ETV Bharat / state

गांडेय में अब नहीं हो सकता उपचुनाव! भाजपा के दावे में कितना है दम, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Is by-election possible in Gandey? झारखंड के गांडेय से जेएमएम के विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद इस बात की चर्चा जोर से होने लगी कि क्या वहां उपचुनाव कराना संभव है? इसे लेकर पक्ष और विपक्ष की ओर से कई नियमों का हवाला दिया जा रहा है. इस पर विशेषज्ञ क्या कहते हैं जानिए इस रिपोर्ट में...

Is by-election possible in Gandey
Is by-election possible in Gandey
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 2, 2024, 3:45 PM IST

Updated : Jan 2, 2024, 4:29 PM IST

रांची: लैंड स्कैम मामले में बयान दर्ज करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन को जारी ईडी के सातवें समन के बाद 31 दिसंबर 2023 को सरफराज अहमद के गांडेय विधानसभा सीट से इस्तीफा देने पर बहस छिड़ गई है कि अब वहां उपचुनाव नहीं हो सकता है. खासकर भाजपा इस मुद्दे को उठा रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि पंचम झारखंड विधानसभा का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है, इसलिए उपचुनाव नहीं हो सकता.

इस सवाल का जवाब जानने के लिए लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल, पीडीटी अचारी से बात की गई तो उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 153 का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव परिणाम या सरकार के गठन की तारीख सदन के कार्यकाल के लिए मायने नहीं रखती. जिस दिन पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक हुई है, उसी तारीख से एक साल की अवधि काउंट होती है. अगर पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 2020 को हुई है तो उस तारीख से पहले खाली हुई विधानसभा सीट पर छह माह के भीतर चुनाव आयोग को उपचुनाव कराना होगा. इससे साफ है कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा देते हैं और कल्पना सोरेन को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो वह मुख्यमंत्री की शपथ ले सकती हैं. इसके बाद उन्हें छह माह के भीतर उपचुनाव जीतना होगा.

विधानसभा सूत्रों से भी मिली जानकारी के मुताबिक पंचम झारखंड विधानसभा का गठन 6 जनवरी 2020 को हुआ था. तीन दिन का यह प्रथम सत्र 8 जनवरी तक चला था. जबकि गांडेय विधानसभा सीट 31 दिसंबर को खाली हुई है. ऐसे में वहां जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक उपचुनाव हो सकता है.

कब बनी सरकार और कब हुआ विधानसभा का गठन: साल 2019 में पंचम झारखंड विधानसभा का चुनाव पांच चरण में हुआ था. पहले चरण का चुनाव 30 नवंबर 2019, दूसरे चरण का 7 दिसंबर 2019, तीसरे चरण का 12 दिसंबर 2019, चौथे चरण का 16 दिसंबर 2019 और पांचवे चरण का चुनाव 20 दिसंबर 2019 को हुआ था. मतों की गिनती 23 दिसंबर 2019 को हुई थी. मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को शपथ ली थी. लेकिन पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 2020 को हुई थी. लिहाजा, वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है.

  • राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…

    — Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

निशिकांत दूबे और बाबूलाल मरांडी का क्या है दावा: भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने एक्स पर ट्वीट कर कहा था कि झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ था. जबकि सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को इस्तीफा दिया था. ऐसे में एक साल से कम समय में उपचुनाव नहीं हो सकता है. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 2 जनवरी को दुमका में कहा कि अगर सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं तो वे बड़ी गलती करेंगे. ऐसा संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके विधायक बनने में कानूनी अड़चन है और इसे रोकने के लिए भाजपा राज्यपाल से मिलकर मांग करेगी कि अगर कल्पना सोरेन के नाम का प्रस्ताव आता है तो अटार्नी जनरल या विधि विशेषज्ञ से राय लेने के बाद ही कोई कदम उठाएं.

