रांची: राजधानी में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. जिले के कांके प्रखंड के पिठोरिया गांव में यूरिया दुकानदारों की ओर से यूरिया की कालाबाजारी की जा रही थी, जिसके खिलाफ रविवार 23 अगस्त को प्रमुखता से खबर दिखाई थी, जिसके बाद स्थानीय किसान ने अपने टि्वटर अकाउंट @johnykhanRSS से झारखंड सरकार, झारखंड पुलिस और रांची डीसी को ट्वीट किया. इसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दो यूरिया दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की है.
दो यूरिया दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई
कांके प्रखंड के दो यूरिया दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इन दोनों दुकानदारों की ओर से निर्धारित दर से ज्यादा कीमत पर यूरिया बेची जा रही थी, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने इन दोनों दुकानदारों का लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है. ये दुकानदार मेसर्स कृषि कांति के प्रो. जनक नायक पिठोरिया और विजय कृषि केंद्र के प्रो. विश्वनाथ साहू पिठोरिया हैं. उप कृषि निदेशक (योजना) कृषि निदेशालय झारखंड की ओर से विभिन्न उर्वरक प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया था. जांच के दौरान पाया गया कि मेसर्स विजय कृषि केंद्र में यूरिया खुदरा में 10 रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है, जबकि प्रति बोरा 400 रुपए के दर से बिक्री की जा रही है.
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यूरिया की कालाबाजारी और मनमाने दर पर चल रही थी बिक्री
इस बात की पुष्टि वहां उपस्थित क्रेताओं और कृषकों से पूछताछ के क्रम में भी की गई. मेसर्स कृषि कांति में यूरिया 400 से 500 प्रति बोरा की दर से बेचा जा रहा था. इन दोनों दुकानों में उर्वरक की उपलब्धता और दर से संबंधित सूचना पट भी नहीं लगाया गया था. दोनों उर्वरक प्रतिष्ठानों को जिला कृषि पदाधिकारी ने 1 सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है. संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं होने की स्थिति में उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के सुसंगत प्रावधान के तहत दोनों दुकानों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा, साथ ही इन दोनों दुकानों को एससीओ के प्रावधानों के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति अगले आदेश तक नहीं करने को भी कहा गया है. रांची उपायुक्त के निर्देशानुसार जिले में यूरिया की कालाबाजारी और मनमाने दर पर बिक्री को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं.