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क्या झारखंड में ओमीक्रोन दस्तक दे चुका है? कई फ्रंट पर क्यों पीछे है झारखंड, मंत्री बन्ना से एक्सक्लूसिव बातचीत

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Published : Dec 28, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 5:25 PM IST

क्या झारखंड में ओमीक्रोन ने दस्तक दे दिया है, पिछले कुछ दिनों के आंकड़ें इसी ओर इशारा कर रहे हैं. लेकिन जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट आने के बाद ही इन मामलों की पुष्टि हो सकती है. झारखंड में ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में क्या क्या काम हुए. आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग में क्या क्या होने वाला है इसपर ईटीवी भारत से विस्तार से बातचीत की स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने.

Health Minister Banna Gupta
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रांची: ट्रेंड तो यही बता रहा है कि झारखंड में ओमीक्रोन की एंट्री हो चुकी है. पिछले कुछ दिनों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. लेकिन इस अनुमान पर जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट ही मुहर लगा सकता है, जो झारखंड के लिए फिलहाल संभव नहीं है. क्योंकि यहां अबतक लैब स्थापित नहीं हो पाया है. आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि 29 नवंबर को झारखंड में एक्टिव मरीजों की संख्या 95 थी, जो 28 दिसंबर को बढ़कर 477 हो गई है. खास बात है कि ऐसे नाजुक समय में भी टीकाकरण की रफ्तार सुस्त पड़ी हुई है. कोरोना को लेकर आने वाली चुनौतियों और तैयारियों के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत की.

ये भी पढ़ें- दो साल में पहली बार सरकार पहुंची जनता के द्वार, अब योजनाओं में नहीं दिखेंगे बिचौलियेः सीएम हेमंत सोरेन

स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. लिहाजा, पुराने अनुभव को ध्यान में रखकर पहल किए जाने की जरूरत है. चुनौतियों को लेकर सरकार पूरी तरह तैयार हैं. यह पूछे जाने पर कि अभी भी 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के 58 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहला डोज भी नहीं मिला है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड का भौगोलिक बनावट एक कारण है. दूसरा कारण पलायन और तीसरा है लोगों में जागरूकता की कमी. इसी वजह से रफ्तार प्रभावित हुई है. सरकार डोर टू डोर जाकर भी वैक्सीन देने की कोशिश कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वैक्सीनेशन की जब शुरूआत हुई, तभी केंद्र ने कई ऐसे नियम बना रखे थे जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ ब्यूरो चीफ राजेश सिंह

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस महामारी को राजनैतिक अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि जब केरल में सौ फीसदी दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में वहां बुस्टर डोज क्यों नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- CM Hemant Soren Exclusive: ईटीवी भारत से बोले सीएम हेमंत सोरेन- सामाजिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता, समाज में जहर घोलती है बीजेपी

जीनोम सिक्वेंसिंग लैब और टीकाकरण पर फोकस

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार एक आरटीपीसीआर मशीन भी नहीं लगवा पाई थी. लेकिन हेमंत सरकार ने आठ आरटीपीसीआर मशीन स्थापित किए. कोबास मशीन भी स्थापित की गई. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन स्थापित हो जाएगी. हालाकि उन्होंने इसके लिए कोई समय नहीं बताया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हाईलेबर मीटिंग के दौरान सभी जिलों को उपायुक्तों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया जा चुका है.

क्या सख्ती बरतने का समय आ गया है ?

इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार तैयार है. पिछले दो वेव से सरकार बहुत कुछ सीख चुकी है. संक्रमण के नेचर पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. जरूरत पड़ी तो सख्ती भी बरती जाएगी. उन्होंने लोगों से एहतियात के साथ नववर्ष का जश्न मनाने की अपील की है.

रांची: ट्रेंड तो यही बता रहा है कि झारखंड में ओमीक्रोन की एंट्री हो चुकी है. पिछले कुछ दिनों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. लेकिन इस अनुमान पर जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट ही मुहर लगा सकता है, जो झारखंड के लिए फिलहाल संभव नहीं है. क्योंकि यहां अबतक लैब स्थापित नहीं हो पाया है. आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि 29 नवंबर को झारखंड में एक्टिव मरीजों की संख्या 95 थी, जो 28 दिसंबर को बढ़कर 477 हो गई है. खास बात है कि ऐसे नाजुक समय में भी टीकाकरण की रफ्तार सुस्त पड़ी हुई है. कोरोना को लेकर आने वाली चुनौतियों और तैयारियों के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत की.

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स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. लिहाजा, पुराने अनुभव को ध्यान में रखकर पहल किए जाने की जरूरत है. चुनौतियों को लेकर सरकार पूरी तरह तैयार हैं. यह पूछे जाने पर कि अभी भी 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के 58 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहला डोज भी नहीं मिला है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड का भौगोलिक बनावट एक कारण है. दूसरा कारण पलायन और तीसरा है लोगों में जागरूकता की कमी. इसी वजह से रफ्तार प्रभावित हुई है. सरकार डोर टू डोर जाकर भी वैक्सीन देने की कोशिश कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वैक्सीनेशन की जब शुरूआत हुई, तभी केंद्र ने कई ऐसे नियम बना रखे थे जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ ब्यूरो चीफ राजेश सिंह

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस महामारी को राजनैतिक अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि जब केरल में सौ फीसदी दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में वहां बुस्टर डोज क्यों नहीं दिया जा रहा है.

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जीनोम सिक्वेंसिंग लैब और टीकाकरण पर फोकस

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार एक आरटीपीसीआर मशीन भी नहीं लगवा पाई थी. लेकिन हेमंत सरकार ने आठ आरटीपीसीआर मशीन स्थापित किए. कोबास मशीन भी स्थापित की गई. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द झारखंड में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन स्थापित हो जाएगी. हालाकि उन्होंने इसके लिए कोई समय नहीं बताया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हाईलेबर मीटिंग के दौरान सभी जिलों को उपायुक्तों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश दिया जा चुका है.

क्या सख्ती बरतने का समय आ गया है ?

इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार तैयार है. पिछले दो वेव से सरकार बहुत कुछ सीख चुकी है. संक्रमण के नेचर पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. जरूरत पड़ी तो सख्ती भी बरती जाएगी. उन्होंने लोगों से एहतियात के साथ नववर्ष का जश्न मनाने की अपील की है.

Last Updated : Dec 28, 2021, 5:25 PM IST
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