रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को मंगलवार को एक बार फिर से पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस की निगरानी में उन्हें कोर्ट लाया गया था. प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा कोर्ट से एक्स्ट्रा रिमांड का आग्रह किया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने ईडी के आग्रह को स्वीकार करते हुए चार दिन के और रिमांड की अनुमति दी है.
21 फरवरी को चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के घर पर ईडी की छापेमारी शुरू हुई थी. 22 फरवरी को ईडी ने वीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया. 23 फरवरी को वीरेंद्र राम को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की गई. जिस पर पीएमएलए कोर्ट की तरफ से ईडी के आग्रह को मानते हुए पांच दिन के रिमांड की अनुमति दी गई थी. जिसका समय 28 फरवरी को समाप्त हुआ. जिसके बाद ईडी ने एक बार फिर कोर्ट से आग्रह किया कि उन्हें रिमांड पर वीरेंद्र राम को लेने की अनुमति दें ताकि भ्रष्टाचार में संलिप्त और भी लोगों को पकड़ा जा सके. पीएमएलए कोर्ट के जज प्रभात कुमार ने ईडी के आग्रह को मानते हुए रिमांड की अवधि बढ़ाने की स्वीकृति दे दी.
कोर्ट से स्वीकृति मिलने के बाद सस्पेंडेड चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को होटवार जेल भेज दिया गया है. बुधवार से ईडी एक बार फिर उससे पूछताछ करेगी और उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वीरेंद्र राम को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था. बचाव पक्ष के वकील एसएस दुबे ने बताया कि ईडी की तरफ से नौ दिन की रिमांड की मांग की गई थी लेकिन ईडी को चार दिनों की ही अनुमति मिली है. वीरेंद्र राम के वकील एसएस दुबे ने बताया कि 4 दिन के बाद वह फिर अपने पक्ष को रखेंगे.
बता दें कि ग्रामीण विकास विभाग में बतौर चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम पर कई आरोप लगाए गए हैं. जिसमें आय से अधिक संपत्ति और वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं. ईडी के द्वारा की गई छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपए के जेवर वीरेंद्र राम के आवास से जब्त किए गए हैं. वहीं मिले कागजात के अनुसार रांची, पटना सहित कई शहरों में उनके मकान होने की बात सामने आई थी. ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद नगर विकास विभाग की तरफ से चीफ इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है.