रांची: झारखंड में किसान और मजदूरों की परेशानी को देखते हुए राज्य भाकपा कार्यालय में किसानों और मजदूरों की बैठक हुई. इस बैठक में राज्य भाकपा के सचिव महेंद्र पाठक ने बताया कि राज्य में किसानों और मजदूरों की हालत हाशिये पर हैं और सरकार की नजर किसानों पर नहीं पड़ रही है.
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महेंद्र पाठक ने कहा कि सरकारी योजना का लाभ राज्य के गरीब किसानों और मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है. मनरेगा में मजदूरों को 200 दिन का काम मिलना चाहिए अगर 200 दिनों का काम नहीं मिलता है तो उसके बदले मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बैठक में आए राज्य के मजदूरों और किसानों से चर्चा के दौरान यह तय किया गया कि 60 वर्ष पूरा कर चुके मजदूर और किसानों को 10 हजार रुपया पेंशन उपलब्ध कराना चाहिए. इन मांगों को लेकर वो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
भाकपा के सचिव महेंद्र पाठक ने बताया कि आगामी 2 नवंबर को पटना में किसान और मजदूर यूनियन की बैठक होगी. जिसमें राज्य की नई समिति का गठन होगा, उसके बाद 26, 27 और 28 नवंबर को रांची के राजभवन के समक्ष किसानों और मजदूरों का महापड़ाव होगा. इस महापड़ाव के दौरान मजदूरों और किसानों का संगठन सरकार से यह मांग करेगा कि मजदूरों के लिए पेंशन की सुविधा दी जाए और प्रतिदिन रोजगार भी मुहैया कराई जाए ताकि वह अपना और अपने परिवार का जीवनयापन कर सके.
इस बैठक में आए मजदूर और किसान नेताओं ने कहा कि कागज कलम पर लिखने वालों को लाखों रुपए दिए जाते हैं तो मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी और पेंशन क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा सकती है. मजदूरों के हित में कई मामलों को लेकर आने वाले दिनों में भारत कम्युनिस्ट पार्टी और मजदूर यूनियन आंदोलन करेगा ताकि मजदूरों को उनका अपना हक मिल सके.