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झारखंड बजट 2020: राज्य के घोर नक्सल प्रभावित 13 जिलों में खर्च होंगे 173.33 करोड़ - झारखंड बजट 2020

झारखंड सरकार ने 3 मार्च को बजट पेश कर दिया है. बजट में गृह विभाग और पुलिस के लिए कोई नई योजना शुरू नहीं की गई है. पुलिस की योजना का बजट 116.10 करोड़ रूपये है. वहीं जेल मद में इस बार 70 करोड़ की राशि खर्च होगी.

extreme Naxal impact districts in Jharkhand will be spent in173.33 crore
बजट में झारखंड पुलिस के लिए कोई योजना नहीं
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Published : Mar 4, 2020, 2:34 AM IST

रांची: झारखंड सरकार ने बजट में गृह विभाग और पुलिस के लिए कोई नई योजना शुरू नहीं की है. केंद्र सरकार के तरफ से दिए जाने वाली विशेष केंद्रीय सहायता के तहत राज्य के 13 घोर नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में 173.33 करोड़ रूपये खर्च होंगे. भारत सरकार ने 13 अति नक्सल प्रभाव वाले जिलों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से आकस्मिक प्रकृति की योजनाओं के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना 2017 में शुरू की थी. इस योजना का अंतिम वर्ष 2019-20 है, ऐसे में इस वर्ष के वित्तिय वर्ष में अंत में जो पैसे आएंगे उनका खर्च वित्तिय वर्ष 2020- 21 में होगा.

extreme Naxal impact districts in Jharkhand will be spent in173.33 crore
बजट में झारखंड पुलिस के लिए कोई योजना नहीं

नक्सल इलाकों में विकास का दावा

बजट भाषण में दावा किया गया है कि राज्य के जो युवक वामपंथ उग्रवादियों के प्रभाव में आकर भटक गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. जिन इलाकों में उग्रवाद के चुंगल से मुक्त कराया जा चुका है, वहां विकास में तेजी लाई जाएगी. उग्रवाद प्रभावित इलाकों में विकास योजनाओं के साथ साथ अभियान में भी तेजी लाई जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- हेमंत सरकार की पहली बजट में गोड्डा को तोहफा के रूप में मिला नर्सिंग कॉलेज, लोगों में खुशी का माहौल

ये योजनाएं इस साल होंगी पूरी

पुलिस की योजना का बजट 116.10 करोड़ रूपये है. इस पैसों से निर्माणाधीन कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल मुसाबनी का काम इस वित्तिय वर्ष में पूरा किया जाएगा, साथ ही इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम परियोजना के तहत एकीकृत आपतकालिन नंबर डायल 112 को चालू कर दिया जाएगा. इसके लिए पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस और महिला बाल सुरक्षा के नंबरों को एकीकृत किया गया है.

वज्रपात से बचाव के लिए जीआईएस

राज्य में प्रतिवर्ष वज्रपात से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु होती है. इसे रोकने के लिए झारखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के जरिये जियोग्राफिक्ल इंफार्मेशन सिस्टम पोर्टल और मोबाइल एप विकसित किया जाएगा. इसके जरिए वज्रपात होने के पूर्व सूचना लोकल बेस्ट एसएमएस के जरिए आमलोगों को दी जाएगी, जिससे वे सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकें.

जेलों में घटेगी ओवरक्राउडिंग

जेल मद में इस बार 70 करोड़ की राशि खर्च होगी. जेलों की ओवरक्राउडिंग खत्म करने और नए न्यायालयों के गठन के बाद बरही, बंशीधरनगर और चक्रधरपुर में उपकारा बनाने का काम इस वित्तिय वर्श में पूरा किया जाएगा. मंडलकारा सिमडेगा और साहिबगंज में निर्माणाधीन 100 बंदी क्षमता के वार्ड का निर्माण पूरा किया जाएगा. गुमला में 300 कैदियों की क्षमता वाली वार्ड का निर्माण भी पूरा होगा.

