रांची: लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से तमाम सरकारी और निजी स्कूल बंद पड़े हैं. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. इसके बावजूद तमाम निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव डाल रहे हैं. यह मामला सरकार तक भी पहुंचा है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. लॉकडाउन के दौरान शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कई मसलों को लेकर ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
फीस वसूली को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि इस मामले को लेकर बनी कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला हाई कोर्ट के संज्ञान में भी है, इसलिए उम्मीद है कि अभिभावकों को राहत मिलेगी. शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि कई निजी स्कूल बिल्डिंग फंड के नाम पर भी पैसे मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन बातों को देखने के लिए कमेटी बनी है, कमेटी में सभी जिलों के डीसी के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं, कमेटी की रिपोर्ट से बहुत बातें स्पष्ट हो जाएंगी. खास बात है कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ था और फीस वसूली की बात सामने आई थी, तो शिक्षा मंत्री ने खुलकर कहा था कि वह किसी भी हालत में अभिभावकों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ने देंगे.
सरकारी स्कूलों में कब शुरू होगी पढ़ाई
शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा कि सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन शुरू करने के लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली थी, इसको लेकर एक कैलेंडर भी बनाया गया था, शनिवार को हाफ डे की बजाय फुल डे पढ़ाई के अलावा अन्य सभी दिनों में अतिरिक्त क्लासेस लेने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन लॉकडाउन 4 की मियाद 31 मई तक बढ़ने के कारण अब नए सिरे से खाका तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चों के पढ़ाई को लेकर सरकार गंभीर है और व्यवस्था बहाल होते ही सारी समस्या दूर कर ली जाएंगी.
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मैट्रिक-इंटर परीक्षा की कॉपी की कब होगी जांच
झारखंड में लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं संपन्न हो गई थी, यह बहुत बड़ी राहत की बात रही, लेकिन लॉकडाउन में चरणबद्ध रियायत के बावजूद मैट्रिक और इंटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नहीं हो रही है. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉपियों की जांच की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन ज्यादातर वैसे स्कूल जहां कॉपियों की जांच होती है वहां क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, इसकी वजह से यह काम प्रभावित हुआ है.
दूरदर्शन से स्कूली बच्चों को मिल रही है शिक्षा ?
पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष पैकेज की घोषणा के दौरान स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बहाल करने के लिए कहा था कि दूरदर्शन के अलग-अलग चैनल के जरिए बच्चों को शिक्षा मुहैया कराई जाएगी, लेकिन झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो का कहना है कि केंद्र सरकार ने भी तो सिर्फ घोषणा की है, इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान करना पड़ेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि गिरिडीह में केबल टीवी के जरिए ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराई जा रही है, लेकिन यह सिर्फ शहरों तक ही सीमित है. सरकार भी मानती है कि डिजिटल व्यवस्था लागू करना जरूरी है, लेकिन इसके लिए बजट की जरूरत होगी.
3508 अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों का क्या होगा
3508 अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों की हाजिरी पर रोक लगाई गई है, बावजूद इसके उनसे कई तरह के काम लिए जा रहे हैं. इस सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह मामला पूर्वर्ती सरकार से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि अगर अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों से काम लिया जा रहा है तो उन्हें पैसे भी मिलने चाहिए. लिहाजा वह खुद लॉकडाउन के बाद दिल्ली जाएंगे और केंद्रीय एचआरडी मंत्री से मिलकर इन अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों की सेवा पुनः बहाल करने की मांग करेंगे.