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जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन, विजेताओं को राज्यपाल ने दी बधाई

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज मेंं गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इसमें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने विजेताओं को बधाई देते हुए गुरु तेगबहादुर के विचारों को आत्मसात करने का आवाह्नन किया.

राज्यपाल
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Published : Jun 21, 2021, 4:02 PM IST

रांचीः जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की ओर से गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. प्रतियोगिता के ऑनलाइन पुरस्कार सह सम्मान समारोह में कुलाधिपति और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं.

यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी ने रांची में किया था योग, ऐतिहासिक घटना का गवाह यह मैदान अपनी दुर्दशा पर बहा रहा आंसू

इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्व इतिहास में धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर का स्थान सबसे ऊपर है. उन्होंने कभी भी किसी की अहित करने की कोशिश नहीं की. सहनशीलता, मधुरता उनका स्वभाव था.

इस बार केंद्र सरकार के निर्देश पर उच्च शिक्षा के विभिन्न संस्थानों की ओर से 9वें गुरु तेग बहादुर के 400 वें प्रकाशपर्व को मनाने का निर्णय लिया गया है. यह बेहतर फैसला है.

विद्यार्थियों के लिए बेहतर आयोजन

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए भी खास है .राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम और भी कई मायनों में खास हो जाता है. बताते चलें कि इस राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता में 900 छात्राओं ने हिस्सा लिया. राज्यपाल ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को उन्होंने शुभकामनाएं दी हैं.

उन्होंने कहा कि आज करीब 400 वर्ष बीत जाने के बाद भी गुरु तेग बहादुर की शिक्षा हमें कई संदेश देती है. भारत की असली शक्ति क्या है विविधता में एकता कैसे ढूंढा जा सकता है.

भारत में अनेक धर्मों की जन्मभूमि और अनेक संस्कृतियों की मिलनभूमि है. भारत की एकता मूल में समन्वय की वह शक्ति है जो यहां के अलग-अलग धर्म, अलग क्षेत्रों और अलग भाषाओं को एक दूसरे से जोड़ देती है.

रांचीः जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की ओर से गुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. प्रतियोगिता के ऑनलाइन पुरस्कार सह सम्मान समारोह में कुलाधिपति और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं.

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इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्व इतिहास में धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर का स्थान सबसे ऊपर है. उन्होंने कभी भी किसी की अहित करने की कोशिश नहीं की. सहनशीलता, मधुरता उनका स्वभाव था.

इस बार केंद्र सरकार के निर्देश पर उच्च शिक्षा के विभिन्न संस्थानों की ओर से 9वें गुरु तेग बहादुर के 400 वें प्रकाशपर्व को मनाने का निर्णय लिया गया है. यह बेहतर फैसला है.

विद्यार्थियों के लिए बेहतर आयोजन

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए भी खास है .राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम और भी कई मायनों में खास हो जाता है. बताते चलें कि इस राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता में 900 छात्राओं ने हिस्सा लिया. राज्यपाल ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को उन्होंने शुभकामनाएं दी हैं.

उन्होंने कहा कि आज करीब 400 वर्ष बीत जाने के बाद भी गुरु तेग बहादुर की शिक्षा हमें कई संदेश देती है. भारत की असली शक्ति क्या है विविधता में एकता कैसे ढूंढा जा सकता है.

भारत में अनेक धर्मों की जन्मभूमि और अनेक संस्कृतियों की मिलनभूमि है. भारत की एकता मूल में समन्वय की वह शक्ति है जो यहां के अलग-अलग धर्म, अलग क्षेत्रों और अलग भाषाओं को एक दूसरे से जोड़ देती है.

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