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खेती में होगा उच्च तकनीक का इस्तेमाल, नमो ड्रोन दीदी पायलट करेंगी किसानों की मदद - हजारीबाग में ड्रोन दीदी

Drone technology in farming. आने वाले दिनों में खेती में ड्रोन के इस्तेमाल काफी बढ़ने वाला है. इसकी बानगी हजारीबाग में दिखाई दी, जहां किसानों को खेती में ड्रोन का इस्तेमाल कैसे किया जाए और इसके क्या फायदे हैं ये बताया गया.

drone in farming
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 11, 2024, 5:51 PM IST

खेती में किसानों भी ले सकेंगे उच्च तकनीक का फायदा

हजारीबाग: भारत में कृषि क्षेत्र में नयी टेक्नोलॉजी का प्रवेश क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक बन रहा है. जब टेक्नोलॉजी प्रत्येक क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण साधन बन गयी है तो भला कृषि क्षेत्र इससे कैसे अछूता रह सकता है. कृषि कार्यों में नयी टेक्नोलॉजी के प्रवेश ने खेत से लेकर बाजार तक में परिवर्तन ला दिया है. इसी कड़ी में ड्रोन टेक्नोलॉजी भी है जो खेती में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने की ओर इशारा कर रही है.

ड्रोन से आज हर कोई वाकिफ है. इसका उपयोग आज हर क्षेत्र में किया जा रहा है. चाहे सुरक्षा व्यवस्था हो या फिर कृषि. झारखंड में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान लोगों को कई नवीनतम तकनीकों से किसानों को रू-ब-रू कराया जा रहा है. झारखंड के जिलों में भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन इफको द्वारा ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके जरिए खेतों में नैनो यूरिया, डीएपी और इफको सागरिका तरल समेत उर्वरक और दवाओं के छिड़काव का प्रदर्शन किया जा रहा है. हजारीबाग के भी कृषि प्रधान क्षेत्र इचाक में ड्रोन के जरिए खेती में उर्वरक और दावों की छिड़काव की जानकारी किसानों को दी गई.

भारत सरकार की केंद्रीय राज्य मंत्री भी बताती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रोन दीदी की परिकल्पना की है. जिसमें सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें ड्रोन भी मुहैया कराया जाएगा ताकि वह अपने इलाके में ड्रोन से उर्वरक और दवा का छिड़काव कर सकें. इससे उन्हें आर्थिक फायदा होगा.

इफको के पदाधिकारी भानु प्रताप सिंह बताते हैं कि 15000 दीदी को ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा, जो स्वयं सहायता ग्रुप की होंगी. जो महिला पायलट बनेगी उनका नाम नमो ड्रोन दीदी पायलट होगा. वह महिला एक एकड़ में 500 रुपए तक कमा पाएंगी. इसके लिए 3 से 4 मिनट का समय लगेगा. ऐसे में हर एक ग्रुप 40 से 50 हजार रुपया कमा पाएंगे. कुछ इसी उद्देश्य से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री की यह परिकल्पना है.

ड्रोन के जरिए किसी क्षेत्र में जहां बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है, तो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है. वहीं नैनो यूरिया खाद के उपयोग करने से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बरकरार रहेगी और नकारात्मक प्रभाव मिट्टी पर नहीं पड़ेगा. सरकार वर्तमान समय में यूरिया खरीदने के लिए किसानों को सब्सिडी देती है, उसे भी समाप्त किया जाएगा. जिससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ भी काम होगा. कहा जाए तो एक पंथ पांच काम इस ड्रोन से किए जा रहे हैं.

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खेती में किसानों भी ले सकेंगे उच्च तकनीक का फायदा

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ड्रोन से आज हर कोई वाकिफ है. इसका उपयोग आज हर क्षेत्र में किया जा रहा है. चाहे सुरक्षा व्यवस्था हो या फिर कृषि. झारखंड में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान लोगों को कई नवीनतम तकनीकों से किसानों को रू-ब-रू कराया जा रहा है. झारखंड के जिलों में भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन इफको द्वारा ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके जरिए खेतों में नैनो यूरिया, डीएपी और इफको सागरिका तरल समेत उर्वरक और दवाओं के छिड़काव का प्रदर्शन किया जा रहा है. हजारीबाग के भी कृषि प्रधान क्षेत्र इचाक में ड्रोन के जरिए खेती में उर्वरक और दावों की छिड़काव की जानकारी किसानों को दी गई.

भारत सरकार की केंद्रीय राज्य मंत्री भी बताती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रोन दीदी की परिकल्पना की है. जिसमें सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें ड्रोन भी मुहैया कराया जाएगा ताकि वह अपने इलाके में ड्रोन से उर्वरक और दवा का छिड़काव कर सकें. इससे उन्हें आर्थिक फायदा होगा.

इफको के पदाधिकारी भानु प्रताप सिंह बताते हैं कि 15000 दीदी को ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा, जो स्वयं सहायता ग्रुप की होंगी. जो महिला पायलट बनेगी उनका नाम नमो ड्रोन दीदी पायलट होगा. वह महिला एक एकड़ में 500 रुपए तक कमा पाएंगी. इसके लिए 3 से 4 मिनट का समय लगेगा. ऐसे में हर एक ग्रुप 40 से 50 हजार रुपया कमा पाएंगे. कुछ इसी उद्देश्य से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री की यह परिकल्पना है.

ड्रोन के जरिए किसी क्षेत्र में जहां बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है, तो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है. वहीं नैनो यूरिया खाद के उपयोग करने से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बरकरार रहेगी और नकारात्मक प्रभाव मिट्टी पर नहीं पड़ेगा. सरकार वर्तमान समय में यूरिया खरीदने के लिए किसानों को सब्सिडी देती है, उसे भी समाप्त किया जाएगा. जिससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ भी काम होगा. कहा जाए तो एक पंथ पांच काम इस ड्रोन से किए जा रहे हैं.

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