एसडीआरएफ को इस साल बनाएंगे क्रियाशील

राज्य में राज्य में एनडीआरएफ की तर्ज पर एसडीआरएफ का गठन नहीं हो सका है. 132 पदों के सृजन का काम पूर्व में हो चुका है. इस वित्तीय वर्ष में एसडीआरएफ को क्रियाशील बना लेने का लक्ष्य है.

रांची: झारखंड सरकार ने बजट में गृह विभाग और पुलिस के लिए कोई नई योजना शुरू नहीं की है. केंद्र सरकार के तरफ से दिए जाने वाली विशेष केंद्रीय सहायता के तहत राज्य के 13 घोर नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में 173.33 करोड़ रूपये खर्च होंगे. भारत सरकार ने 13 अति नक्सल प्रभाव वाले जिलों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से आकस्मिक प्रकृति की योजनाओं के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना 2017 में शुरू की थी. इस योजना का अंतिम वर्ष 2019-20 है, ऐसे में इस वर्ष के वित्तिय वर्ष में अंत में जो पैसे आएंगे उनका खर्च वित्तिय वर्ष 2020- 21 में होगा.

extreme Naxal impact districts in Jharkhand will be spent in173.33 crore
बजट में झारखंड पुलिस के लिए कोई योजना नहीं

नक्सल इलाकों में विकास का दावा

बजट भाषण में दावा किया गया है कि राज्य के जो युवक वामपंथ उग्रवादियों के प्रभाव में आकर भटक गए हैं, उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. जिन इलाकों में उग्रवाद के चुंगल से मुक्त कराया जा चुका है, वहां विकास में तेजी लाई जाएगी. उग्रवाद प्रभावित इलाकों में विकास योजनाओं के साथ साथ अभियान में भी तेजी लाई जाएगी.

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ये योजनाएं इस साल होंगी पूरी

पुलिस की योजना का बजट 116.10 करोड़ रूपये है. इस पैसों से निर्माणाधीन कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल मुसाबनी का काम इस वित्तिय वर्ष में पूरा किया जाएगा, साथ ही इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम परियोजना के तहत एकीकृत आपतकालिन नंबर डायल 112 को चालू कर दिया जाएगा. इसके लिए पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस और महिला बाल सुरक्षा के नंबरों को एकीकृत किया गया है.

वज्रपात से बचाव के लिए जीआईएस

राज्य में प्रतिवर्ष वज्रपात से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु होती है. इसे रोकने के लिए झारखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के जरिये जियोग्राफिक्ल इंफार्मेशन सिस्टम पोर्टल और मोबाइल एप विकसित किया जाएगा. इसके जरिए वज्रपात होने के पूर्व सूचना लोकल बेस्ट एसएमएस के जरिए आमलोगों को दी जाएगी, जिससे वे सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकें.

जेलों में घटेगी ओवरक्राउडिंग

जेल मद में इस बार 70 करोड़ की राशि खर्च होगी. जेलों की ओवरक्राउडिंग खत्म करने और नए न्यायालयों के गठन के बाद बरही, बंशीधरनगर और चक्रधरपुर में उपकारा बनाने का काम इस वित्तिय वर्श में पूरा किया जाएगा. मंडलकारा सिमडेगा और साहिबगंज में निर्माणाधीन 100 बंदी क्षमता के वार्ड का निर्माण पूरा किया जाएगा. गुमला में 300 कैदियों की क्षमता वाली वार्ड का निर्माण भी पूरा होगा.

एसडीआरएफ को इस साल बनाएंगे क्रियाशील

राज्य में राज्य में एनडीआरएफ की तर्ज पर एसडीआरएफ का गठन नहीं हो सका है. 132 पदों के सृजन का काम पूर्व में हो चुका है. इस वित्तीय वर्ष में एसडीआरएफ को क्रियाशील बना लेने का लक्ष्य है.

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