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मिलिए, ग्रेपलिंग गेम में झारखंड के पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ओवैस अरफात से, रूस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में लेंगे हिस्सा

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Published : May 5, 2022, 10:59 PM IST

Updated : May 6, 2022, 12:50 PM IST

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ओवैस अरफात ने ग्रेपलिंग गेम में झारखंड के पहले खिलाड़ी बनकर देश प्रदेश का नाम रोशन किया है. अब उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली है, रूस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे.

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अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ओवेस अरफत

रांचीः झारखंड में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. हर एक खेल में यहां एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ी हैं. इसी कड़ी में अंतरराष्ट्रीय ग्रेपलिंग प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम का चयन किया गया है. इसमें झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले ओवेस अरफत का भी चयन हुआ है. इस गेम में ओवैस झारखंड के पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. हमारी टीम ने ओवेस के कोच और उसके परिजनों से खास बातचीत की है.


रूस में 18 मई से 20 मई तक पहला इंटरनेशनल ग्रेपलिंग टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है. इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम भी हिस्सा ले रही है. ग्रेपलिंग कमेटी ऑफ इंडिया ने भारतीय टीम की घोषणा की है. इस टीम में देश के विभिन्न हिस्सों से खिलाड़ियों का चयन हुआ है. जिसमें झारखंड की राजधानी रांची के डॉक्टर फतुल्लाह रोड निवासी ओवैस का चयन भी भारतीय टीम में किया गया है.

देखें ईटीवी भारत की खास बातचीत


इन दिनों झारखंड के खिलाड़ियों का परचम देश विदेश में देखा जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई टूर्नामेंट में भारतीय टीम में झारखंड के खिलाड़ी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. हॉकी, क्रिकेट हो या फिर आर्चरी या फिर कोई नया इंट्रोड्यूजिंग गेम उसमें भी झारखंड के खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिल रहा है. ग्रेपलिंग एकदम नया गेम है और इस गेम में खिलाड़ियों की रुचि ना के बराबर है. इसके बावजूद ग्रेपलिंग जैसे गेम को ओवैस ने चुना और आज वह इस खेल में झारखंड से खेलने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बन गये हैं.

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में उन्होंने झारखंड सरकार से इस नए गेम को लेकर इसे आगे बढ़ाने और खिलाड़ियों को खेलने के लिए मदद की गुहार लगाई है. वहीं उनके कोच प्रवीण कुमार सिंह की माने तो झारखंड के लिए गौरव की बात है कि इस गेम में भी यहां के खिलाड़ी बेहतर कर रहे हैं.


क्या है ग्रेपलिंग गेमः ग्रेपलिंग कुश्ती का ही हिस्सा है जिसमें हाथ से हाथ की लड़ाई में ग्रेपलिंग उन खेलों का वर्णन करता है, जिनमें प्रतिद्वंद्वी को पकड़ना शामिल है. ग्रेपलिंग का उपयोग किसी प्रतिद्वंद्वी पर शारीरिक लाभ प्राप्त करने के लिए या तो स्थिति को थोपने या चोट पहुंचाने के लिए किया जाता है. ग्रेपलिंग एक व्यापक शब्द है जिसमें कई विषयों को शामिल किया गया है. इन विभिन्न मार्शल आर्ट का अभ्यास युद्ध के खेल और आत्मरक्षा दोनों के लिए किया जा सकता है.

ग्रेपलिंग प्रतियोगिताओं में अक्सर टेकडाउन और ग्राउंड कंट्रोल शामिल होते हैं और यह तब समाप्त हो सकता है जब एक प्रतियोगी हार मान लेता है. जिसे सबमिशन या टैप आउट के रूप में भी जाना जाता है. आमतौर पर हाथापाई में हथियारों का उपयोग शामिल नहीं होता है. हालांकि कुछ लड़ने की शैली या मार्शल आर्ट जो विशेष रूप से अपनी ग्रेपलिंग तकनीकों के लिए जाने जाते हैं. ऐसी रणनीति सिखाते हैं जिसमें या तो हाथापाई के साथ-साथ हमले और हथियार शामिल होते हैं या इसके साथ संयुक्त होते हैं. ग्रेपलिंग तकनीकों को मोटे तौर पर क्लिंच फाइटिंग में विभाजित किया जा सकता है- जिसमें टेकडाउन और उठाकर फेंकना शामिल है. साथ ही सबमिशन होल्ड और पिनिंग या कंट्रोलिंग तकनीक और स्वीप, रिवर्सल, टर्नओवर, और पलायन इस विधा में शामिल है.

