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EXCLUSIVE: झारखंड पशुपालन विभाग में नियम को ठेंगा, वर्षों से एक ही जिला में जमे हैं कई पशु चिकित्सक और पदाधिकारी, उठ रहे गंभीर सवाल - झारखंड न्यूज

Many veterinarians and officers have not been transferred for years in Jharkhand. झारखंड पशुपालन विभाग में नियम को ठेंगा दिखाया जा रहा है. वर्षों से कई पशु चिकित्सक और पदाधिकारी एक ही जिला में जमे हैं. अब इसे लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

Many veterinarians and officers have not been transferred for years in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 26, 2023, 4:16 PM IST

Updated : Dec 26, 2023, 6:03 PM IST

रांची: 90 के दशक में बिहार में हुए चारा घोटाला की वजह से पशुपालन विभाग पर जो दाग लगा, वह अबतक नहीं धुल पाया है. इस विभाग को आम लोग आज भी शक की नजर से देखते हैं. बेशक, लालू यादव सरीके कई नेताओं, पशु चिकित्सकों और सप्लायरों को सजा हो चुकी है, फिर भी यह विभाग अपनी ही चाल में चल रहा है. मनमानी का आलम ऐसा कि बड़ी संख्या में जिला पशुपालन पदाधिकारी और पशु चिकित्सक लंबे समय से एक ही जिला में कुंडली मारे बैठे हुए हैं. जब भी इनके ट्रांसफर की बात होती है तो उसी जिले में कभी इस दफ्तर से कभी दफ्तर में शिफ्ट हो जाते हैं. इस मेहरबानी का असर दूसरे पदाधिकारियों के मनोबल पर पड़ रहा है.

अब सवाल है कि क्या जनवरी 2024 के पूरा होने से पहले ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी. क्योंकि चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि वैसे पदाधिकारियों को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाना है जो अपने गृह जिला या एक ही जगह पर पदस्थापित हैं या एक ही जिला में तीन साल से ज्यादा समय से पद पर बने हुए हैं.

गृह जिला या एक ही जगह में कुंडली मारे बैठे पशु चिकित्सकों की सूची.

  1. डॉ विपिन खलखो, क्षेत्रीय निदेशक, दक्षिणी छोटानागपुर
  2. डॉ अमित शरण, हजारीबाग में पदस्थापित
  3. डॉ कमलेश कुमार पिंगले, जिला पशुपालन पदाधिकारी, रामगढ़
  4. डॉ नुपूर कोयल, शोध पदाधिकारी, पशु स्वास्थ्य, कांके, रांची
  5. डॉ कम्बोज कुमार महतो, सूकर प्रजनन प्रक्षेत्र, रांची
  6. डॉ संगीता कुमार, चैनपुर, पलामू
  7. डॉ विनय कुमार राय, क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय, रांची
  8. डॉ रविशंकर कपूर, क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक, रांची
  9. डॉ रोजलीन पुष्पा तिर्की, सिल्ली, रांची
  10. डॉ प्रफुल्ल कुमार, रांची
  11. डॉ धनन्जय कुमार सिन्हा, होटवार, रांची
  12. डॉ सेवा पालित, अनगड़ा, रांची
  13. डॉ पृथ्वी राम, जमशेदपुर

इनमें एक नाम है डॉ नरेंद्र कुमार झा का भी है जो 1991 यानी 32 वर्षों से ज्यादा समय से रांची में ही पोस्टेड हैं. संभव है कि अपने गृह जिला से ही रिटायर भी हो जाएं. क्योंकि यह रिकॉर्ड डॉ अपर्णा पांडेय के नाम रहा है. वह प्रारंभ से ही करीब 34 वर्षों तक अपने गृह जिला रांची में ही पदस्थापित रहीं और यहीं से सेवानिवृत्त भी हुईं.

अब सवाल है कि क्या चुनाव आयोग के पत्र के आलोक में ऐसे पशु चिकित्सकों को उस जिला से हटाया जाएगा. जाहिर है कि इन्हें चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाया जाता है तो इस बात पर मुहर लग जाएगी कि इनपर किसी ऊंचे स्तर से कृपा बरस रही है. इस विभाग में सिर्फ पशुचिकित्सक ही नहीं बल्कि कई पशुपालन पदाधिकारी हैं जो एक ही जिला में वर्षों से अंगद की तरह पैर जमाए बैठे हैं.

एक ही जगह में वर्षों से जमे पदाधिकारियों के नाम.

