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रांची: झारखंड में सच्ची घटना पर बनी फिल्म गिलुआ को नेशनल अवार्ड का इंतजार है. फिल्म के निर्देशक राजीव सिन्हा इसे नेशनल अवार्ड के लिए भेजने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं रांची के लोगों के लिए यह फिल्म जल्द ही पर्दे पर आने वाली है.
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बच्चों पर आधारित इस फिल्म को राजीव सिन्हा ने बनाया है. फिल्म में जितने भी कलाकार हैं, सभी झारखंड फिल्म एंड थियटर एकेडमी के छात्र हैं. फिल्म के डायरेक्टर राजीव सिन्हा ने कहा कि 2019 में हमने इसकी प्लानिंग की थी और उसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर महीने में इसकी शूटिंग की. उन्होंने कहा कि हमने इस फिल्म की शूटिंग के लिए दस दिनों का शेड्यूल तैयार किया था, लेकिन पांच दिन के अंदर ही फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई.
नेशनल अवार्ड के लिए भेजने की तैयारी: राजीव सिन्हा ने कहा कि फिल्म को बेचने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि फिल्म से कोई बड़ा नाम नहीं जुड़ा हुआ है. इसलिए हमारी कोशिश है कि फिल्म को नेशनल अवार्ड मिल जाए जिससे फिल्म की ब्रांडिंग हो जाएगी. इसलिए अगले नेशनल अवार्ड के लिए इस फिल्म को भेजने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चंबल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में फिल्म नॉमिनेट हो गई है. उन्होंने कहा कि जल्द ही रांची में फिल्म लोगों के लिए रिलीज की जाएगी, इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है.
सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म गिलुआ: यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है. यह एक सात साल के बच्चे और उसकी मां की कहानी है. गोड्डा में एक बच्चा है जिसका नाम अमित कोड़ा है. जिसपर 2014 में एक अखबार में खबर छपी थी. वह बच्चा हर दिन अपने स्कूल से दो अंडा अपनी मां के लिए चोरी करता है. क्योंकि डॉक्टर ने कहा था कि अगर उसकी मां हर दिन दो अंडा खाएगी तो जल्द ही टीबी बीमारी से ठीक हो जाएगी. इसलिए वह स्कूल से अंडे की चोरी करता था. उसकी मां को चोरी के बारे में जानकारी नहीं थी, उसे पता था कि अंडा स्कूल में मिलता है. अखबार में खबर छपने के बाद तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने उस बच्चे को गोद ले लिया था. उसी बच्चे की यह कहानी है गिलुआ, जिसमें एक सात साल का गरीब बच्चा अपनी मां के लिए क्या-क्या त्याग करता है, यह दिखाने की कोशिश की गई है.