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लोक अदालत में लगभग 25 करोड़ रुपये का हुआ बंटवारा, 10 साल पुराने मामले हुए निष्पादित

झारखंड हाई कोर्ट में मुआवजे की राशि बढ़ाने को लेकर पिछले 10 साल से लंबित 4 मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादन हुआ. इसमें बीमा कंपनी की ओर से राशि बढ़ाने पर सहमति के बाद अदालत ने मुआवजा राशि से अतिरिक्त राशि भुगतान करने का निर्देश दिया.

Execution of 4 cases pending in National Lok Adalat for last 10 years
लोक अदालत में लगभग 25 करोड़ रुपये का हुआ बंटवारा
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Published : Apr 10, 2021, 10:24 PM IST

रांची: हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी जिला न्यायालयों में सफलतापूर्वक लोक अदालत का आयोजन संपन्न हुआ. इसमें लगभग 25 करोड़ रुपए लाभुकों के बीच वितरित किया गया. कुल 15 हजार 765 मामले का निपटारा किया गया. 10 वर्षों से चल रहे मामले भी निष्पादित किए गए. लोक अदालत में निष्पादित हुए मामले में दोनों पक्ष खुशी-खुशी अपने घर गए.

जानकारी देते झालसा के सदस्य सचिव

ये भी पढ़ें-रांची सिविल कोर्ट में लोक अदालत का आयोजन, 2471 मामलों का हुआ निपटारा

अतिरिक्त राशि भुगतान का निर्देश
झारखंड हाई कोर्ट में मुआवजे की राशि बढ़ाने को लेकर पिछले 10 साल से लंबित 4 मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादन हुआ. इसमें बीमा कंपनी की ओर से राशि बढ़ाने पर सहमति के बाद अदालत ने मुआवजा राशि से अतिरिक्त राशि भुगतान का निर्देश दिया. अदालत ने बीमा कंपनियों को 30 दिनों के अंदर ट्रिब्यूनल कोर्ट में अतिरिक्त राशि जमा करने का निर्देश दिया है. पीड़ित परिवार उचित प्रमाण-पत्र दिखाकर मुआवजा राशि प्राप्त कर सकते हैं. शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर वाहन दुर्घटना, श्रम न्यायालय, आपराधिक समेत अन्य मामलों की वर्चुअल सुनवाई हुई.

पीड़ित परिवारों को निचली अदालत से मिल चुकी थी मुआवजा राशि

अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने बताया कि पीड़ित परिवारों को निचली अदालत से मुआवजा राशि मिल चुकी थी, लेकिन इन्होंने इस राशि को बढ़ाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. मेरुन देवी, शीला देवी, सुरती, विनोद, मसोमात शहीदन और अजमेरन देवी लातेहार में बस से जा रहे थे. बस पलट गइ थी. इनलोगों के परिजनों को 1.50 से 1.75 लाख का मुआवजा मिला था. शनिवार को लोक अदालत में सुनवाई के बाद इन्हें 1.30 लाख अतिरिक्त मुआवजा राशि देने का आदेश दिया गया.

ये भी पढ़ें-झारखंड में शनिवार को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, झालसा ने तैयारी की पूरी

1.75 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश

अधिवक्ता ने बताया कि पुष्पा देवी के पति की खूंटी जिले में बाइक दुर्घटना में मौत हो गई थी. ट्रिब्यूनल कोर्ट से फैसला होने के बाद भी बीमा कंपनी पैसा नहीं दे रही थी. ट्रिब्यूनल कोर्ट से 4 लाख मुआवजा देने का आदेश हुआ था, इसके बाद इन्होंने ब्याज के साथ अतिरिक्त 2.25 लाख रुपये मुआवजा देने का आग्रह किया है. मीरा देवी के बच्चे की मौत पर मुआवजा के तौर पर 1.50 लाख रुपये मिले थे. यह राशि वर्ष 2011 में मिली थी. लोक अदालत में 1.75 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश हुआ है. वहीं, वीणा सिन्हा भूमि विकास बैंक में मैनेजर थी. 2005 में दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी. इन्हें 2.50 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने को लेकर सहमति बनी.