  1. डॉ कमलेश्वर भारती, पाकुड़, 3 वर्ष
  2. डॉ मनोज कुमार मणि, बोकारो, 3 वर्ष
  3. डॉ राम सरीख प्रसाद, कोडरमा, 3 वर्ष
  4. डॉ न्यूटन तिर्की, हजारीबाग, 3 वर्ष
  5. डॉ अरुण कुमार राम, सिमडेगा, 3 वर्ष
  6. डॉ अवधेश कुमार, दुमका, 3 वर्ष
  7. डॉ बिनोद कुमार, बेकन फैक्ट्री, रांची, 3 वर्ष
  8. डॉ अरविंद कुमार, अवर प्रमंडल पदा. कोडरमा, 5 वर्ष
  9. डॉ निशि किरण वर्मा, 6 वर्ष
  10. डॉ मृत्युंजय कुमार, शोध पदाधिकारी, कांके, रांची, 6 वर्ष
  11. डॉ संजय चैखिरयार, शोध पदाधिकारी, कांके, रांची, 6 वर्ष
  12. डॉ संजीव कुमार राय, जमशेदपुर, 10 वर्ष
  13. डॉ मुद्रिका दास, बोकारो, 5 वर्ष
  14. डॉ मनोज कुमार तिवारी, पशुपालन निदेशालय, 6 वर्ष
  15. डॉ ब्रजेश कुमार, रांची , 3 वर्ष
  16. डॉ शैलेन्द्र कुमार, रांची

पशुपालन विभाग के निदेशक आदित्य रंजन से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक और पदाधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार निदेशालय के पास नहीं होता. लिहाजा, इस मसले पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दिकी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

कृषि विभाग में लंबे समय से हैं अबु बकर सिद्दिकी: अबु बकर सिद्दिकी 2003 बैच के आईएएस अफसर हैं. 23 अप्रैल 2020 को खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव बने अबु बकर सिद्दिकी को कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. इसके बाद कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ उनकी ऐसी बनी कि उन्हें 15 जुलाई 2020 से कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव की पूरी जिम्मेदारी मिल गई. इस पद पर सेवा देते 3 साल 5 माह से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है. कृषि विभाग के सचिव बनाए जाने के बाद भी उनके पास खान विभाग के सचिव और जेएसएमडीसी के चेयरमैन का भी अतिरिक्त प्रभार रहा. यह पद अगस्त 2020 में तब उनके हाथ से निकला जब पूजा सिंघल खान सचिव बनीं. लेकिन मई 2022 में पूजा सिंघल की गिरफ्तारी और निलंबन के बाद एक बार अबु बकर सिद्दिकी को खान विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई.

गौर करने वाली यह है कि एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान लोगों को पशुपालन के लिए प्रेरित करते हैं. पशुधन योजना का लाभ उठाने का आग्रह करते हैं. यह भी कहते हैं कि अगर पशु बीमार हो तो उनका मुफ्त में इलाज होगा. अब सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में जब पशु चिकित्सक और पदाधिकारी एक ही जिला या मुख्यालयों में जमे रहेंगे तो ग्राउंड लेबल पर पशुपालकों को सुविधा कैसे मिलेगी.

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अब सवाल है कि क्या जनवरी 2024 के पूरा होने से पहले ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी. क्योंकि चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि वैसे पदाधिकारियों को चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाना है जो अपने गृह जिला या एक ही जगह पर पदस्थापित हैं या एक ही जिला में तीन साल से ज्यादा समय से पद पर बने हुए हैं.

गृह जिला या एक ही जगह में कुंडली मारे बैठे पशु चिकित्सकों की सूची.

  1. डॉ विपिन खलखो, क्षेत्रीय निदेशक, दक्षिणी छोटानागपुर
  2. डॉ अमित शरण, हजारीबाग में पदस्थापित
  3. डॉ कमलेश कुमार पिंगले, जिला पशुपालन पदाधिकारी, रामगढ़
  4. डॉ नुपूर कोयल, शोध पदाधिकारी, पशु स्वास्थ्य, कांके, रांची
  5. डॉ कम्बोज कुमार महतो, सूकर प्रजनन प्रक्षेत्र, रांची
  6. डॉ संगीता कुमार, चैनपुर, पलामू
  7. डॉ विनय कुमार राय, क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय, रांची
  8. डॉ रविशंकर कपूर, क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक, रांची
  9. डॉ रोजलीन पुष्पा तिर्की, सिल्ली, रांची
  10. डॉ प्रफुल्ल कुमार, रांची
  11. डॉ धनन्जय कुमार सिन्हा, होटवार, रांची
  12. डॉ सेवा पालित, अनगड़ा, रांची
  13. डॉ पृथ्वी राम, जमशेदपुर

इनमें एक नाम है डॉ नरेंद्र कुमार झा का भी है जो 1991 यानी 32 वर्षों से ज्यादा समय से रांची में ही पोस्टेड हैं. संभव है कि अपने गृह जिला से ही रिटायर भी हो जाएं. क्योंकि यह रिकॉर्ड डॉ अपर्णा पांडेय के नाम रहा है. वह प्रारंभ से ही करीब 34 वर्षों तक अपने गृह जिला रांची में ही पदस्थापित रहीं और यहीं से सेवानिवृत्त भी हुईं.

अब सवाल है कि क्या चुनाव आयोग के पत्र के आलोक में ऐसे पशु चिकित्सकों को उस जिला से हटाया जाएगा. जाहिर है कि इन्हें चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाया जाता है तो इस बात पर मुहर लग जाएगी कि इनपर किसी ऊंचे स्तर से कृपा बरस रही है. इस विभाग में सिर्फ पशुचिकित्सक ही नहीं बल्कि कई पशुपालन पदाधिकारी हैं जो एक ही जिला में वर्षों से अंगद की तरह पैर जमाए बैठे हैं.

एक ही जगह में वर्षों से जमे पदाधिकारियों के नाम.

  1. डॉ कमलेश्वर भारती, पाकुड़, 3 वर्ष
  2. डॉ मनोज कुमार मणि, बोकारो, 3 वर्ष
  3. डॉ राम सरीख प्रसाद, कोडरमा, 3 वर्ष
  4. डॉ न्यूटन तिर्की, हजारीबाग, 3 वर्ष
  5. डॉ अरुण कुमार राम, सिमडेगा, 3 वर्ष
  6. डॉ अवधेश कुमार, दुमका, 3 वर्ष
  7. डॉ बिनोद कुमार, बेकन फैक्ट्री, रांची, 3 वर्ष
  8. डॉ अरविंद कुमार, अवर प्रमंडल पदा. कोडरमा, 5 वर्ष
  9. डॉ निशि किरण वर्मा, 6 वर्ष
  10. डॉ मृत्युंजय कुमार, शोध पदाधिकारी, कांके, रांची, 6 वर्ष
  11. डॉ संजय चैखिरयार, शोध पदाधिकारी, कांके, रांची, 6 वर्ष
  12. डॉ संजीव कुमार राय, जमशेदपुर, 10 वर्ष
  13. डॉ मुद्रिका दास, बोकारो, 5 वर्ष
  14. डॉ मनोज कुमार तिवारी, पशुपालन निदेशालय, 6 वर्ष
  15. डॉ ब्रजेश कुमार, रांची , 3 वर्ष
  16. डॉ शैलेन्द्र कुमार, रांची

पशुपालन विभाग के निदेशक आदित्य रंजन से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सक और पदाधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार निदेशालय के पास नहीं होता. लिहाजा, इस मसले पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दिकी से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

कृषि विभाग में लंबे समय से हैं अबु बकर सिद्दिकी: अबु बकर सिद्दिकी 2003 बैच के आईएएस अफसर हैं. 23 अप्रैल 2020 को खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव बने अबु बकर सिद्दिकी को कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. इसके बाद कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ उनकी ऐसी बनी कि उन्हें 15 जुलाई 2020 से कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव की पूरी जिम्मेदारी मिल गई. इस पद पर सेवा देते 3 साल 5 माह से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है. कृषि विभाग के सचिव बनाए जाने के बाद भी उनके पास खान विभाग के सचिव और जेएसएमडीसी के चेयरमैन का भी अतिरिक्त प्रभार रहा. यह पद अगस्त 2020 में तब उनके हाथ से निकला जब पूजा सिंघल खान सचिव बनीं. लेकिन मई 2022 में पूजा सिंघल की गिरफ्तारी और निलंबन के बाद एक बार अबु बकर सिद्दिकी को खान विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई.

गौर करने वाली यह है कि एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान लोगों को पशुपालन के लिए प्रेरित करते हैं. पशुधन योजना का लाभ उठाने का आग्रह करते हैं. यह भी कहते हैं कि अगर पशु बीमार हो तो उनका मुफ्त में इलाज होगा. अब सवाल है कि इतनी बड़ी संख्या में जब पशु चिकित्सक और पदाधिकारी एक ही जिला या मुख्यालयों में जमे रहेंगे तो ग्राउंड लेबल पर पशुपालकों को सुविधा कैसे मिलेगी.

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Last Updated : Dec 26, 2023, 6:03 PM IST
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