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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसः महिला सशक्तिकरण पर सेमिनार का आयोजन

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रांची सिविल कोर्ट के 40 कोर्ट बिल्डिंग में महिला सशक्तिकरण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज में फैले अंधविश्वास और कुरीतियों को दिखाने की कोशिश की गई. इस कार्यक्रम में सिविल कोर्ट की महिला न्यायाधीश, महिला अधिवक्ता समेत ग्रामीण महिलाएं शामिल हुईं.

Event organized in 40 building of Ranchi Civil Court
महिला सशक्तिकरण विषय पर सेमिनार का आयोजन
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Published : Mar 8, 2020, 10:11 PM IST

रांची: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से सिविल कोर्ट के 40 कोर्ट बिल्डिंग में महिला सशक्तिकरण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. वहीं, इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाने की कोशिश की गई कि किस तरह से समाज में फैले अंधविश्वास और कुरीतियों के कारण महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है. इस कार्यक्रम में सिविल कोर्ट की महिला न्यायाधीश, महिला अधिवक्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के महिला पारा वॉलिंटियर्स और ग्रामीण महिलाएं शामिल हुईं.

देखें पूरी खबर
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में मौजूद पुरुष न्यायाधीश और न्यायिक पदाधिकारियों ने नुक्कड़ नाटक की खूब सराहना की. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रांची सिविल कोर्ट की एडिशनल प्रिंसिपल जज प्रेमलता त्रिपाठी ने कहा कि जो महिलाएं हैं वह खूब पढ़ें ताकि पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बन सकें. अपने परिवार और समाज को इसके बदौलत आगे बढ़ा सके. उन्होंने कहा कि झारखंड में डायन प्रथा की शिकार महिलाएं होती हैं और इसे जड़ से समाप्त करना तभी संभव है, जब महिलाएं जागरूक होंगी.

पढे़- महिला दिवस पर बढ़ा राज्य का मान, 'झारखंड की वनदेवी' चामी मुर्मू को राष्ट्रपति से मिला नारी शक्ति सम्मान

वहीं, पोक्सो की विशेष जज कशिका एम प्रसाद ने कहा कि समाज विकृतियों के कारण आज महिला सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं. खासकर बच्चियों के साथ जिस प्रकार से दुष्कर्म की घटना लगातार सामने आ रही हैं, ऐसे में समाज को जागरूक होने की जरूरत है. झारखंड में सबसे ज्यादा डायन प्रथा की शिकार हुई महिलाओं का मामला आता है. ऐसे में महिलाओं को सशक्त और जागरूक होने की जरूरत है. महिलाएं जागरूक और सशक्त होंगी तो समाज भी जागरूक होगा. इस दौरान पोक्सो के विशेष न्यायाधीश कशिका एम प्रसाद ने एक कविता के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने की कोशिश की.कोमल है मजबूर नहीं, शक्ति का नाम ही है नारी,,जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुम से हारी है,,

रांची: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से सिविल कोर्ट के 40 कोर्ट बिल्डिंग में महिला सशक्तिकरण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. वहीं, इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाने की कोशिश की गई कि किस तरह से समाज में फैले अंधविश्वास और कुरीतियों के कारण महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है. इस कार्यक्रम में सिविल कोर्ट की महिला न्यायाधीश, महिला अधिवक्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के महिला पारा वॉलिंटियर्स और ग्रामीण महिलाएं शामिल हुईं.

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जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में मौजूद पुरुष न्यायाधीश और न्यायिक पदाधिकारियों ने नुक्कड़ नाटक की खूब सराहना की. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रांची सिविल कोर्ट की एडिशनल प्रिंसिपल जज प्रेमलता त्रिपाठी ने कहा कि जो महिलाएं हैं वह खूब पढ़ें ताकि पढ़ लिखकर आत्मनिर्भर बन सकें. अपने परिवार और समाज को इसके बदौलत आगे बढ़ा सके. उन्होंने कहा कि झारखंड में डायन प्रथा की शिकार महिलाएं होती हैं और इसे जड़ से समाप्त करना तभी संभव है, जब महिलाएं जागरूक होंगी.

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वहीं, पोक्सो की विशेष जज कशिका एम प्रसाद ने कहा कि समाज विकृतियों के कारण आज महिला सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं. खासकर बच्चियों के साथ जिस प्रकार से दुष्कर्म की घटना लगातार सामने आ रही हैं, ऐसे में समाज को जागरूक होने की जरूरत है. झारखंड में सबसे ज्यादा डायन प्रथा की शिकार हुई महिलाओं का मामला आता है. ऐसे में महिलाओं को सशक्त और जागरूक होने की जरूरत है. महिलाएं जागरूक और सशक्त होंगी तो समाज भी जागरूक होगा. इस दौरान पोक्सो के विशेष न्यायाधीश कशिका एम प्रसाद ने एक कविता के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने की कोशिश की.कोमल है मजबूर नहीं, शक्ति का नाम ही है नारी,,जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुम से हारी है,,
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