रांची: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने राज्य सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ बैठक की, जिसमें सहमति बनी है कि बिजली मीटर रेंट नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि इसको लेकर सवाल उठा था कि उपभोक्ताओं से निगम मीटर का पैसा ले लेता है, फिर रेंट किस बात का लिया जाता है. वहीं कोरोना काल और चरमराई बिजली वितरण की स्थिति का हवाला देते हुए सभी ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं होने की मांग रखी है.
आयोग के सदस्य ने कहा है कि दर निर्धारण की प्रक्रिया की यह अंतिम कड़ी है, सवाल उठाया जा रहा था कि कोरोना काल में सुनवाई क्यों नहीं की जा रही है, लेकिन आयोग गाइडलाइन से बंधा है, टैरिफ पिटीशन दायर होने के 120 दिनों के अंदर निर्धारण किया जाना है. सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई कि बैठक के महज एक दिन पहले ही एजेंडा दिया गया.
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बिजली की दर में बढ़ोतरी पर फैसला लेने से पहले आयोग ने सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ वर्चुअल मीटिंग की है, जिसमें बिजली वितरण निगम की कार्यशैली को लेकर चर्चा हुई. साथ ही बिजली वितरण निगम के अधिकारियों ने दर में बढ़ोतरी के पक्ष में अपनी बातें रखी और वितरण की स्थिति का भी जिक्र किया, लेकिन फिर भी एक स्वर में सभी ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं किए जाने के बात उठाई.