10,542 प्री लिटिगेशन के मामले का निष्पादन

हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में लोक अदालत में 15,765 मामलों का निपटारा किया गया. लोगों के बीच 24 करोड़ 96 लाख 35 हजार 395 रुपये का बंटवारा किया गया. 10,542 प्री लिटिगेशन के मामले का निष्पादन किया गया. वहीं 5,223 पेंडिंग मामलों का निष्पादन किया गया. लोक अदालत में सर्विस मैटर को सूचीबद्ध किया गया था. इसमें प्रमोशन, वेतन, सिविल, फौजदारी, इंश्योरेंस, सड़क दुर्घटना और अन्य मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें अधिकांश इंश्योरेंस के मामले का निपटारा किया गया है. कई मामलों को कोर्ट पहुंचने के पहले ही सुलझा दिया गया.

रांची: हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी जिला न्यायालयों में सफलतापूर्वक लोक अदालत का आयोजन संपन्न हुआ. इसमें लगभग 25 करोड़ रुपए लाभुकों के बीच वितरित किया गया. कुल 15 हजार 765 मामले का निपटारा किया गया. 10 वर्षों से चल रहे मामले भी निष्पादित किए गए. लोक अदालत में निष्पादित हुए मामले में दोनों पक्ष खुशी-खुशी अपने घर गए.

जानकारी देते झालसा के सदस्य सचिव

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अतिरिक्त राशि भुगतान का निर्देश
झारखंड हाई कोर्ट में मुआवजे की राशि बढ़ाने को लेकर पिछले 10 साल से लंबित 4 मामलों का राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादन हुआ. इसमें बीमा कंपनी की ओर से राशि बढ़ाने पर सहमति के बाद अदालत ने मुआवजा राशि से अतिरिक्त राशि भुगतान का निर्देश दिया. अदालत ने बीमा कंपनियों को 30 दिनों के अंदर ट्रिब्यूनल कोर्ट में अतिरिक्त राशि जमा करने का निर्देश दिया है. पीड़ित परिवार उचित प्रमाण-पत्र दिखाकर मुआवजा राशि प्राप्त कर सकते हैं. शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर वाहन दुर्घटना, श्रम न्यायालय, आपराधिक समेत अन्य मामलों की वर्चुअल सुनवाई हुई.

पीड़ित परिवारों को निचली अदालत से मिल चुकी थी मुआवजा राशि

अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने बताया कि पीड़ित परिवारों को निचली अदालत से मुआवजा राशि मिल चुकी थी, लेकिन इन्होंने इस राशि को बढ़ाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. मेरुन देवी, शीला देवी, सुरती, विनोद, मसोमात शहीदन और अजमेरन देवी लातेहार में बस से जा रहे थे. बस पलट गइ थी. इनलोगों के परिजनों को 1.50 से 1.75 लाख का मुआवजा मिला था. शनिवार को लोक अदालत में सुनवाई के बाद इन्हें 1.30 लाख अतिरिक्त मुआवजा राशि देने का आदेश दिया गया.

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1.75 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश

अधिवक्ता ने बताया कि पुष्पा देवी के पति की खूंटी जिले में बाइक दुर्घटना में मौत हो गई थी. ट्रिब्यूनल कोर्ट से फैसला होने के बाद भी बीमा कंपनी पैसा नहीं दे रही थी. ट्रिब्यूनल कोर्ट से 4 लाख मुआवजा देने का आदेश हुआ था, इसके बाद इन्होंने ब्याज के साथ अतिरिक्त 2.25 लाख रुपये मुआवजा देने का आग्रह किया है. मीरा देवी के बच्चे की मौत पर मुआवजा के तौर पर 1.50 लाख रुपये मिले थे. यह राशि वर्ष 2011 में मिली थी. लोक अदालत में 1.75 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश हुआ है. वहीं, वीणा सिन्हा भूमि विकास बैंक में मैनेजर थी. 2005 में दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी. इन्हें 2.50 लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा देने को लेकर सहमति बनी.

10,542 प्री लिटिगेशन के मामले का निष्पादन

हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में लोक अदालत में 15,765 मामलों का निपटारा किया गया. लोगों के बीच 24 करोड़ 96 लाख 35 हजार 395 रुपये का बंटवारा किया गया. 10,542 प्री लिटिगेशन के मामले का निष्पादन किया गया. वहीं 5,223 पेंडिंग मामलों का निष्पादन किया गया. लोक अदालत में सर्विस मैटर को सूचीबद्ध किया गया था. इसमें प्रमोशन, वेतन, सिविल, फौजदारी, इंश्योरेंस, सड़क दुर्घटना और अन्य मामलों का निपटारा किया गया, जिसमें अधिकांश इंश्योरेंस के मामले का निपटारा किया गया है. कई मामलों को कोर्ट पहुंचने के पहले ही सुलझा दिया गया.

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