रांचीः झारखंड में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. हर एक खेल में यहां एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ी हैं. इसी कड़ी में अंतरराष्ट्रीय ग्रेपलिंग प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम का चयन किया गया है. इसमें झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले ओवेस अरफत का भी चयन हुआ है. इस गेम में ओवैस झारखंड के पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. हमारी टीम ने ओवेस के कोच और उसके परिजनों से खास बातचीत की है.


रूस में 18 मई से 20 मई तक पहला इंटरनेशनल ग्रेपलिंग टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है. इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम भी हिस्सा ले रही है. ग्रेपलिंग कमेटी ऑफ इंडिया ने भारतीय टीम की घोषणा की है. इस टीम में देश के विभिन्न हिस्सों से खिलाड़ियों का चयन हुआ है. जिसमें झारखंड की राजधानी रांची के डॉक्टर फतुल्लाह रोड निवासी ओवैस का चयन भी भारतीय टीम में किया गया है.

देखें ईटीवी भारत की खास बातचीत


इन दिनों झारखंड के खिलाड़ियों का परचम देश विदेश में देखा जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई टूर्नामेंट में भारतीय टीम में झारखंड के खिलाड़ी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. हॉकी, क्रिकेट हो या फिर आर्चरी या फिर कोई नया इंट्रोड्यूजिंग गेम उसमें भी झारखंड के खिलाड़ियों का दबदबा देखने को मिल रहा है. ग्रेपलिंग एकदम नया गेम है और इस गेम में खिलाड़ियों की रुचि ना के बराबर है. इसके बावजूद ग्रेपलिंग जैसे गेम को ओवैस ने चुना और आज वह इस खेल में झारखंड से खेलने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बन गये हैं.

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में उन्होंने झारखंड सरकार से इस नए गेम को लेकर इसे आगे बढ़ाने और खिलाड़ियों को खेलने के लिए मदद की गुहार लगाई है. वहीं उनके कोच प्रवीण कुमार सिंह की माने तो झारखंड के लिए गौरव की बात है कि इस गेम में भी यहां के खिलाड़ी बेहतर कर रहे हैं.


क्या है ग्रेपलिंग गेमः ग्रेपलिंग कुश्ती का ही हिस्सा है जिसमें हाथ से हाथ की लड़ाई में ग्रेपलिंग उन खेलों का वर्णन करता है, जिनमें प्रतिद्वंद्वी को पकड़ना शामिल है. ग्रेपलिंग का उपयोग किसी प्रतिद्वंद्वी पर शारीरिक लाभ प्राप्त करने के लिए या तो स्थिति को थोपने या चोट पहुंचाने के लिए किया जाता है. ग्रेपलिंग एक व्यापक शब्द है जिसमें कई विषयों को शामिल किया गया है. इन विभिन्न मार्शल आर्ट का अभ्यास युद्ध के खेल और आत्मरक्षा दोनों के लिए किया जा सकता है.

ग्रेपलिंग प्रतियोगिताओं में अक्सर टेकडाउन और ग्राउंड कंट्रोल शामिल होते हैं और यह तब समाप्त हो सकता है जब एक प्रतियोगी हार मान लेता है. जिसे सबमिशन या टैप आउट के रूप में भी जाना जाता है. आमतौर पर हाथापाई में हथियारों का उपयोग शामिल नहीं होता है. हालांकि कुछ लड़ने की शैली या मार्शल आर्ट जो विशेष रूप से अपनी ग्रेपलिंग तकनीकों के लिए जाने जाते हैं. ऐसी रणनीति सिखाते हैं जिसमें या तो हाथापाई के साथ-साथ हमले और हथियार शामिल होते हैं या इसके साथ संयुक्त होते हैं. ग्रेपलिंग तकनीकों को मोटे तौर पर क्लिंच फाइटिंग में विभाजित किया जा सकता है- जिसमें टेकडाउन और उठाकर फेंकना शामिल है. साथ ही सबमिशन होल्ड और पिनिंग या कंट्रोलिंग तकनीक और स्वीप, रिवर्सल, टर्नओवर, और पलायन इस विधा में शामिल है.

Last Updated : May 6, 2022, 12:50 PM IST
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