ये भी पढ़ें-

झारखंड में बढ़ी हलचल, सीएम ने 3 को बुलाई विधायक दल की बैठक, महाधिवक्ता ने भी मुख्यमंत्री से की मुलाकात

झारखंड में सियासी तूफान, सरफराज अहमद ने आखिर क्यों दे दिया इस्तीफा ? उनके लिए क्या हो सकता है रिटर्न गिफ्ट

हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने की राह में हैं कई रोड़े, जानिए मुंबई हाईकोर्ट का फैसला क्या कहता है

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देंगे इस्तीफा, कल्पना सोरेन लड़ेंगी चुनावः निशिकांत दुबे

रांची: लैंड स्कैम मामले में बयान दर्ज करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन को जारी ईडी के सातवें समन के बाद 31 दिसंबर 2023 को सरफराज अहमद के गांडेय विधानसभा सीट से इस्तीफा देने पर बहस छिड़ गई है कि अब वहां उपचुनाव नहीं हो सकता है. खासकर भाजपा इस मुद्दे को उठा रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि पंचम झारखंड विधानसभा का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है, इसलिए उपचुनाव नहीं हो सकता.

इस सवाल का जवाब जानने के लिए लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल, पीडीटी अचारी से बात की गई तो उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 153 का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव परिणाम या सरकार के गठन की तारीख सदन के कार्यकाल के लिए मायने नहीं रखती. जिस दिन पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक हुई है, उसी तारीख से एक साल की अवधि काउंट होती है. अगर पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 2020 को हुई है तो उस तारीख से पहले खाली हुई विधानसभा सीट पर छह माह के भीतर चुनाव आयोग को उपचुनाव कराना होगा. इससे साफ है कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा देते हैं और कल्पना सोरेन को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो वह मुख्यमंत्री की शपथ ले सकती हैं. इसके बाद उन्हें छह माह के भीतर उपचुनाव जीतना होगा.

विधानसभा सूत्रों से भी मिली जानकारी के मुताबिक पंचम झारखंड विधानसभा का गठन 6 जनवरी 2020 को हुआ था. तीन दिन का यह प्रथम सत्र 8 जनवरी तक चला था. जबकि गांडेय विधानसभा सीट 31 दिसंबर को खाली हुई है. ऐसे में वहां जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक उपचुनाव हो सकता है.

कब बनी सरकार और कब हुआ विधानसभा का गठन: साल 2019 में पंचम झारखंड विधानसभा का चुनाव पांच चरण में हुआ था. पहले चरण का चुनाव 30 नवंबर 2019, दूसरे चरण का 7 दिसंबर 2019, तीसरे चरण का 12 दिसंबर 2019, चौथे चरण का 16 दिसंबर 2019 और पांचवे चरण का चुनाव 20 दिसंबर 2019 को हुआ था. मतों की गिनती 23 दिसंबर 2019 को हुई थी. मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को शपथ ली थी. लेकिन पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 2020 को हुई थी. लिहाजा, वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है.

  • राज्यपाल झारखंड @CPRGuv को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए,झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ । सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता । यह पार्टी हेमंत सोरेन जी की नहीं शिबू सोरेन जी की है@SitaSorenMLA @BasantSorenMLA विधायक हैं,चम्पई…

    — Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 1, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

निशिकांत दूबे और बाबूलाल मरांडी का क्या है दावा: भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने एक्स पर ट्वीट कर कहा था कि झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ था. जबकि सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को इस्तीफा दिया था. ऐसे में एक साल से कम समय में उपचुनाव नहीं हो सकता है. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 2 जनवरी को दुमका में कहा कि अगर सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं तो वे बड़ी गलती करेंगे. ऐसा संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके विधायक बनने में कानूनी अड़चन है और इसे रोकने के लिए भाजपा राज्यपाल से मिलकर मांग करेगी कि अगर कल्पना सोरेन के नाम का प्रस्ताव आता है तो अटार्नी जनरल या विधि विशेषज्ञ से राय लेने के बाद ही कोई कदम उठाएं.

ये भी पढ़ें-

झारखंड में बढ़ी हलचल, सीएम ने 3 को बुलाई विधायक दल की बैठक, महाधिवक्ता ने भी मुख्यमंत्री से की मुलाकात

झारखंड में सियासी तूफान, सरफराज अहमद ने आखिर क्यों दे दिया इस्तीफा ? उनके लिए क्या हो सकता है रिटर्न गिफ्ट

हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने की राह में हैं कई रोड़े, जानिए मुंबई हाईकोर्ट का फैसला क्या कहता है

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देंगे इस्तीफा, कल्पना सोरेन लड़ेंगी चुनावः निशिकांत दुबे

Last Updated : Jan 2, 2024, 4:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.