रांची: राजधानी रांची में पुलिस और उत्पाद विभाग शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. उत्पाद विभाग ने शराब के अवैध धंधे में शामिल कारोबारियों की वांटेड लिस्ट तैयार की है. इस काली सूची में वैसे सभी शराब माफियाओं को शामिल किया गया है जो झारखंड में अवैध और नकली शराब का कारोबार करते हैं. उत्पाद विभाग ने झारखंड के शराब माफियाओं की लिस्ट (liquor mafia of Jharkhand) तैयार की है. इस लिस्ट में 18 वैसे शराब तस्करों के नाम शामिल है जो झारखंड में अवैध शराब की तस्करी करते हैं.
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जिलाबदर करने की कार्रवाई भी होगी: उत्पाद विभाग की ओर से तैयार की गई शराब माफियाओं की काली सूची में शामिल शराब तस्करों में से कई जेल में है तो कहीं जमानत पर बाहर हैं. उत्पाद विभाग की टीम पुलिस की सहायता से इन शराब तस्करों पर कड़ी नजर रख रही है ताकि यह लोग जहर का कारोबार ना कर सके. इधर रांची पुलिस ने भी राजधानी के लिए खतरनाक हो चुके अवैध शराब कारोबारियों की एक लिस्ट तैयार की है, ताकि उन पर सीसीए के तहत करवाई की जा सके. पुलिस की योजना है कि रांची में सक्रिय अवैध शराब के कारोबारियों को जिलाबदर किया जाए. साथ ही उन्हें थाना में हाजिरी भी लगवाई जाए. रांची पुलिस ने निर्णय लिया है कि पुराने शराब कारोबारी, जिनके खिलाफ पहले से शराब तस्करी या बेचने के आरोप में दो या उसके अधिक केस दर्ज हैं, उनके खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा वैसे पुराने शराब कारोबारी, जिनके खिलाफ एक केस दर्ज है या उनका नाम संदिग्ध शराब कारोबारी के रूप में सामने आ चुका है, पुलिस उनके खिलाफ थाना हाजिरी का प्रस्ताव तैयार करेगी.
उत्पाद विभाग को मिलेगा हर सहयोग: झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि उत्पाद विभाग ने शराब कारोबारियों की जो काली सूची बनाई है, उन पर नजर रखने के साथ-साथ उन पर दबिश डालने के लिए झारखंड पुलिस हर संभव मदद करेगी. आईजी के अनुसार शराब माफिया के खिलाफ वर्तमान में जोरदार कार्रवाई चल रही है जो आगे भी जारी रहेगी.
अरुणाचल प्रदेश भेजे जाने वाली शराब को लाया जाता है झारखंड: राजधानी रांची में शराब तस्करों के बड़े नामों में गणेश गोराई, बालकरण, अजय साहू, संजय साहू और संजय यादव जैसे लोग शामिल हैं. इन सभी का नेटवर्क चंडीगढ़ से निकलकर अरुणाचल जाने वाली शराब की तस्करी के लिए काम करता है. सस्ती दर वाली शराब चंडीगढ़ से मंगवाकर रांची में रिपैकेजिंग करवाकर बिहार और रांची के लोकल बाजार में बेचा जाता है. इसके लिए ट्रांसपोर्ट, सप्लायर सहित पूरा नेटवर्क तैयार कर रखा गया है. सस्ती कीमत की शराब चंडीगढ़ से निकलकर गढ़वा, पलामू, लातेहार, कुड़ू के रास्ते घुसकर कर रांची तक पहुंचता है, जबकि संबंधित सप्लायर के पास अरुणाचल प्रदेश जाने के लिए पास भी बना होता है. उत्पाद विभाग और पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है.