूरा करने का समय आ गया है.

किसानों को मिलेगी कर्जमाफी.

कांग्रेस कभी भी किसानों को वोट बैंक नहीं समझती है जहां कांग्रेस की है वहां किसानों का ऋण माफ किया गया है. झारखंड में भी महागठबंधन की सरकार बनी ऐसे में यहां पर किसानों की ऋण माफी करने की हरी झंडी मिल गई है.

जल्द ही किसानों को ऋण माफी की सौगात मिलने जा रही है उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2014 से लेकर 31 मार्च 2020 तक 7 लाख 61 हजार किसानों ने ऋण लिया हुआ है. किसानों की ऋण माफी इसी वित्तीय वर्ष में पूरा की जानी है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि विभाग द्वारा किसानों की ऋण माफी को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. जल्दी किसानों को ऋण माफी की सौगात झारखंड सरकार देने जा रही है.

यूरिया की कालाबाजारी करने वालों पर नजर

पत्रलेख ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी के रोकने के लिए विभागीय पूरी तरह से तात्पर्य रहा है. राज्य में 4072 यूरिया की दुकान हैं जिनमें 1,632 में विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया. 133 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं और 134 का रद्द किया गया है इनमें से 15 यूरिया दुकानदारों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है.

इस तरीके से यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए विभाग ने हरकदम उठाया है. वहीं गव्य विकास को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एनडीडीबी के साथ पूर्व का एमओयू खत्म हो गया है जिसे फिर से विभाग द्वारा एनडीडीबी के साथ एमओयू करने की प्रक्रिया कर रही है.

वहीं बताया गया कि बीपीएल और एपीएल महिलाओं को 2 -2 गाय वितरित करने की योजना बनी है इसमें विधवाओं और निसंतान महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं 30 हजार डेयरी किसानों को पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा वहीं उन्होंने कहा कि राज्य में 3 हजार कृत्रिम गर्भधान खोलने पर कार्य किया जा रहा है.

मत्स्य पालकों को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड

उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को कृषि विभाग द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि राज्य में पहली बार मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को भी केसीसी से जोड़ा जाएगा उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में झारखंड बेहतर कर रहा है.

उन्होंने कहा कि 2019 से 2020 में 2 लाख 23 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था. 2020 से 2021 में 2 लाख 40 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीं फसल बीमा पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 3 साल में केंद्र की बीमा कंपनियों को 477 करोड़ रुपए दिए गए जिसमें से किसानों को महज 70 करोड़ का भुगतान किया गया है यानी यह सीधे तरीके से केंद्र सरकार की कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए फसल बीमा कराया जाता था. इसलिए वर्तमान समय में फसल बीमा की योजना को बंद कर दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः आरपीएन सिंह को झारखंड में सब कुछ दिखा 'कूल कूल', भाजपा ने कांग्रेस की उपलब्धियों को बताया 'थोथी दलील'

एक राहत कोष बनाकर किसानों की फसलों का क्षतिपूर्ति का आकलन किया जाएगा और जिसके जरिए किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार चल रही है और आगामी बजट में कृषि क्षेत्र पर विशेष महत्व दिया जाएगा इस बार वैश्विक महामारी कोरोना काल का समय चल रहा है.

ऐसे में अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने में अपना अग्रिम भूमिका निभा रही है साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के द्वारा कृषि के तीन विधेयक पास किए जाने पर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार की बिना सहमति के बिना ही बिल पास किया गया यह किसानों के लिए काला कानून है वास्तव में यह कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है.

रांचीः झारखंड सरकार जल्द ही किसानों को ऋण माफी की सौगात देने वाली है. इसको लेकर कांग्रेस आलाकमान सहित झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से हरी झंडी मिल गई है. किसानों की ऋण माफी का यह पैकेज 2 हजार करोड़ रुपये का होगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने जो झारखंड के किसानों से ऋण माफी का वादा किया था उसे पूरा करने का समय आ गया है.

किसानों को मिलेगी कर्जमाफी.

कांग्रेस कभी भी किसानों को वोट बैंक नहीं समझती है जहां कांग्रेस की है वहां किसानों का ऋण माफ किया गया है. झारखंड में भी महागठबंधन की सरकार बनी ऐसे में यहां पर किसानों की ऋण माफी करने की हरी झंडी मिल गई है.

जल्द ही किसानों को ऋण माफी की सौगात मिलने जा रही है उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2014 से लेकर 31 मार्च 2020 तक 7 लाख 61 हजार किसानों ने ऋण लिया हुआ है. किसानों की ऋण माफी इसी वित्तीय वर्ष में पूरा की जानी है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि विभाग द्वारा किसानों की ऋण माफी को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. जल्दी किसानों को ऋण माफी की सौगात झारखंड सरकार देने जा रही है.

यूरिया की कालाबाजारी करने वालों पर नजर

पत्रलेख ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी के रोकने के लिए विभागीय पूरी तरह से तात्पर्य रहा है. राज्य में 4072 यूरिया की दुकान हैं जिनमें 1,632 में विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया. 133 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं और 134 का रद्द किया गया है इनमें से 15 यूरिया दुकानदारों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है.

इस तरीके से यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए विभाग ने हरकदम उठाया है. वहीं गव्य विकास को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एनडीडीबी के साथ पूर्व का एमओयू खत्म हो गया है जिसे फिर से विभाग द्वारा एनडीडीबी के साथ एमओयू करने की प्रक्रिया कर रही है.

वहीं बताया गया कि बीपीएल और एपीएल महिलाओं को 2 -2 गाय वितरित करने की योजना बनी है इसमें विधवाओं और निसंतान महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं 30 हजार डेयरी किसानों को पहली बार किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा वहीं उन्होंने कहा कि राज्य में 3 हजार कृत्रिम गर्भधान खोलने पर कार्य किया जा रहा है.

मत्स्य पालकों को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड

उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को कृषि विभाग द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि राज्य में पहली बार मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को भी केसीसी से जोड़ा जाएगा उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में झारखंड बेहतर कर रहा है.

उन्होंने कहा कि 2019 से 2020 में 2 लाख 23 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था. 2020 से 2021 में 2 लाख 40 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीं फसल बीमा पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 3 साल में केंद्र की बीमा कंपनियों को 477 करोड़ रुपए दिए गए जिसमें से किसानों को महज 70 करोड़ का भुगतान किया गया है यानी यह सीधे तरीके से केंद्र सरकार की कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए फसल बीमा कराया जाता था. इसलिए वर्तमान समय में फसल बीमा की योजना को बंद कर दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः आरपीएन सिंह को झारखंड में सब कुछ दिखा 'कूल कूल', भाजपा ने कांग्रेस की उपलब्धियों को बताया 'थोथी दलील'

एक राहत कोष बनाकर किसानों की फसलों का क्षतिपूर्ति का आकलन किया जाएगा और जिसके जरिए किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार चल रही है और आगामी बजट में कृषि क्षेत्र पर विशेष महत्व दिया जाएगा इस बार वैश्विक महामारी कोरोना काल का समय चल रहा है.

ऐसे में अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने में अपना अग्रिम भूमिका निभा रही है साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के द्वारा कृषि के तीन विधेयक पास किए जाने पर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार की बिना सहमति के बिना ही बिल पास किया गया यह किसानों के लिए काला कानून है वास्तव में यह कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है.

Last Updated : Sep 30, 2020, 6:47 PM IST
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